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भैया शिवराज निभाएंगे अपना वादा, हर महीने 3 हजार देने का ऐलान, पढ़िए कैसे एमपी में गेम चेंजर बनी लाड़ली बहना - 100 दिन में करोड़ों महिलाओं तक पहुंची लाड़ली बहना

Ladli Behna Game Changer In MP: मध्य प्रदेश में बीजेपी की प्रचंड जीत को लेकर जहां कार्यकर्ता जीत का जश्न मना रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ इस प्रचंड जीत का क्रेडिट लाड़ली बहनों को दिया जा रहा है. बीजेपी की इस योजना ने एमपी में सारी तस्वीर बदलकर रख दी.

Ladli Behna game changer in MP
गेम चेंजर लाड़ली बहना
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 4, 2023, 5:55 PM IST

Updated : Dec 4, 2023, 6:34 PM IST

लाड़ली बहनों से मिले सीएम शिवराज

भोपाल। एमपी में बीजेपी की बंपर जीत के साथ हर जुबा पर एक बात है, कि ये लाड़ली बहना का कमाल है. जिसे गेम चेंजर बता कर बीजेपी लाई. उस लाड़ली बहना योजना ने कैसे 6 महीने में बाजी पलट दी. कैसे इस योजना के बूते एमपी में दिखाई दे रही एंटी इन्कबेंसी प्रो इनकमबेसी में बदल गई. टारगेट कितना बड़ा था और चुनाव से पहले योजना का अमल में आकर जमीन तक पहुंचना कितना चुनौतीपूर्ण. कर्नाटक की तर्ज पर कांग्रेस ने तो केवल इस योजना पर अमल का दावा किया था. बीजेपी ने कैसे इस दावे को चुनाव के पहले ही हकीकत में बदल दिया. चुनाव के बाद सीएम शिवराज ने लाड़ली बहनों को हर महीने 3 हजार देने का वादा किया.

एक हजार में मेरी बहना है....टाइमिंग खास: लाड़ली लक्ष्मी योजना की तरह बीजेपी ने लाड़ली बहना योजना की लांचिंग में टाइमिंग का खास ख्याल रखा. चुनावी साल की शुरुआत में ये योजना लांच की गई. शिवराज सरकार ने मार्च महीने में इसे लांच कर दिया और चुनाव नजदीक आते-आते तक प्रदेश की सवा करोड़ से ज्यादा महिलाओं के खाते में लाड़ली बहना योजना की किश्त आ चुकी थी. चुनाव नजदीक आते तक इसमें इजाफा करके इसे 1250 रुपए तक कर दिया गया. टाइमिंग का हर बार ध्यान रखा गया. जिस महीने में वोटिंग थी, उस महीन में भी 17 नवम्बर को वोटिंग थी और दस नवम्बर तक महिलाओं के खाते में इस योजना की आर्थिक सहायता पहुंच चुकी थी.

Ladli Behna game changer in MP
लाड़ली बहनों से मिलते सीएम शिवराज

शिवराज का प्रचार...कांग्रेस आई तो स्कीम बंद: एक तरफ जब इस योजना के फार्म भरवाए जाने से लेकर आर्थिक सहायता आने तक बार बार ये कहा गया कि बीजेपी की ओर से कि अगर कांग्रेस आई तो ये योजना बंद हो जाएगी. शिवराज ने तो लगभग अपनी हर चुनावी सभा में कहा कि अगर बहनों ये चाहती हो कि तुम्हारे खाते में पैसा आता रहे तो बीजेपी को ही वोट देना. अगर कांग्रेस को वोट दे दिया तो समझ लो किश्त भी बंद हो जाएगी और योजना भी.

चुनाव की तारीखों तक ये बयान बहनों के दिमाग में बैठ गया था. वरिष्ठ राजनीतिक विशलेषक प्रकाश भटनागर कहते हैं 'इसमें शिवराज की अपनी निजी छवि ने भी बहुत काम किया. शिवराज का सबसे बड़ा वोट बैंक 2008 से ही महिला वोटरों में हैं. लाड़ली लक्ष्मी के साथ ही उन्होने ये बता दिया था कि आधी आबादी को लेकर वो कितने फिक्रमंद हैं. लिहाजा जब उन्होंने ये योजना लांच की और उसे बढ़ाया तो आधी आबादी का समर्थन मिलने में उन्हें देर नहीं लगी. दूसरी बात थी कि ये पैसा सीधे महिलाओं के खाते में जा रहा था. उनके पति या घर के किसी और सदस्य के खात में नहीं.

Ladli Bahna Scheme
लाड़ली बहनों में शिवराज का क्रेज

100 दिन...और सवा करोड़ महिलाओं तक पहुंचने का टास्क: चुनौती बड़ी थी केवल सौ दिन का समय था और सवा करोड़ से ज्यादा महिलाओं के खाते में धनराशि पहुंचानी थी. जो इसके लिए सिस्टम बनाया गया सरकार में उनके लिए तो ये किसी इम्तेहान से कम नहीं था. केवाईसी के जरिए ये राह आसान हुई. आधार लिंक्ड फोन नंबर से भी मदद मिली. सबसे बड़ी बात सरकारी सिस्टम में जो इस प्रोसेस को जितना जल्दी किया गया. इधर पार्टी में भी इन लाभार्थियों की सूची थी. ये ट्रैकिंग भी जारी थी.

कमलनाथ ने कहा 1500 देंगे...शिवराज ने 12 सौ कर दिए: तू डाल-डाल तो मैं पात-पात में चली लाड़ली बहना स्कीम. जैसे ही कमलनाथ ने कहा कि सत्ता में आने पर वे इसकी राशि पंद्रह सौ रुपए कर देंगे. महिला स्वाभिमान योजना के फार्म भरवाए जा रहे थे. तब तक शिवराज इस योजना की राशि बारह सौ पचास किए जाने का फैसला कर चुके थे. इसी तरह की योजना का लाभ ले रही महिला भारती कहती हैं, हमने तो कांग्रेस वाला फार्म भी नहीं भरा था. जो पैसा दे रहा है, उसपे भरोसा करेंगे ना. कांग्रेस तो कह रही थी कि देंगे दिया तो नहीं. लेकिन क्या बारह सौ पचास रुपए से मदद हो जाती है. भारती कहती हैं शिवराज भैय्या ने इतना तो सोचा. वरना तो एक-एक रुपए के लिए पूरा दिन खटते हैं हम लोग. यही इमोशनल कनेक्ट था. शिवराज ने जो जो जज्बाती तार छेड़े....वो सीधे ईवीएम तक गए है और बहनों ने बीजेपी को बंपर वोटों से जीत दिला दी.

Ladli Behna game changer in MP
लाड़ली बहनों से मिलते सीएम शिवराज

यहां पढ़ें...

शिवराज ने 3 हजार देने का किया वादा: चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी लाडली बहनों को भूले नहीं. मुख्यमंत्री ने परिणाम आने के बाद लाड़ली बहनों का आभार व्यक्त किया. सीएम निवास पर शिवराज सिंह ने भोजन करने के बाद सीधे लाड़ली बहनों के बीच पहुंचे थे. जहां उन्होंने उनका आशीर्वाद लिया. साथ ही हर महीने तीन हजार देने का वाद किया.

लाड़ली बहनों से मिले सीएम शिवराज

भोपाल। एमपी में बीजेपी की बंपर जीत के साथ हर जुबा पर एक बात है, कि ये लाड़ली बहना का कमाल है. जिसे गेम चेंजर बता कर बीजेपी लाई. उस लाड़ली बहना योजना ने कैसे 6 महीने में बाजी पलट दी. कैसे इस योजना के बूते एमपी में दिखाई दे रही एंटी इन्कबेंसी प्रो इनकमबेसी में बदल गई. टारगेट कितना बड़ा था और चुनाव से पहले योजना का अमल में आकर जमीन तक पहुंचना कितना चुनौतीपूर्ण. कर्नाटक की तर्ज पर कांग्रेस ने तो केवल इस योजना पर अमल का दावा किया था. बीजेपी ने कैसे इस दावे को चुनाव के पहले ही हकीकत में बदल दिया. चुनाव के बाद सीएम शिवराज ने लाड़ली बहनों को हर महीने 3 हजार देने का वादा किया.

एक हजार में मेरी बहना है....टाइमिंग खास: लाड़ली लक्ष्मी योजना की तरह बीजेपी ने लाड़ली बहना योजना की लांचिंग में टाइमिंग का खास ख्याल रखा. चुनावी साल की शुरुआत में ये योजना लांच की गई. शिवराज सरकार ने मार्च महीने में इसे लांच कर दिया और चुनाव नजदीक आते-आते तक प्रदेश की सवा करोड़ से ज्यादा महिलाओं के खाते में लाड़ली बहना योजना की किश्त आ चुकी थी. चुनाव नजदीक आते तक इसमें इजाफा करके इसे 1250 रुपए तक कर दिया गया. टाइमिंग का हर बार ध्यान रखा गया. जिस महीने में वोटिंग थी, उस महीन में भी 17 नवम्बर को वोटिंग थी और दस नवम्बर तक महिलाओं के खाते में इस योजना की आर्थिक सहायता पहुंच चुकी थी.

Ladli Behna game changer in MP
लाड़ली बहनों से मिलते सीएम शिवराज

शिवराज का प्रचार...कांग्रेस आई तो स्कीम बंद: एक तरफ जब इस योजना के फार्म भरवाए जाने से लेकर आर्थिक सहायता आने तक बार बार ये कहा गया कि बीजेपी की ओर से कि अगर कांग्रेस आई तो ये योजना बंद हो जाएगी. शिवराज ने तो लगभग अपनी हर चुनावी सभा में कहा कि अगर बहनों ये चाहती हो कि तुम्हारे खाते में पैसा आता रहे तो बीजेपी को ही वोट देना. अगर कांग्रेस को वोट दे दिया तो समझ लो किश्त भी बंद हो जाएगी और योजना भी.

चुनाव की तारीखों तक ये बयान बहनों के दिमाग में बैठ गया था. वरिष्ठ राजनीतिक विशलेषक प्रकाश भटनागर कहते हैं 'इसमें शिवराज की अपनी निजी छवि ने भी बहुत काम किया. शिवराज का सबसे बड़ा वोट बैंक 2008 से ही महिला वोटरों में हैं. लाड़ली लक्ष्मी के साथ ही उन्होने ये बता दिया था कि आधी आबादी को लेकर वो कितने फिक्रमंद हैं. लिहाजा जब उन्होंने ये योजना लांच की और उसे बढ़ाया तो आधी आबादी का समर्थन मिलने में उन्हें देर नहीं लगी. दूसरी बात थी कि ये पैसा सीधे महिलाओं के खाते में जा रहा था. उनके पति या घर के किसी और सदस्य के खात में नहीं.

Ladli Bahna Scheme
लाड़ली बहनों में शिवराज का क्रेज

100 दिन...और सवा करोड़ महिलाओं तक पहुंचने का टास्क: चुनौती बड़ी थी केवल सौ दिन का समय था और सवा करोड़ से ज्यादा महिलाओं के खाते में धनराशि पहुंचानी थी. जो इसके लिए सिस्टम बनाया गया सरकार में उनके लिए तो ये किसी इम्तेहान से कम नहीं था. केवाईसी के जरिए ये राह आसान हुई. आधार लिंक्ड फोन नंबर से भी मदद मिली. सबसे बड़ी बात सरकारी सिस्टम में जो इस प्रोसेस को जितना जल्दी किया गया. इधर पार्टी में भी इन लाभार्थियों की सूची थी. ये ट्रैकिंग भी जारी थी.

कमलनाथ ने कहा 1500 देंगे...शिवराज ने 12 सौ कर दिए: तू डाल-डाल तो मैं पात-पात में चली लाड़ली बहना स्कीम. जैसे ही कमलनाथ ने कहा कि सत्ता में आने पर वे इसकी राशि पंद्रह सौ रुपए कर देंगे. महिला स्वाभिमान योजना के फार्म भरवाए जा रहे थे. तब तक शिवराज इस योजना की राशि बारह सौ पचास किए जाने का फैसला कर चुके थे. इसी तरह की योजना का लाभ ले रही महिला भारती कहती हैं, हमने तो कांग्रेस वाला फार्म भी नहीं भरा था. जो पैसा दे रहा है, उसपे भरोसा करेंगे ना. कांग्रेस तो कह रही थी कि देंगे दिया तो नहीं. लेकिन क्या बारह सौ पचास रुपए से मदद हो जाती है. भारती कहती हैं शिवराज भैय्या ने इतना तो सोचा. वरना तो एक-एक रुपए के लिए पूरा दिन खटते हैं हम लोग. यही इमोशनल कनेक्ट था. शिवराज ने जो जो जज्बाती तार छेड़े....वो सीधे ईवीएम तक गए है और बहनों ने बीजेपी को बंपर वोटों से जीत दिला दी.

Ladli Behna game changer in MP
लाड़ली बहनों से मिलते सीएम शिवराज

यहां पढ़ें...

शिवराज ने 3 हजार देने का किया वादा: चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी लाडली बहनों को भूले नहीं. मुख्यमंत्री ने परिणाम आने के बाद लाड़ली बहनों का आभार व्यक्त किया. सीएम निवास पर शिवराज सिंह ने भोजन करने के बाद सीधे लाड़ली बहनों के बीच पहुंचे थे. जहां उन्होंने उनका आशीर्वाद लिया. साथ ही हर महीने तीन हजार देने का वाद किया.

Last Updated : Dec 4, 2023, 6:34 PM IST
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