हैदराबाद : साल 2002 में एक मौके पर ईटीवी के साथ बात करते हुए धनराज पिल्लै ने कहा था कि वे हॉकी के लिए विदेश कोच रखने के विचार से सहमत नहीं है. उन्होंने बताया था कि जोकिम कार्वाल्हो जैसे प्रशिक्षकों के साथ वे खुद खेलों के महाकुंभ यानी ओलंपिक खेलों में चार बार खेलने पहुंचे.
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारतीय हॉकी की कामयाबी के लिए धनराज पिल्लै (Dhanraj Pillay) ने कहा था कि हमें एक बड़े टूर्नामेंट की जीत हासिल करनी है. उन्होंने कहा था कि भारत की हॉकी के उत्थान के लिए ओलंपिक और वर्ल्ड कप जैसे आयोजनों में जीत हासिल करने की सख्त जरूरत है.
ईटीवी भारत आपके साथ शेयर कर रहा है धनराज पिल्लै से जुड़ी कुछ विशेष यादें--
बता दें कि राजीव गांधी खेल रत्न (Rajiv Gandhi Khel Ratna) पुरस्कार दिए जाने की शुरुआत साल 1991 में हुई थी. पुरस्कार किसी खिलाड़ी के पूरे साल में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिया जाता है.
राजीव गांधी खेल रत्न हॉकी (Rajiv Gandhi Khel Ratna Hockey) में अब तक महज तीन खिलाड़ियों को ही मिला है. इनमें साल 1999-2000 में उल्लेखनीय प्रदर्शन करने वाले दिग्गज हॉकी खिलाड़ी धनराज पिल्लै (Dhanraj Pillay) को सबसे पहले राजीव गांधी खेल रत्न दिया गया था.
फरवरी, 2021 में गुजरात में दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम के उद्घाटन के मौके पर भी ईटीवी भारत ने धनराज पिल्लै से विशेष बातचीत की थी. ईटीवी भारत संवाददाता आशीष पांचाल के साथ बात करते हुए धनराज पिल्लै ने कहा था कि जल्द ही इस तरह एक हॉकी स्टेडियम बनाया जाएगा. उन्होंने कहा था कि राजकोट में एक, बरडोडा में एक और देवगढ़ में एक-एक स्टेडियम हैं.
धनराज ने कहा था, सरकार देश में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सभी आवश्यक प्रयास कर रही है. मुझे लगता है कि इस प्रकार बुनियादी ढांचे के विकास से खिलाड़ियों को बढ़ने में मदद मिलेगी.
गुजरात में किसी खेल आयोजन में शिरकत करने पहुंचे धनराज पिल्लै से ईटीवी (Dhanraj Pillay ETV) भारत ने खास बातचीत की थी. उन्होंने कहा था कि भारत में खेल के क्षेत्र में सुविधाएं बढ़ रही हैं, ऐसे में हॉकी का भविष्य काफी उज्जवल है.
एक अन्य मौके पर श्रीलंका में भारतीय क्रिकेट टीम को मिली हार के बाद धनराज पिल्लै ने नाखुशी जाहिर की थी. उन्होंने कहा था कि खिलाड़ियों को एन्डॉर्समेंट करनी चाहिए, लेकिन अति करना गलत है.
क्रिकेट और हॉकी की तुलना पर धनराज पिल्लै ने कहा था कि दोनों खेलों ने देश को गौरव के क्षण दिए हैं. उन्होंने तत्कालीन क्रिकेट कप्तान सौरव गांगुली और अपनी तुलना से भी इनकार कर दिया था.
हॉकी की बेहतरी के लिए धनराज पिल्लै ने कहा था कि किसी भी कोच को टीम के साथ कम से कम तीन साल का वक्त दिया जाना चाहिए.
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गत वर्ष यानी 2020 के लिए महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल को राजीव गांधी खेल रत्न के लिए चुना गया था. रानी रामपाल 200 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय हॉकी मैच खेले हैं. उनके नाम कई रिकॉर्ड्स हैं. 2010 में एशियाई खेलों में रानी रामपाल ने उल्लेखनीय प्रदर्शन किया था. इसके बाद रानी एशियन हॉकी फेडरेशन की ऑल स्टार टीम में शामिल हुई थीं. 2020 में खेल रत्न अवॉर्ड मिलने तक 240 मैच खेल चुकीं रानी 118 गोल कर चुकी हैं. उनकी अगुवाई में पिछले साल भारत ने एफआईएच सीरीज का फाइनल जीता था.