नई दिल्ली : पूर्व सीजेआई और राज्य सभा सांसद रंजन गोगोई ने उनके खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव प्रस्तुत किए जाने पर कहा है कि कानून अपना काम करेगा. गोगोई ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि बुधवार को वे राज्य सभा की कार्यवाही में शामिल नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि वे सोमवार और मंगलवार को राज्य सभा की कार्यवाही में शामिल हुए थे. गोगोई ने उम्मीद जताई कि वे गुरुवार को राज्य सभा की कार्यवाही में शामिल होंगे.
पूर्व सीजेआई और राज्यसभा सांसद रंजन गोगोई के खिलाफ संसद की कार्यवाही में भाग न लेने के आरोप लगे हैं. कई पार्टियों के राज्यसभा सांसदों द्वारा सदन की कार्यवाही में भाग लेने संबंधी गोगोई की टिप्पणी पर आपत्ति दर्ज कराई और रंजन गोगोई के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव प्रस्तुत किया.
गौरतलब है कि गत 13 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (Ex CJI Ranjan Gogoi) के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव (Privilege Motion against Ranjan Gogoi) पेश किया गया. राज्य सभा के मनोनीत सदस्य रंजन गोगोई के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस के राज्य सभा सांसद मौसम नूर ने विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश (Mausam Noor Ranjan Gogoi Privilege motion) किया.
प्रस्ताव में कहा गया है कि गोगोई की टिप्पणी राज्य सभा की अवमानना (Ranjan Gogoi Rajya Sabha Contempt) थी. दरअसल, एक प्रमुख राष्ट्रीय समाचार चैनल पर साक्षात्कार के दौरान, रंजन गोगोई से राज्य सभा में उनकी उपस्थिति के बारे में पूछा गया.
रंजन गोगोई ने राज्य सभा में अपनी कम उपस्थिति के पीछे कोविड-19 प्रोटोकॉल और बैठने की व्यवस्था में सोशल डिस्टेंसिंग का हवाला दिया था. उन्होंने कहा था, मैं वहां जाने में सहज महसूस नहीं करता. सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों को लागू किया गया है, लेकिन उनका पालन नहीं किया जा रहा.
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बकौल गोगोई, राज्य सभा में बैठने की यह व्यवस्था मुझे बहुत सहज नहीं लगती है. उन्होंने कहा था, जब भी मन करता है वे राज्यसभा जाते हैं. जब उन्हें लगता है कि महत्व के मामलों पर उन्हें बोलना चाहिए, तो वे राज्य सभा जाते हैं. गोगोई ने साक्षात्कार के दौरान खुद को मनोनीत सदस्य बताते हुए कहा कि उन पर किसी पार्टी का व्हिप लागू नहीं होता है.