ETV Bharat / bharat

विस्मया मामला: कोर्ट ने पति को ठहराया दोषी, सोना-जमीन-कार मिलने पर भी था नाखुश - court convicts husband for dowry

केरल की एक जिला अदालत ने विस्मया मामले में पति को दोषी ठहराया है. सरकारी वकील ने कहा कि यह फैसला किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं, बल्कि सामाजिक बुराई के खिलाफ है. विस्मया ने अपने पति (कुमार) पर दहेज को लेकर प्रताड़ित करने के साथ-साथ अपने शरीर पर चोट और मारपीट की भी शिकायत की थी. 2020 में शादी के दौरान कुमार को सोना और एक एकड़ से अधिक जमीन के अलावा 10 लाख रुपये की एक कार दहेज में दी गई थी.

kumar, vismaya
विस्मया, कुमार
author img

By

Published : May 23, 2022, 6:58 PM IST

कोल्लम (केरल) : केरल की एक अदालत ने सोमवार को आयुर्वेद की छात्रा विस्मया के पति को दहेज हत्या और आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी ठहराया. विस्मया ने पिछले साल जून में अपने ससुराल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) जी. मोहनराज ने कहा कि अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश-1 सुजीत के. एन. ने पति को आईपीसी और दहेज निषेध अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत दहेज उत्पीड़न के अपराध में दोषी ठहराया.

एसपीपी ने कहा कि अभियोजन पक्ष और दोषी की ओर से दलीलें सुनने के बाद अदालत द्वारा मंगलवार को सजा सुनाए जाने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष दोषी एस. किरण कुमार के लिए अधिकतम सजा की मांग करेगा. एसपीपी ने कहा, ‘‘यह फैसला एक सामाजिक बुराई के खिलाफ है न कि किसी व्यक्ति के खिलाफ है.’’ आईपीसी की धारा 304बी के तहत दहेज हत्या के अपराध में न्यूनतम सात साल और अधिकतम उम्र कैद की सजा का प्रावधान है. आईपीसी की धारा 498ए के तहत दहेज उत्पीड़न और धारा 306 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने के अपराध में क्रमशः तीन साल और 10 साल की जेल की अधिकतम सजा होती है.

kumar, vismaya
शादी के बाद की तस्वीर (कुमार-विस्मया).

विस्मया के पिता ने अदालत के बाहर पत्रकारों से कहा कि उनकी बेटी को न्याय मिला है. उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष और जांच दल के प्रयासों के लिए आभार व्यक्त करने के वास्ते उनके पास शब्द नहीं हैं. फैसला सुनाए जाने से ठीक पहले राज्य के परिवहन मंत्री एंटनी राजू ने कहा कि आपराधिक मामले में अदालत के फैसले के बावजूद कुमार को सेवा से बर्खास्त करने के राज्य सरकार के फैसले में कोई बदलाव नहीं होगा.

कुमार सहायक मोटर वाहन निरीक्षक था जो उच्चतम न्यायालय से मिले जमानत पर बाहर था. हालांकि, उसकी दोषसिद्धि के साथ उसे मिली जमानत रद्द हो गई और पुलिस ने उसे अदालत से हिरासत में ले लिया. उसे जिला जेल ले जाया गया और वहां से मंगलवार को अदालत में पेश किया जाएगा. पुलिस द्वारा अदालत से बाहर ले जाए जाने के दौरान कुमार से पत्रकारों ने फैसले को लेकर बार-बार सवाल पूछा जिसका उसने जवाब नहीं दिया.

विस्मया के भाई और मां ने भी फैसले का स्वागत किया. घर से खबर देख रही विस्मया की मां की आंखों में आंसू थे. उन्होंने कहा कि उनकी बेटी को इंसाफ मिल गया है. उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि कुमार को अधिकतम सजा मिलेगी. विस्मया के भाई ने भी इसी तरह की बात कही. विस्मया के भाई ने एक समाचार चैनल से कहा कि इस फैसले से उनकी बहन वापस तो नहीं आ पाएगी लेकिन उम्मीद है कि फैसला ऐसी कुरीतियों को रोकने का काम करेगा और उनकी बहन जैसी अनगिनत महिलाओं को इस तरह के संकट से बचाने में मदद करेगा.

मामले की जांच की निगरानी कर रहीं आईजी हर्षिता अटालूरी ने भी फैसले का स्वागत किया और संवाददाताओं से कहा कि यह समाज में दहेज प्रथा के खिलाफ एक संदेश देने का काम करेगा. उन्होंने कहा कि पीड़िता के उत्पीड़न और क्रूरता के पीछे दहेज ही कारण था जिसके कारण उसने यह कदम उठाया. अदालत ने 17 मई को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. केरल पुलिस ने अपने 500 पृष्ठों के आरोपपत्र में कहा था कि विस्मया ने दहेज प्रताड़ना के चलते आत्महत्या की थी. 22 वर्षीय विस्मया 21 जून, 2021 को कोल्लम जिले के सस्थामकोट्टा में अपने पति के घर में मृत पाई गई थी.

घटना से एक दिन पहले, विस्मया ने कुमार द्वारा दहेज को लेकर कथित रूप से प्रताड़ित करने के साथ-साथ अपने शरीर पर चोट और मारपीट के निशान की तस्वीरें अपने रिश्तेदारों को व्हाट्सऐप संदेश में भेजी थी. उसके पिता ने एक टीवी चैनल को बताया था कि 2020 में शादी के दौरान कुमार को सोना और एक एकड़ से अधिक जमीन के अलावा 10 लाख रुपये की एक कार दहेज में दी गई थी. पिता ने बताया कि कुमार को कार पसंद नहीं आई और वह 10 लाख रुपये नकद चाहता था. जब उसे बताया गया कि यह संभव नहीं है, तो वह विस्मया को प्रताड़ित करने लगा.

कोल्लम (केरल) : केरल की एक अदालत ने सोमवार को आयुर्वेद की छात्रा विस्मया के पति को दहेज हत्या और आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी ठहराया. विस्मया ने पिछले साल जून में अपने ससुराल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) जी. मोहनराज ने कहा कि अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश-1 सुजीत के. एन. ने पति को आईपीसी और दहेज निषेध अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत दहेज उत्पीड़न के अपराध में दोषी ठहराया.

एसपीपी ने कहा कि अभियोजन पक्ष और दोषी की ओर से दलीलें सुनने के बाद अदालत द्वारा मंगलवार को सजा सुनाए जाने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष दोषी एस. किरण कुमार के लिए अधिकतम सजा की मांग करेगा. एसपीपी ने कहा, ‘‘यह फैसला एक सामाजिक बुराई के खिलाफ है न कि किसी व्यक्ति के खिलाफ है.’’ आईपीसी की धारा 304बी के तहत दहेज हत्या के अपराध में न्यूनतम सात साल और अधिकतम उम्र कैद की सजा का प्रावधान है. आईपीसी की धारा 498ए के तहत दहेज उत्पीड़न और धारा 306 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने के अपराध में क्रमशः तीन साल और 10 साल की जेल की अधिकतम सजा होती है.

kumar, vismaya
शादी के बाद की तस्वीर (कुमार-विस्मया).

विस्मया के पिता ने अदालत के बाहर पत्रकारों से कहा कि उनकी बेटी को न्याय मिला है. उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष और जांच दल के प्रयासों के लिए आभार व्यक्त करने के वास्ते उनके पास शब्द नहीं हैं. फैसला सुनाए जाने से ठीक पहले राज्य के परिवहन मंत्री एंटनी राजू ने कहा कि आपराधिक मामले में अदालत के फैसले के बावजूद कुमार को सेवा से बर्खास्त करने के राज्य सरकार के फैसले में कोई बदलाव नहीं होगा.

कुमार सहायक मोटर वाहन निरीक्षक था जो उच्चतम न्यायालय से मिले जमानत पर बाहर था. हालांकि, उसकी दोषसिद्धि के साथ उसे मिली जमानत रद्द हो गई और पुलिस ने उसे अदालत से हिरासत में ले लिया. उसे जिला जेल ले जाया गया और वहां से मंगलवार को अदालत में पेश किया जाएगा. पुलिस द्वारा अदालत से बाहर ले जाए जाने के दौरान कुमार से पत्रकारों ने फैसले को लेकर बार-बार सवाल पूछा जिसका उसने जवाब नहीं दिया.

विस्मया के भाई और मां ने भी फैसले का स्वागत किया. घर से खबर देख रही विस्मया की मां की आंखों में आंसू थे. उन्होंने कहा कि उनकी बेटी को इंसाफ मिल गया है. उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि कुमार को अधिकतम सजा मिलेगी. विस्मया के भाई ने भी इसी तरह की बात कही. विस्मया के भाई ने एक समाचार चैनल से कहा कि इस फैसले से उनकी बहन वापस तो नहीं आ पाएगी लेकिन उम्मीद है कि फैसला ऐसी कुरीतियों को रोकने का काम करेगा और उनकी बहन जैसी अनगिनत महिलाओं को इस तरह के संकट से बचाने में मदद करेगा.

मामले की जांच की निगरानी कर रहीं आईजी हर्षिता अटालूरी ने भी फैसले का स्वागत किया और संवाददाताओं से कहा कि यह समाज में दहेज प्रथा के खिलाफ एक संदेश देने का काम करेगा. उन्होंने कहा कि पीड़िता के उत्पीड़न और क्रूरता के पीछे दहेज ही कारण था जिसके कारण उसने यह कदम उठाया. अदालत ने 17 मई को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. केरल पुलिस ने अपने 500 पृष्ठों के आरोपपत्र में कहा था कि विस्मया ने दहेज प्रताड़ना के चलते आत्महत्या की थी. 22 वर्षीय विस्मया 21 जून, 2021 को कोल्लम जिले के सस्थामकोट्टा में अपने पति के घर में मृत पाई गई थी.

घटना से एक दिन पहले, विस्मया ने कुमार द्वारा दहेज को लेकर कथित रूप से प्रताड़ित करने के साथ-साथ अपने शरीर पर चोट और मारपीट के निशान की तस्वीरें अपने रिश्तेदारों को व्हाट्सऐप संदेश में भेजी थी. उसके पिता ने एक टीवी चैनल को बताया था कि 2020 में शादी के दौरान कुमार को सोना और एक एकड़ से अधिक जमीन के अलावा 10 लाख रुपये की एक कार दहेज में दी गई थी. पिता ने बताया कि कुमार को कार पसंद नहीं आई और वह 10 लाख रुपये नकद चाहता था. जब उसे बताया गया कि यह संभव नहीं है, तो वह विस्मया को प्रताड़ित करने लगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.