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MP News: महाकाल मंदिर में हो रहा शिवलिंग का क्षरण, GSI की रिपोर्ट ने बढ़ाई चिंता, गर्भ गृह में प्रवेश प्रतिबंध की सलाह

मध्यप्रदेश के महाकालेश्वर मंदिर को लेकर एएसाई की रिपोर्ट आई है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) और जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) की समिति ने चिंता जताई है. साथ ही गर्भ गृह में लोगों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने की बात कही है. (Erosion of Mahakal Shivling)

Erosion of Mahakal Shivling
भगवान महाकाल
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Published : Jun 20, 2023, 6:30 PM IST

Updated : Jun 20, 2023, 11:02 PM IST

महाकाल मंदिर में हो रहा शिवलिंग का क्षरण

उज्जैन। मध्य प्रदेश में स्थित विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में महाकाल शिवलिंग के क्षरण को लेकर एएसआई की आई रिपोर्ट ने चिंता जताई है. उन्होंने कहा की ज्योतिर्लिंग का क्षरण पहले के मुकाबले ज्यादा बढ़ा है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनी आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया और जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने रिपोर्ट में कहा है की 2021 में दिए गए कई सुझावों पर मंदिर समिति ने अमल नहीं किया. उन्होंने कहा की शिवलिंग पर भस्म का गिरना, श्रद्धालुओं की स्पर्श पूजा करते समय शिवलिंग को रगड़ने से ज्योतिर्लिंग को काफी नुकसान हुआ है. बता दें यह समिति 2019 में बनाई गई थी और उसके बाद से हर साल महाकाल परिसर का निरीक्षण कर सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट सौंपती है. (Erosion of Mahakal Shivling)

अभी तक 30% हुआ क्षरण: उज्जैन महाकाल क्षरण मामले में एएसआई और जीएसआई ने अप्रैल 2021 की रिपोर्ट में समिति को लिखा था कि रगड़ने, भस्म गिरने और स्पर्श पूजा से ज्योतिर्लिंग पर छोटे-छोटे छिद्र बन गए हैं और ये बढ़ रहे हैं. इनमें पूजन सामग्री के कण रह जाते हैं. इससे वैक्टीरिया पनपते हैं, जिससे क्षरण हो रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक शिवलिंग का आकार 50 सालों में धीरे-धीरे घटा है. सुप्रीम कोर्ट में पेश दस्तावेजों में बताया गया कि ऐसी ही लापरवाही से ओंकारेश्वर के ज्योतिर्लिंग को काफी नुकसान पहुंचा था. फिर ज्योतिर्लिंग पर वज्र लेप भस्म, शिलाजीत, गंधक, सीसा, कांसा और लोहे का मिश्रण लगाया गया, लेकिन तब तक ज्योतिर्लिंग के मूल स्वरूप के 30% हिस्से का क्षरण हो चुका था.

Erosion of Mahakal Shivling
भगवान महाकाल

आरो के पानी का हो रहा इस्तेमाल: इस संबंध में उज्जैन कलेक्टर कुमार पुरोषत्तम का कहना है की उज्जैन महाकाल करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है. महाकाल लोक बनने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है. यह सही है कि इसके पहले भी शिवलिंग क्षरण को लेकर ASI की रिपोर्ट आई थी. इसको लेकर लगातार मॉनिटिरिंग कराते हैं. यह बात भी सही है की शिवलिंग का क्षरण हुआ है और मौके पर दिखता भी है. इसके लिए हमें टीम की तरफ से कई सुझाव दिए गए थे. जिसका पालन हम करा रहे हैं. शिवलिंग पर जो जलाभिषेक होता है, उसके पानी को बदल कर आरो के पानी का इस्तेमाल किया जा रहा है. मंदिर में प्रवेश और निकासी को लेकर द्वार बनाने की बात मान्यताओं के चलते संभव नहीं है.

यहां पढ़ें...

Ujjain Mahakaleshwar Temple
महाकाल का अभिषेक करते पुजारी

सावन माह को लेकर बन रहा प्लान: कलेक्टर ने गर्भगृह में प्रवेश को लेकर कहा की अब श्रद्धालुओं को 4 दिन ही प्रवेश दिया जा रहा है. बाकि के दिनों में सीमित लोगों को ही प्रवेश दिया जा रहा है. सावन माह में आने वाली भीड़ के लिए प्लान तैयार किया जा रहा है. कोशिश कर रहे हैं की शिवलिंग का कम से कम नुकसान हो. उम्मीद करते हैं कि अगस्त से सारी सुविधाएं को ऊंचे लेवल पर ले जा पाएंगे. (Ujjain Mahakaleshwar Temple)

महाकाल मंदिर में हो रहा शिवलिंग का क्षरण

उज्जैन। मध्य प्रदेश में स्थित विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में महाकाल शिवलिंग के क्षरण को लेकर एएसआई की आई रिपोर्ट ने चिंता जताई है. उन्होंने कहा की ज्योतिर्लिंग का क्षरण पहले के मुकाबले ज्यादा बढ़ा है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनी आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया और जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने रिपोर्ट में कहा है की 2021 में दिए गए कई सुझावों पर मंदिर समिति ने अमल नहीं किया. उन्होंने कहा की शिवलिंग पर भस्म का गिरना, श्रद्धालुओं की स्पर्श पूजा करते समय शिवलिंग को रगड़ने से ज्योतिर्लिंग को काफी नुकसान हुआ है. बता दें यह समिति 2019 में बनाई गई थी और उसके बाद से हर साल महाकाल परिसर का निरीक्षण कर सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट सौंपती है. (Erosion of Mahakal Shivling)

अभी तक 30% हुआ क्षरण: उज्जैन महाकाल क्षरण मामले में एएसआई और जीएसआई ने अप्रैल 2021 की रिपोर्ट में समिति को लिखा था कि रगड़ने, भस्म गिरने और स्पर्श पूजा से ज्योतिर्लिंग पर छोटे-छोटे छिद्र बन गए हैं और ये बढ़ रहे हैं. इनमें पूजन सामग्री के कण रह जाते हैं. इससे वैक्टीरिया पनपते हैं, जिससे क्षरण हो रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक शिवलिंग का आकार 50 सालों में धीरे-धीरे घटा है. सुप्रीम कोर्ट में पेश दस्तावेजों में बताया गया कि ऐसी ही लापरवाही से ओंकारेश्वर के ज्योतिर्लिंग को काफी नुकसान पहुंचा था. फिर ज्योतिर्लिंग पर वज्र लेप भस्म, शिलाजीत, गंधक, सीसा, कांसा और लोहे का मिश्रण लगाया गया, लेकिन तब तक ज्योतिर्लिंग के मूल स्वरूप के 30% हिस्से का क्षरण हो चुका था.

Erosion of Mahakal Shivling
भगवान महाकाल

आरो के पानी का हो रहा इस्तेमाल: इस संबंध में उज्जैन कलेक्टर कुमार पुरोषत्तम का कहना है की उज्जैन महाकाल करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है. महाकाल लोक बनने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है. यह सही है कि इसके पहले भी शिवलिंग क्षरण को लेकर ASI की रिपोर्ट आई थी. इसको लेकर लगातार मॉनिटिरिंग कराते हैं. यह बात भी सही है की शिवलिंग का क्षरण हुआ है और मौके पर दिखता भी है. इसके लिए हमें टीम की तरफ से कई सुझाव दिए गए थे. जिसका पालन हम करा रहे हैं. शिवलिंग पर जो जलाभिषेक होता है, उसके पानी को बदल कर आरो के पानी का इस्तेमाल किया जा रहा है. मंदिर में प्रवेश और निकासी को लेकर द्वार बनाने की बात मान्यताओं के चलते संभव नहीं है.

यहां पढ़ें...

Ujjain Mahakaleshwar Temple
महाकाल का अभिषेक करते पुजारी

सावन माह को लेकर बन रहा प्लान: कलेक्टर ने गर्भगृह में प्रवेश को लेकर कहा की अब श्रद्धालुओं को 4 दिन ही प्रवेश दिया जा रहा है. बाकि के दिनों में सीमित लोगों को ही प्रवेश दिया जा रहा है. सावन माह में आने वाली भीड़ के लिए प्लान तैयार किया जा रहा है. कोशिश कर रहे हैं की शिवलिंग का कम से कम नुकसान हो. उम्मीद करते हैं कि अगस्त से सारी सुविधाएं को ऊंचे लेवल पर ले जा पाएंगे. (Ujjain Mahakaleshwar Temple)

Last Updated : Jun 20, 2023, 11:02 PM IST
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