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Railway woman Driver : कई मायनों में अलग हैं वंदे भारत की पहली महिला लोको पायलट सुरेखा यादव, पीएम मोदी ने भी की तारीफ

एशिया की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर बनकर इतिहास रचने वाली सुरेखा यादव एक बार फिर से चर्चाओं में है. इस बार पीएम मोदी ने उनकी तारीफ की है. पीएम ने वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चलाने वाली पहली महिला लोको पायलट बनने के लिए उनकी तारीफ की है.

Railway woman Driver
सुरेखा यादव
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Published : Mar 16, 2023, 9:50 AM IST

मुंबई: वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चलाने वाली पहली महिला लोको पायलट सुरेखा यादव की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सराहना की. पीएम मोदी ने इस उपलब्धि को अमृत काल की प्राप्ति का आश्वासन बताया. पीएम ने केंद्रीय मंत्री रावसाहेब पाटिल दानवे के ट्वीट का जवाब देते हुए कहा कि यह नए भारत की नारी शक्ति का विश्वास है. महिलाएं आज जीवन के हर क्षेत्र में जो उपलब्धियां हासिल कर रही हैं, वह विश्वास दिलाता है कि देश की आकांक्षाएं अमृत काल में साकार होंगी.

  • यह नए भारत की नारीशक्ति का आत्मविश्वास है! जीवन के हर क्षेत्र में आज महिलाएं जिन उपलब्धियों को अपने नाम दर्ज करा रही हैं, वो अमृतकाल में देश के संकल्पों के साकार होने का विश्वास दिलाती हैं। https://t.co/cyFvpubnsl

    — Narendra Modi (@narendramodi) March 15, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पढ़ें : International Women's Day : एशिया की पहिला महिला लोको पायलट सुरेखा यादव

पीएम के ट्विट के बाद सुरेखा यादव ने कहा कि मैं हमारे भारतीय रेलवे के प्रशासन को धन्यवाद देना चाहती हूं जिसने मुझे यह अवसर दिया. भारतीय रेलवे में अपनी 34 साल की सेवा के बाद मुझे यह अवसर मिलने पर बहुत खुशी महसूस हो रही है. 57 वर्षीय सुरेखा यादव हाल ही में शुरू की गई सेमी-हाई-स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को संचालित करने वाली पहली महिला हैं. सुरेखा कई मायनों में रेल सेवा में अग्रणी रही हैं. सुरेखा ने इस हफ्ते सोमवार को सोलापुर स्टेशन और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) के बीच सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन का संचालन किया.

पढ़ें : Stone Pelted at Vande Bharat Train : कर्नाटक में मैसूर-चेन्नई वंदे भारत एक्सप्रेस पर पथराव, छह खिड़कियाें के शीशे टूटे

1988 में महाराष्ट्र की सुरेखा यादव ट्रेन चलाने वाली देश की पहली महिला बनी थीं. वह CST से पुणे जाने वाली डेक्कन क्वीन ट्रेन जिसके रास्ते में पश्चिमी घाट पड़ते हैं की भी पहली महिला लोको पायलट हैं. यादव ने 2021 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर पहली महिला-कर्मचारी वाली मुंबई-लखनऊ स्पेशल ट्रेन का नेतृत्व भी किया. उनकी मां का नाम सोनाबाई और पिता रामचंद्र भोसले है. सुरेखा ने बताया कि उनकी बुनियादी शिक्षा सतारा में हुई. इसके बाद उन्होंने गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कॉलेज से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया था.

पढ़ें : Solapur Shirdi Vande Bharat : मोदी ने 'वंदे भारत' को दिखाई हरी झंडी, दाऊदी बोहरा समुदाय के साथ साझा किए पुराने रिश्ते

उन्होंने 80 के दशक के मध्य में रेलवे भर्ती बोर्ड की परीक्षा पास की. 1986 में प्रशिक्षु सहायक चालक के रूप में मध्य रेलवे में शामिल हुईं. 2010 में, उन्हें उनका खास चालकों के रूप में नामित किया गया जो पश्चिमी घाटों पर ट्रेन चलाने में सक्षम हैं. उन्होंने कल्याण में चालक प्रशिक्षण केंद्र (डीटीसी) में प्रशिक्षक के रूप में भी काम किया.

पढ़ें : Budget 2023 : रेलवे को बजट से उम्मीद, 500 वंदे भारत ट्रेनों के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए मांगी राशि

मुंबई: वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चलाने वाली पहली महिला लोको पायलट सुरेखा यादव की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सराहना की. पीएम मोदी ने इस उपलब्धि को अमृत काल की प्राप्ति का आश्वासन बताया. पीएम ने केंद्रीय मंत्री रावसाहेब पाटिल दानवे के ट्वीट का जवाब देते हुए कहा कि यह नए भारत की नारी शक्ति का विश्वास है. महिलाएं आज जीवन के हर क्षेत्र में जो उपलब्धियां हासिल कर रही हैं, वह विश्वास दिलाता है कि देश की आकांक्षाएं अमृत काल में साकार होंगी.

  • यह नए भारत की नारीशक्ति का आत्मविश्वास है! जीवन के हर क्षेत्र में आज महिलाएं जिन उपलब्धियों को अपने नाम दर्ज करा रही हैं, वो अमृतकाल में देश के संकल्पों के साकार होने का विश्वास दिलाती हैं। https://t.co/cyFvpubnsl

    — Narendra Modi (@narendramodi) March 15, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

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पीएम के ट्विट के बाद सुरेखा यादव ने कहा कि मैं हमारे भारतीय रेलवे के प्रशासन को धन्यवाद देना चाहती हूं जिसने मुझे यह अवसर दिया. भारतीय रेलवे में अपनी 34 साल की सेवा के बाद मुझे यह अवसर मिलने पर बहुत खुशी महसूस हो रही है. 57 वर्षीय सुरेखा यादव हाल ही में शुरू की गई सेमी-हाई-स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को संचालित करने वाली पहली महिला हैं. सुरेखा कई मायनों में रेल सेवा में अग्रणी रही हैं. सुरेखा ने इस हफ्ते सोमवार को सोलापुर स्टेशन और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) के बीच सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन का संचालन किया.

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1988 में महाराष्ट्र की सुरेखा यादव ट्रेन चलाने वाली देश की पहली महिला बनी थीं. वह CST से पुणे जाने वाली डेक्कन क्वीन ट्रेन जिसके रास्ते में पश्चिमी घाट पड़ते हैं की भी पहली महिला लोको पायलट हैं. यादव ने 2021 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर पहली महिला-कर्मचारी वाली मुंबई-लखनऊ स्पेशल ट्रेन का नेतृत्व भी किया. उनकी मां का नाम सोनाबाई और पिता रामचंद्र भोसले है. सुरेखा ने बताया कि उनकी बुनियादी शिक्षा सतारा में हुई. इसके बाद उन्होंने गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कॉलेज से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया था.

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उन्होंने 80 के दशक के मध्य में रेलवे भर्ती बोर्ड की परीक्षा पास की. 1986 में प्रशिक्षु सहायक चालक के रूप में मध्य रेलवे में शामिल हुईं. 2010 में, उन्हें उनका खास चालकों के रूप में नामित किया गया जो पश्चिमी घाटों पर ट्रेन चलाने में सक्षम हैं. उन्होंने कल्याण में चालक प्रशिक्षण केंद्र (डीटीसी) में प्रशिक्षक के रूप में भी काम किया.

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