ग्वालियर। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि उनकी पूर्वज बैजाबाई ने ज्ञानवापी मंदिर स्थित कुएं में शिवलिंग का संरक्षण किया था. इसके साथ ही सिंधिया ने हिंदू राष्ट्र को लेकर भी बयान दिया है. ग्वालियर में आयोजित 77वां रामलीला मंचन के आयोजन को देखने अपनी पत्नी और अपने पुत्र के साथ पहुंचे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संबोधित करते हुए हुए भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की बात कही. उन्होंने कहा कि सत्य का रास्ता हमेशा कठिन होता है. उसमें संघर्ष बहुत होते हैं लेकिन जीत सत्य की ही होती है.
काशी के घाट भी सिंधिया परिवार ने बनवाए : सिंधिया यहीं नही रुके. उन्होंने ज्ञानवापी को इतिहास के पन्नों में मंदिर बताया. इसके अलावा सिंधिया ने प्रधानमंत्री मोदी के ग्वालियर दौरे पर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि काशी और ग्वालियर का रिश्ता है. काशी के सबसे बड़े घाट सिंधिया परिवार द्वारा स्थापित किए गए. गंगा महल और बालाजी घाट सिंधिया परिवार द्वारा स्थापित किया गया. सिंधिया ने कहा कि काशी के केवल घाट ही नहीं, अन्य मंदिर भी और उसके संरक्षण का काम भी सिंधिया राजवंश ने किया है.
ये खबरें भी पढ़ें... |
काशी के मंदिरों के संरक्षण का दावा : सिंधिया ने कहा कि जिस समय विदेशी आक्रमणकारी हमारे देश में आए, तब महादजी महाराज थे, जिन्होंने काशी के मंदिरों का संरक्षण किया. वहीं बैजाबाई महारानी थीं, जिन्होंने ज्ञानवापी कुएं में शिवलिंग का संरक्षण करके अहिल्याबाई माता के साथ दोबारा स्थापित करने का कार्य किया. बता दें कि सिंधिया के इस बयान को इतिहास के गर्त से निकाला एक बड़ा दांव माना जा रहा है, क्योंकि इस वक्त ज्ञानवापी का मामला कोर्ट में विचाराधीन है. कोर्ट के आदेश पर एएसआई द्वारा सर्वे भी किया गया है.