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MP news: मध्यप्रदेश में अनोखी पहल, अब पुलिस स्टेशन में मुफ्त मिलेंगे सेनेटरी पैड, भोपाल के ग्रामीण थानों से होगी शुरुआत

मध्यप्रदेश के दूरस्थ जिलों के ग्रामीण इलाकों वाले थानों में महिलाओं के लिए सेनेटरी पेड बैंक शुरू किए जाएंगे. बतौर ट्रायल इसकी शुरुआत आदिवासी बाहुल्य जिले बैतूल से की जा चुकी है. अगले चरण में भोपाल जिले के ग्रामीण पुलिस स्टेशनों में इस योजना को शुरू किया जा रहा है.

free sanitary pads in police station
मुफ्त मिलेंगे सेनेटरी पैड
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Published : Mar 14, 2023, 7:37 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के बॉर्डर से सटे ग्रामीण इलाकों में रहने वाली महिलाओं को अब सेनेटरी पेड के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा. ऐसी महिलाओं के लिए अब पुलिस थानों में ही सेनेटरी पेड उपलब्ध रहेंगे. भोपाल जिले में ऐसे आधा दर्जन थाने हैं. इनमें नजीराबाद, बैरसिया, गुनगा, सूखी सेवनिया, बिलखिरिया, परवलिया, रातीबड़, खजूरी के थाने शामिल हैं. इन सभी थानों की हद में आने वाले इलाकों में यह पहल जल्द ही शुरू की जा रही है.

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स्वयंसेवी संस्था से होगा टाईअप: भोपाल पुलिस के अनुसार, इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए किसी स्वयंसेवी संस्था से टाईअप किया जाएगा. भोपाल के अलावा प्रदेश के ऐसे आदिवासी जिले, जिनमें मेडिकल स्टोर्स की सुविधा नहीं हैं, वहां भी इस योजना की शुरुआत की जाएगी. डिंडोरी, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, खंडवा, मंडला, छिंदवाड़ा, सिवनी, झाबुआ, बुरहानपुर, खरगोन, धार, रतलाम जैसे जिलों में इस योजना का विस्तार किया जाएगा.
बैतूल के 17 थानों में सेनेटरी पेड बैंक शुरू: बैतूल के कोतवाली थाने में अनूठी पहल (Unique Initiatives) शुरू करते हुए यहां महिला डेस्क ने सेनेटरी पैड बैंक खोला है. इस बैंक के द्वारा यहां आने वाली महिलाओं को मुफ्त सेनेटरी पैड दिए जा रहे हैं. महिला डेस्क का कहना है कि कई बार थाने में आने वाली महिलाएं ऐसी स्थिति में होती हैं कि उन्हें तुरंत सैनेटरी पैड की जरूरत होती है. जांच-पड़ताल में समय लगने के कारण वे कहीं जा नहीं पाती हैं. ऐसे में उन्हें समस्या होती है और बीमारी का खतरा भी बढ़ जाता है. इस कारण कोतवाली थाने की ओर से जरूरतमंद, गरीब, पीड़ित महिलाओं के लिए बैंक की शुरुआत की गई है.

सक्षम लोगों से लिया जाएगा लागत मूल्य: जानकारी के अनुसार, सेनेटरी पैड बैंक को जन सहयोग से संचालित किया जाएगा. जो लोग इसके लिए पैसे दे सकते हैं, उनसे केवल लागत मूल्य ही लिया जाएगा. यदि थाने आने वाली महिला के पास पैसे नहीं है तो उन्हें ये मुफ्त में दिया जाएगा. गौरतलब है कि बैतूल जिले की एसपी सिमाला प्रसाद हैं और उनका यह आइडिया मध्यप्रदेश पुलिस ने अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया था. इसके बाद इसे बाकी जिलों में शुरू करने की योजना बनाई गई.
2019 में पहला आम सेनेटरी पेड बैंक भी यहीं शुरू किया गया था: आदिवासी बाहुल्य पिछड़े जिले बैतूल में भले ही थानों में अब सेनेटरी पेड बैंक शुरू किया गया है, लेकिन इसकी शुरूआत वर्ष 2019 में अक्षय कुमार की फिल्म पैडमैन से प्रेरित होकर की गई थी. तब प्रदेश का पहला सेनेटरी पैड बैंक (Sanitary pad) बना था. अब एक बार फिर इस जिले ने अपना नाम पहले थाना सेनेटरी पेड बैंक में दर्ज करवा लिया है.

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के बॉर्डर से सटे ग्रामीण इलाकों में रहने वाली महिलाओं को अब सेनेटरी पेड के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा. ऐसी महिलाओं के लिए अब पुलिस थानों में ही सेनेटरी पेड उपलब्ध रहेंगे. भोपाल जिले में ऐसे आधा दर्जन थाने हैं. इनमें नजीराबाद, बैरसिया, गुनगा, सूखी सेवनिया, बिलखिरिया, परवलिया, रातीबड़, खजूरी के थाने शामिल हैं. इन सभी थानों की हद में आने वाले इलाकों में यह पहल जल्द ही शुरू की जा रही है.

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स्वयंसेवी संस्था से होगा टाईअप: भोपाल पुलिस के अनुसार, इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए किसी स्वयंसेवी संस्था से टाईअप किया जाएगा. भोपाल के अलावा प्रदेश के ऐसे आदिवासी जिले, जिनमें मेडिकल स्टोर्स की सुविधा नहीं हैं, वहां भी इस योजना की शुरुआत की जाएगी. डिंडोरी, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, खंडवा, मंडला, छिंदवाड़ा, सिवनी, झाबुआ, बुरहानपुर, खरगोन, धार, रतलाम जैसे जिलों में इस योजना का विस्तार किया जाएगा.
बैतूल के 17 थानों में सेनेटरी पेड बैंक शुरू: बैतूल के कोतवाली थाने में अनूठी पहल (Unique Initiatives) शुरू करते हुए यहां महिला डेस्क ने सेनेटरी पैड बैंक खोला है. इस बैंक के द्वारा यहां आने वाली महिलाओं को मुफ्त सेनेटरी पैड दिए जा रहे हैं. महिला डेस्क का कहना है कि कई बार थाने में आने वाली महिलाएं ऐसी स्थिति में होती हैं कि उन्हें तुरंत सैनेटरी पैड की जरूरत होती है. जांच-पड़ताल में समय लगने के कारण वे कहीं जा नहीं पाती हैं. ऐसे में उन्हें समस्या होती है और बीमारी का खतरा भी बढ़ जाता है. इस कारण कोतवाली थाने की ओर से जरूरतमंद, गरीब, पीड़ित महिलाओं के लिए बैंक की शुरुआत की गई है.

सक्षम लोगों से लिया जाएगा लागत मूल्य: जानकारी के अनुसार, सेनेटरी पैड बैंक को जन सहयोग से संचालित किया जाएगा. जो लोग इसके लिए पैसे दे सकते हैं, उनसे केवल लागत मूल्य ही लिया जाएगा. यदि थाने आने वाली महिला के पास पैसे नहीं है तो उन्हें ये मुफ्त में दिया जाएगा. गौरतलब है कि बैतूल जिले की एसपी सिमाला प्रसाद हैं और उनका यह आइडिया मध्यप्रदेश पुलिस ने अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया था. इसके बाद इसे बाकी जिलों में शुरू करने की योजना बनाई गई.
2019 में पहला आम सेनेटरी पेड बैंक भी यहीं शुरू किया गया था: आदिवासी बाहुल्य पिछड़े जिले बैतूल में भले ही थानों में अब सेनेटरी पेड बैंक शुरू किया गया है, लेकिन इसकी शुरूआत वर्ष 2019 में अक्षय कुमार की फिल्म पैडमैन से प्रेरित होकर की गई थी. तब प्रदेश का पहला सेनेटरी पैड बैंक (Sanitary pad) बना था. अब एक बार फिर इस जिले ने अपना नाम पहले थाना सेनेटरी पेड बैंक में दर्ज करवा लिया है.

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