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MP News: दोहरी मुश्किल में मनोज मुंतशिर, इस्लाम और सनातन समर्थक विरोध में, देनी पड़ सकती है कोर्ट में हाजिरी

गीतकार और लेखक मनोज मुंतशिर की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. आदिपुरुष के डॉयलॉग्स बदलने के बाद भी लोग उनको कोर्ट तक घसीटने की तैयारी कर रहे हैं. भोपाल में उनके खिलाफ इस्लाम और सनातन समर्थक दोनों ने लीगल लड़ाई शुरू कर दी है.

Manoj Muntashir
मनोज मुंतशिर
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Published : Jul 4, 2023, 5:48 PM IST

मनोज मुंतशिर के खिलाफ शिकायत

भोपाल। आदिपुरुष मूवी फिल्म सनातन समाज के विरोध के बाद बुरी तरह फ्लॉप हो गई. इसके डाॅयलॉग भी बदल दिए गए और रेट भी कम कर दिए, लेकिन फिल्म का विरोध नहीं थमा. इस विरोध के खिलाफ फिल्म के लेखक व गीतकार मनोज मुंतशिर बार-बार सामने आकर बयान देते रहे और इसी से इनकी मुश्किल बढ़ती गई. अब ताजा मामला भोपाल में मुंतशिर के खिलाफ दोहरी शिकायत का है. एक महीने पहले मनोज को भोपाल हिस्ट्री फाेरम ने एक नोटिस भेजा था, जिसका जवाब देने की अवधि खत्म हो रही है, लेकिन अब दूसरा मामला शहर के एक वकील ने मनोज मुंतशिर के खिलाफ एफआईआर का आवेदन दे दिया है.

bhopal court notice to Manoj Muntashir
शिकायत की कॉपी

भोपाल के वकील ने मुंतशिर के खिलाफ की शिकायत: इन वकील का नाम एडवोकेट आनंद शर्मा है और इन्होंने एमपी नगर थाने में शिकायत की है. शिकायत में लिखा है कि आदिपुरुष फिल्म रामायण के ऊपर आधारित है. इसकी कहानी को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया है. फिल्म में हमारे आराध्य भगवान हनुमान जी को गलत तरीके से दर्शाया गया है. फिल्म में हिंदू देवी देवताओं का अपमान किया गया है. मनोज मुंतशिर और फिल्म के डायरेक्टर ओम राउत ने डॉयलॉग में तुच्छ दर्जे के शब्दों का उपयोग किया है. हद यह है कि जब एक चैनल पर इन डाॅयलॉग को लेकर मनोज मुंतशिर से स्पष्टीकरण मांगा गया तो उन्होंने हनुमान जी को भगवान मानने से ही इंकार कर दिया और कहा कि वे तो महज भक्त हैं. शिकायत के साथ कुछ लिंक की कॉपी भी पुलिस को भेजी गई हैं. इसमें मांग की गई है कि टी सीरिज कंपनी, रेत्रोफील्स, निर्देशक एवं लेखक ओम राउत, को-राइटर मनोज मुंतशिर के खिलाफ आईपीसी की 1860 की धारा 153ए, 295ए, 504, 505 (2) के अतिरिक्त आईटी एक्ट के उचित प्रावधानों के अंतर्गत एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है. यह शिकायत एमपी नगर थाने में की गई है. एमपी नगर थाने के प्रभारी से बात की तो उन्होंने बताया कि शिकायत आई है और उसे लीगल ओपिनियन के लिए कोर्ट में भेजा गया है.

bhopal court notice to Manoj Muntashir
शिकायत की कॉपी

भोपाल हिस्ट्री फोरम भी कोर्ट जाने की तैयारी में: भोपाल का स्थापना गौरव दिवस 1 जून को मनाया गया था. इस दिन सरकारी कार्यक्रम में बतौर वक्ता गीतकार और लेखक मनोज मुंतशिर को आमंत्रित किया था. उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि राजा भोज भोपाल के संस्थापक हैं और भोपाल का नाम भोजपाल कर दिया जाए. यह भी कहा था कि भोपाल 1949 में आजाद हुआ था. भोपाल के लोभी नवाब ने भोपाल की आजादी को कैद करके रखा था. यह भी कहा कि भोपाल नवाब भोपाल पर पाकिस्तान का परचम लहराना चाहते थे. उन्हें लुटेरा भी बताया गया. इसके विरुद्ध भोपाल हिस्ट्री फोरम ने जवाब देते हुए कहा कि आपके यह प्रमाणिक उद्बोधन भोपाल के सभी पुराने अभिलेखों के विपरीत तथ्य रखते हैं.

bhopal court notice to Manoj Muntashir
मनोज मुंतशिर को नोटिस

यहां पढ़ें...

MP News
मनोज मुंतशिर को नोटिस

जवाब नहीं आने पर होगी लीगल कार्रवाई: दिए गए नोटिस के अनुसार 15 अगस्त 1947 को भोपाल में तिरंगे के साथ प्रभात फेरी निकाली गई थी, यह प्रमाणित है कि 15 अगस्त 1947 के पूर्व भी नवाब ने सभी 562 देसी रियासतों के साथ खुद को शामिल कर लिया था. भोपाल भारतीय संघ में शामिल हो चुका था. भोपाल में 6 से लेकर 30 जनवरी तक 24 दिन चलाया गया विलीनीकरण आंदोलन भोपाल को मध्य भारत में विलीन करने का आंदोलन था, न कि भारत में विलय करने का. 30 अप्रैल 1949 को मर्जर एग्रीमेंट भोपाल का प्रशासन भारत शासन द्वारा टेकओवर का मर्जर एग्रीमेंट था. उक्त एग्रीमेंट का प्रारंभिक कथन निम्नानुसार है. इसमें भोपाल को आजाद करने का कहीं उल्लेख नहीं है, बल्कि प्रशासन भारत सरकार द्वारा किए जाने का उल्लेख है. भोपाल हिस्ट्री फाेरम के सदस्य और एडवोकेट शाहनवाज खान से इस मामले में बात की तो उन्होंने बताया कि हमारे भेजे गए नोटिस की अवधि पूरी होने वाली है, लेकिन अब मनोज मुंतशिर का कोई जवाब नहीं आया है. उन्होंने कहा कि इस हफ्ते हम भोपाल हिस्ट्री फोरम की बैठक करेंगे और इसमें फैसला लेंगे कि आगे क्या लीगल एक्शन लेना है.

मनोज मुंतशिर के खिलाफ शिकायत

भोपाल। आदिपुरुष मूवी फिल्म सनातन समाज के विरोध के बाद बुरी तरह फ्लॉप हो गई. इसके डाॅयलॉग भी बदल दिए गए और रेट भी कम कर दिए, लेकिन फिल्म का विरोध नहीं थमा. इस विरोध के खिलाफ फिल्म के लेखक व गीतकार मनोज मुंतशिर बार-बार सामने आकर बयान देते रहे और इसी से इनकी मुश्किल बढ़ती गई. अब ताजा मामला भोपाल में मुंतशिर के खिलाफ दोहरी शिकायत का है. एक महीने पहले मनोज को भोपाल हिस्ट्री फाेरम ने एक नोटिस भेजा था, जिसका जवाब देने की अवधि खत्म हो रही है, लेकिन अब दूसरा मामला शहर के एक वकील ने मनोज मुंतशिर के खिलाफ एफआईआर का आवेदन दे दिया है.

bhopal court notice to Manoj Muntashir
शिकायत की कॉपी

भोपाल के वकील ने मुंतशिर के खिलाफ की शिकायत: इन वकील का नाम एडवोकेट आनंद शर्मा है और इन्होंने एमपी नगर थाने में शिकायत की है. शिकायत में लिखा है कि आदिपुरुष फिल्म रामायण के ऊपर आधारित है. इसकी कहानी को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया है. फिल्म में हमारे आराध्य भगवान हनुमान जी को गलत तरीके से दर्शाया गया है. फिल्म में हिंदू देवी देवताओं का अपमान किया गया है. मनोज मुंतशिर और फिल्म के डायरेक्टर ओम राउत ने डॉयलॉग में तुच्छ दर्जे के शब्दों का उपयोग किया है. हद यह है कि जब एक चैनल पर इन डाॅयलॉग को लेकर मनोज मुंतशिर से स्पष्टीकरण मांगा गया तो उन्होंने हनुमान जी को भगवान मानने से ही इंकार कर दिया और कहा कि वे तो महज भक्त हैं. शिकायत के साथ कुछ लिंक की कॉपी भी पुलिस को भेजी गई हैं. इसमें मांग की गई है कि टी सीरिज कंपनी, रेत्रोफील्स, निर्देशक एवं लेखक ओम राउत, को-राइटर मनोज मुंतशिर के खिलाफ आईपीसी की 1860 की धारा 153ए, 295ए, 504, 505 (2) के अतिरिक्त आईटी एक्ट के उचित प्रावधानों के अंतर्गत एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है. यह शिकायत एमपी नगर थाने में की गई है. एमपी नगर थाने के प्रभारी से बात की तो उन्होंने बताया कि शिकायत आई है और उसे लीगल ओपिनियन के लिए कोर्ट में भेजा गया है.

bhopal court notice to Manoj Muntashir
शिकायत की कॉपी

भोपाल हिस्ट्री फोरम भी कोर्ट जाने की तैयारी में: भोपाल का स्थापना गौरव दिवस 1 जून को मनाया गया था. इस दिन सरकारी कार्यक्रम में बतौर वक्ता गीतकार और लेखक मनोज मुंतशिर को आमंत्रित किया था. उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि राजा भोज भोपाल के संस्थापक हैं और भोपाल का नाम भोजपाल कर दिया जाए. यह भी कहा था कि भोपाल 1949 में आजाद हुआ था. भोपाल के लोभी नवाब ने भोपाल की आजादी को कैद करके रखा था. यह भी कहा कि भोपाल नवाब भोपाल पर पाकिस्तान का परचम लहराना चाहते थे. उन्हें लुटेरा भी बताया गया. इसके विरुद्ध भोपाल हिस्ट्री फोरम ने जवाब देते हुए कहा कि आपके यह प्रमाणिक उद्बोधन भोपाल के सभी पुराने अभिलेखों के विपरीत तथ्य रखते हैं.

bhopal court notice to Manoj Muntashir
मनोज मुंतशिर को नोटिस

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मनोज मुंतशिर को नोटिस

जवाब नहीं आने पर होगी लीगल कार्रवाई: दिए गए नोटिस के अनुसार 15 अगस्त 1947 को भोपाल में तिरंगे के साथ प्रभात फेरी निकाली गई थी, यह प्रमाणित है कि 15 अगस्त 1947 के पूर्व भी नवाब ने सभी 562 देसी रियासतों के साथ खुद को शामिल कर लिया था. भोपाल भारतीय संघ में शामिल हो चुका था. भोपाल में 6 से लेकर 30 जनवरी तक 24 दिन चलाया गया विलीनीकरण आंदोलन भोपाल को मध्य भारत में विलीन करने का आंदोलन था, न कि भारत में विलय करने का. 30 अप्रैल 1949 को मर्जर एग्रीमेंट भोपाल का प्रशासन भारत शासन द्वारा टेकओवर का मर्जर एग्रीमेंट था. उक्त एग्रीमेंट का प्रारंभिक कथन निम्नानुसार है. इसमें भोपाल को आजाद करने का कहीं उल्लेख नहीं है, बल्कि प्रशासन भारत सरकार द्वारा किए जाने का उल्लेख है. भोपाल हिस्ट्री फाेरम के सदस्य और एडवोकेट शाहनवाज खान से इस मामले में बात की तो उन्होंने बताया कि हमारे भेजे गए नोटिस की अवधि पूरी होने वाली है, लेकिन अब मनोज मुंतशिर का कोई जवाब नहीं आया है. उन्होंने कहा कि इस हफ्ते हम भोपाल हिस्ट्री फोरम की बैठक करेंगे और इसमें फैसला लेंगे कि आगे क्या लीगल एक्शन लेना है.

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