भोपाल। पांच राज्यों के चुनाव में देश की हाईप्रोफाईल सीटों पर गिनी जाने वाली बुधनी विधानसभा सीट का चुनाव वोटर के एंटरटेनमेंट का कम्पलीट डोज भी रहा है. शिवराज सिंह चौहान का निर्वाचन क्षेत्र होने की वजह से अब तक बुधनी सीट सुर्खियों में रही थी. लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव में इस सीट की चर्चा बॉलीवुड एक्टर विक्रम मस्ताल और मिर्ची बाबा की वजह से और ज्यादा है. राजनीति में पहला ही चुनाव एमपी में सबसे ज्यादा रिकार्ड वाले सीएम के मुकाबले में लड़ रहे विक्रम मस्ताल को कांग्रेस ने उतारा है. तो समाजवादी पार्टी ने 2018 से विवादों में सुनाई देते रहे मिर्ची बाबा को मौका दिया है.
नेता के मुकाबले खड़ा अभिनेता...बुधनी का चुनाव: बुधनी विधानसभा सीट को एमपी में बीजेपी के गढ़ के तौर पर जाना जाता है. चार बार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधनी को लेकर इतने आश्वस्त हो चुके हैं कि वो वोट मांगने बुधनी जाते भी नहीं. यहां पूरा प्रचार अब उनकी पत्नि साधना सिंह और बेटे संभालते हैं. कांग्रेस ने इस बार बुधनी का मुकाबला रोचक बना दिया. जब पार्टी ने यहां से विक्रम मस्ताल को अपना कैंडिडेट बनाया.
बुधनी में ही जन्मे चालीस बरस के विक्रम मस्ताल ने चुनाव लड़ने की वजह ही ये बताई कि वे बुधनी के हालात देखकर इतने दुखी थे कि उन्होंने चुनाव लड़ने का मन बना लिया. दिलचस्प बात ये है कि जब वोट मांगने निकले तो उन्होंने शिवराज सिंह चौहान के बुधनी में उनके बड़े भाई से भी अपने लिए वोट मांगने में संकोच नहीं किया. कांग्रेस इस सीट को लेकर तंज कसती रही है कि इस बार बुधनी में एक्टर और एक्टर के बीच ही मुकाबला है.
बाबा...मिर्ची किसे लगी: रेप के आरोप से बरी होने के बाद सियासत में आए मिर्ची बाबा को समाजवादी पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया. मिर्ची बाबा के सियासी स्टंट की वजह से भी ये चुनाव सुर्खियों में रहा. कभी उनके साड़ियां बांटने की शिकायत चुनाव आयोग में हुई. इस मामले में उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई. लेकिन मिर्ची बाबा ने सपा सुप्रीमो की भी उस समय किरकिरी करवा दी. जब बुधनी में मिर्ची बाबा के समर्थन में सभा लेने पहुंचे अखिलेश यादव को खाली कुर्सियां देख उल्टे पांव लौटना पड़ा.
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82 साल के बुजुर्ग शिवराज के सामने: इस बार के चुनाव में सीएम शिवराज के बुधनी विधानसभा में सबसे बुजुर्ग प्रत्याशी मैदान में है. अब्दुल रशीद की उम्र 82 साल है. इनका मुकाबला तेज तर्रार प्रत्याशी शिवराज सिंह चौहान से है. जो की पिछले 18 साल से मुख्यमंत्री हैं. 2018 में भी अब्दुल रशीद मैदान में निर्दलीय उतरे थे.
बुधनी में जीत की हैट्रिक बना चुके हैं शिवराज: सीएम शिवराज बुधनी से छठवीं बार चुनाव मैदान में हैं. बड़ी बात ये है कि अब वे बुधनी चुनाव प्रचार के लिए भी नहीं जाते. बुधनी सीट से 1990 में सीएम शिवराज ने पहली बार चुनाव लड़ा फिर मुख्यमंत्री बनने के बाद दूसरा चुनाव 2006 में हुआ. फिर 2008 से 2018 तक तीन चुनावो में बुधनी से जीत कर सीएम शिवराज विधानसभा पहुंचे. और मुख्यमत्री भी बनें.