नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 जनवरी को उत्तर प्रदेश के वाराणसी से दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज 'एमवी गंगा विलास' (MV Ganga Vilas) को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे. लग्जरी होटल जैसी सुविधाओं से लैश यह क्रूज 51 दिनों में 3,200 किलोमीटर की दूरी तय करेगा. यह क्रूज भारत एवं बांग्लादेश से गुजरने वाली 27 नदी प्रणालियों के रास्ते अपनी मंजिल पर पहुंचेगा. इस दौरान विश्व विरासत सहित 50 से अधिक पर्यटक स्थलों पर रुकेगा.
केंद्रीय बंदरगाह, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा है कि एमवी गंगा विलास का उद्घाटन होने के साथ ही भारत नदियों से क्रूज सफर के वैश्विक मानचित्र का हिस्सा बन जाएगा. उन्होंने कहा कि इससे देश में नदी पर्यटन के क्षेत्र में असीम संभावनाओं का द्वार खुलेगा. बयान के मुताबिक, वाराणसी में गंगा नदी पर होने वाली मशहूर गंगा आरती के साथ यह क्रूज अपने सफर पर निकलेगा. इस सफर में वह प्रसिद्ध बौद्ध तीर्थस्थल सारनाथ, तंत्र गतिविधियों के लिए मशहूर मायोंग और नदी में बने द्वीप माजुली भी जाएगा. क्रूज के इस पहले सफर में स्विट्जरलैंड के 32 सैलानी शामिल होंगे.
लग्जरी सुविधाओं से लैश है क्रूज : रिवर क्रूज़ का संचालन निजी कंपनियों अंतरा लक्ज़री रिवर क्रूज़ और जेएम बक्सी रिवर क्रूज़ के साथ-साथ इनलैंड वाटरवेज अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (IWAI) की साझेदारी से किया जाएगा. लक्ज़री नदी क्रूज पोत, गंगा विलास में 18 केबिन/इट्स और अन्य सभी सुविधाएं हैं. गंगा विलास को भविष्य को ध्यान में रखकर अद्वितीय ढंग से डिजाइन किया गया है.
इसमें एक तरफ जहां सांस्कृतिक छटा देखने को मिलती है वहीं यह आधुनिक सुविधाओं जैसे शॉवर के साथ बाथरूम, परिवर्तनीय बिस्तर, फ्रेंच बालकनी, एलईडी टीवी, स्मोक डिटेक्टर, लाइफ वेस्ट और स्प्रिंकलर से लैस है. गंगा विलास में अपने मेहमानों के लिए एक मधुर अनुभव प्रदान करने के लिए काफी कुछ सुविधाएं हैं इसमें एक रेस्तरां, स्पा और सनडेक है. इसके रेस्तरां में कॉन्टिनेंटल और भारतीय व्यंजन परोसने वाले कुछ बुफे काउंटर हैं.
जानिए क्या है रूट प्लान : पूर्व में जारी समय सारिणी के अनुसार गंगा विलास क्रूज वाराणसी से अपनी यात्रा शुरू करेगा और 8वें दिन बक्सर, रामनगर और गाजीपुर होते हुए पटना पहुंचेगा. पटना से क्रूज कोलकाता के लिए रवाना होगा और 20वें दिन फरक्का और मुर्शिदाबाद होते हुए पश्चिम बंगाल की राजधानी पहुंचेगा. अगले दिन, यह ढाका के लिए रवाना होगा और बांग्लादेश की सीमा में प्रवेश करेगा. यह अगले 15 दिनों तक बांग्लादेश के जलक्षेत्र में रहेगा. अंत में, यह सिबसागर के माध्यम से नौकायन करने और डिब्रूगढ़ में अपने अंतिम गंतव्य तक पहुंचने से पहले गुवाहाटी के माध्यम से भारत वापस आ जाएगा.
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The launch of world’s longest river cruise with MV Ganga Vilas by Prime Minister Narendra Modi on 13 January, 2023 in Varanasi will herald a new age of river cruise tourism for India, said Union minister Sarbananda Sonowal: Ministry of Ports, Shipping and Waterways pic.twitter.com/Hma1nF0rUt
— ANI (@ANI) January 8, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) January 8, 2023
गंगा विलास क्रूज पर सवार अतिथि वाराणसी से लेकर - पृथ्वी पर सबसे पुराने शहरों में से एक और हिंदू धर्म के भीतर एक महत्वपूर्ण स्थल - परित्यक्त बौद्ध मठ विक्रमशिला तक के शानदार भारतीय स्थलों का दौरा करेंगे. यात्रा का बांग्लादेश चरण उन्हें अन्य ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थानों के बीच सोनारगांव के पुराने शहर और अलंकृत 1400 के युग की साठ गुंबद मस्जिद की सुंदरता को देखने का मौका देगा.
विदेशी पर्यटक भी करेंगे यात्रा : एमवी गंगा विलास की पहली यात्रा में स्विट्जरलैंड के 32 पर्यटक वाराणसी से डिब्रूगढ़ की यात्रा का आनंद लेंगे. एमवी गंगा विलास के डिब्रूगढ़ पहुंचने की संभावित तिथि 1 मार्च, 2023 है.
जानिए पोत के बारे में : एमवी गंगा विलास पोत 62 मीटर लंबा, 12 मीटर चौड़ा है. ये आराम से 1.4 मीटर के ड्राफ्ट के साथ चलता है. इसमें तीन डेक हैं, 36 पर्यटकों की क्षमता वाले बोर्ड पर 18 सुइट हैं, जिसमें पर्यटकों के लिए एक यादगार और शानदार अनुभव प्रदान करने के लिए सभी सुविधाएं हैं. जहाज प्रदूषण मुक्त तंत्र और शोर नियंत्रण तकनीकों से लैस है.
फिलहाल देश में वाराणसी और कोलकाता के बीच आठ रिवर क्रूज संचालित हो रहे हैं. इसके अलावा दूसरे राष्ट्रीय जलमार्ग (ब्रह्मपुत्र नदी) पर भी क्रूज का आवागमन जारी है. दरअसल सरकार देश में रिवर क्रूज टूरिज्म की सफलता के लिए क्षमता निर्माण के लिए पूंजीगत व्यय कर रही है. देश में इस क्षेत्र के अधिकतम प्रदर्शन और तेजी से विकास के लिए नदी पर्यटन सर्किट को मौजूदा पर्यटन सर्किट के साथ विकसित और एकीकृत करने की भी तैयारी है.
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