रायपुर: केंद्र सरकार ने मिलेट्स को मिड डे मील में शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. अब स्कूलों में सोया चिक्की का स्थान मिलेट्स से बने पकवान लेंगे. केंद्र का मोदी सरकार को यह प्रस्ताव छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल की ओर से दिया गया था . इससे जहां बच्चों में पोषक तत्वों की कमी दूर होगी, वहीं मिलेट्स उत्पादन के लिए किसानों को बढ़ावा मिलेगा. प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना के तहत इसकी शुरुआत फिलहाल छत्तीसगढ़ के 12 जिलों में होगी. सप्ताह के चार दिन सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिलेटस से बने पकवान बांटे जाएंगे.
केंद्र की योजना में संशोधन का भेजा था प्रस्ताव: लोक शिक्षण संचालनालय की ओर से प्रदेश सरकार की मंशा के मुताबिक केंद्र सरकार को प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना में आंशिक संशोधित का प्रस्ताव दिया गया था. इसके मुताबिक सोया चिक्की के बदले मिलेट्स से बनी खाद्य सामग्री वितरित करने का सुझाव दिया गया था. लोक शिक्षण संचालनालय के प्रस्ताव को पीएम पोषण मिशन के डायरेक्टर की ओर से मंजूरी कर लिया गया है.
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छत्तीसगढ़ में मिलेटस किसानों को भरपूर प्रोत्साहन: मिलेट्स उत्पादन के लिए छत्तीतगढ़ में किसानों को खूब प्रोत्साहित किया जा रहा है. कोदो, कुटकी और रागी जैसे मिलेटस समर्थन मूल्य पर उपार्जित किए जा रहे हैं. इसके अलावा मिलेट मिशन के तहत राज्य के मिलेट्स उत्पादक किसानों को 9 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी भी दी जा रही है.
सोया चिक्की के लिए मिले थे 17.87 करोड़: प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना की वार्षिक कार्ययोजना में केंद्र की मोदी सरकार की ओर से छत्तीसगढ़ के 7 जिलों में बच्चों को पूरक पोषण आहार देने की योजना बनी थी. इसके तहत 55 दिनों के लिए सोया चिक्की बच्चों को वितरित करने के लिए केंद्र की ओर से 17.87 करोड़ रुपए और राज्य सरकार की ओर से 11.98 करोड़ रुपए यानी कुल 29.95 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई थी.