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केन्द्र के वार्ताकार और मुइवा ने कैंप हेब्रोन में की नगा मुद्दे पर चर्चा - एनएससीएन सरकार नागा

गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नई दिल्ली में भारत-नागा शांति वार्ता के बारे में कहा कि नगा समूह द्वारा मांगे गए अलग नगा ध्वज और संविधान सहित दो विवादास्पद मुद्दों की दिशा में भी कुछ सकारात्मक की उम्मीद की जा रही है.

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Published : Apr 20, 2022, 7:30 PM IST

नई दिल्ली: नगा शांति वार्ता के लिए केंद्र के वार्ताकार एके मिश्रा और एनएससीएन (आईएम) के महासचिव थुइंगालिंग मुइवा ने मंगलवार को हेब्रोन में संगठन के शिविर में बैठक की. यह स्थान दिमापुर से 30 किलोमीटर दूर है. यह पहली बार है कि नगा राजनीतिक मुद्दे पर केन्द्र के प्रतिनिधि और नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालिम (आईएम) के इसाक मुइवा) धड़े के बीच बैठक नगा संगठन के किसी शिविर के भीतर हुई है.

एनएससीएन (आईएम) के गृह मामलों के किलोंसर मंत्री) एम डैनियल लोथा ने बैठक की पुष्टि की और कहा कि यह बैठक एनएससीएन (आईएम) मुख्यालय में लगभग दो घंटे तक चली. उन्होंने कहा कि मिश्रा और मुइवा वार्ताकार के दिल्ली रवाना होने से पहले फिर से मिलने पर सहमत हुए हैं लेकिन उन्होंने मंगलवार को हुई बैठक का कोई ब्योरा नहीं दिया.

केंद्र सरकार ने तीन नगा विद्रोही समूहों के साथ हुए संघर्ष विराम समझौते की अवधि को एक साल के लिए और बढ़ा दिया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बयान में यह जानकारी दी. गृह मंत्रालय ने बयान में कहा कि नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड/एनके (एनएससीएन/एनके), नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड/रिफॉर्मेशन (एनएससीएन/आर) और नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड/के-खान्गो (एनएससीएन/के-खान्गो) के साथ हुए संघर्ष विराम समझौते को एक साल के लिए बढ़ाया जाता है.

यह भी पढ़ें- रक्षा क्षेत्र में 'आत्मनिर्भर' भारत, इस साल लक्ष्य से अधिक 'घरेलू खरीदारी'

इन युद्धविराम समझौतों को एक वर्ष की एक और अवधि के लिए आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया. एनएससीएन/एनके और एनएससीएन/आर के साथ यह संघर्ष विराम समझौता 28 अप्रैल 2022 से लेकर 27 अप्रैल 2023 तक जबकि एनएससीएन/के-खान्गो के साथ यह संघर्ष विराम समझौता 18 अप्रैल 2022 से लेकर 17 अप्रैल 2023 तक प्रभावी रहेगा.

नई दिल्ली: नगा शांति वार्ता के लिए केंद्र के वार्ताकार एके मिश्रा और एनएससीएन (आईएम) के महासचिव थुइंगालिंग मुइवा ने मंगलवार को हेब्रोन में संगठन के शिविर में बैठक की. यह स्थान दिमापुर से 30 किलोमीटर दूर है. यह पहली बार है कि नगा राजनीतिक मुद्दे पर केन्द्र के प्रतिनिधि और नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालिम (आईएम) के इसाक मुइवा) धड़े के बीच बैठक नगा संगठन के किसी शिविर के भीतर हुई है.

एनएससीएन (आईएम) के गृह मामलों के किलोंसर मंत्री) एम डैनियल लोथा ने बैठक की पुष्टि की और कहा कि यह बैठक एनएससीएन (आईएम) मुख्यालय में लगभग दो घंटे तक चली. उन्होंने कहा कि मिश्रा और मुइवा वार्ताकार के दिल्ली रवाना होने से पहले फिर से मिलने पर सहमत हुए हैं लेकिन उन्होंने मंगलवार को हुई बैठक का कोई ब्योरा नहीं दिया.

केंद्र सरकार ने तीन नगा विद्रोही समूहों के साथ हुए संघर्ष विराम समझौते की अवधि को एक साल के लिए और बढ़ा दिया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बयान में यह जानकारी दी. गृह मंत्रालय ने बयान में कहा कि नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड/एनके (एनएससीएन/एनके), नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड/रिफॉर्मेशन (एनएससीएन/आर) और नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड/के-खान्गो (एनएससीएन/के-खान्गो) के साथ हुए संघर्ष विराम समझौते को एक साल के लिए बढ़ाया जाता है.

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इन युद्धविराम समझौतों को एक वर्ष की एक और अवधि के लिए आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया. एनएससीएन/एनके और एनएससीएन/आर के साथ यह संघर्ष विराम समझौता 28 अप्रैल 2022 से लेकर 27 अप्रैल 2023 तक जबकि एनएससीएन/के-खान्गो के साथ यह संघर्ष विराम समझौता 18 अप्रैल 2022 से लेकर 17 अप्रैल 2023 तक प्रभावी रहेगा.

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