भोपाल। मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में 20 चीते रह रहे हैं. ये चीते दक्षिण अफ्रीका के नामीबिया से लाए गए थे. हालांकि इनमें से पिछले दिनों एक चीते की मौत हो चुकी है. नामीबिया से लाए गए गए चीतों में एक का नाम प्रधानमंत्री मोदी पहले ही आशा रख चुके हैं. फ्रेंडी का नाम शौर्य रखा गया है, जबकि तिब्लिसी का नाम धात्री रखा गया. ओवान को अब पवन के नाम से जाना जाएगा, जबकि सवाना को नाभा नाम दिया गया है. सियाया अब ज्वाला और एल्टन अब गौरव के नाम से जाना जाएगा.
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Congratulations to the winners and hoping that the Cheetahs continue to remain happy as well as healthy. https://t.co/gnGh0Y0PFw
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दक्ष, पावक और तेजस जैसे नाम : दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों में वाटरबर्ग मंडल वयस्क नर को उदय नाम दिया गया है. वाटरबर्ग बायोस्फीयर वयस्क नर-2 को प्रभाष नाम दिया गया है. जबकि वाटरबर्ग बयोस्फीयर नर -3 को पावक नाम दिया गया हैं. मादा चीता फिंडा को दक्ष नाम दिया गया है. मापेसू को निर्वा नाम दिया गया है. फिंडा वयस्क 1 को वायु, फिंडा वयस्क 2 को अग्नि नाम दिया गया हैं. तस्वालू मादा चीतो को गामिनी, तस्वालू वयस्क नर को तेजस नाम दिया गया है. तस्वालू वयस्क मादा को वीरा, तस्वालू नर चीतो को सूरज नाम दिया गया है. वयस्क मादा चीता वाटरवर्ग जीवमंडल का नाम धीरा रखा गया है.
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लोगों के सुझाव के आधार पर नाम बदले : 17 सितंबर 2022 को नामीबिया से पहली खेप में कूनो नेशनल पार्क में 8 चीते लाए गए थे. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इन्हें कूनो के बाडे में छोड़ा था. इसके बाद इस साल 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते आए थे. प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में लोगों से अपील की थी कि इन चीतों को भारतीय नाम दिए जाएं. पीएम ने लोगों से चीतों के नाम रखने के लिए सुझाव देने की अपील की थी. इसके बाद लोगों ने माय जिओ एप पर बड़ी संख्या में अपने सुझाव दिए. लोगों के सुझाव पर चीतों के भारतीय नाम रखे गए.