मुंबई : विधानसभा के हुए चुनाव में उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक बार फिर प्रचंड जीत हासिल की है. भाजपा ने उत्तर प्रदेश में जहां 255 सीटें जीतकर अपनी ताकत साबित की है, वहीं गोवा में भी उसने 20 सीटें हासिल कर बहुमत प्राप्त किया है. यूपी और गोवा इन दोनों राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों का सीधा असर महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति पर पड़ेगा.
ऐसा इसलिए है क्योंकि महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी के घटक दलों ने इन दोनों राज्यों में चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमाई थी. इन दोनों ही राज्यों में कांग्रेस पार्टी ने खराब प्रदर्शन किया है. वहीं एनसीपी और शिवसेना जैसी पार्टियां अपनी जमा पूंजी भी नहीं बचा पाई हैं. इससे भाजपा और वैकल्पिक रूप से विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस को और ताकत मिली है और उन्होंने महाविकास सरकार पर हमला करना शुरू कर दिया है. दूसरी तरफ भाजपा राज्य सरकार को अस्थिर करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है. हालांकि सरकार का दावा है कि यह सरकार अपना कार्यकाल पूरा कर पाएगी, लेकिन महा विकास अघाड़ी के घटक दलों के नतीजे काफी खराब रहे हैं.
आगामी चुनाव महाविकास अघाड़ी सरकार के लिए मुश्किल
हाल ही में राज्य में जिला परिषदों और पंचायत समितियों में महाविकास अघाड़ी सरकार (Maha Vikas Aghadi government ) को भाजपा से थोड़ी ज्यादा सीटें मिलीं, लेकिन भाजपा की सीटों में ज्यादा कमी नहीं आई है. इस बारे में राजनीतिक विश्लेषक चंदन शिरवाले ने कहा कि गोवा और उत्तर प्रदेश के नतीजे आने के बाद हाशिये पर खड़े मतदाता जो कहते हैं कि भाजपा की लहर या जादू थम गया है, उनके लिए फिर से भाजपा की ओर रुख करने की संभावना है. उन्होंने कहा कि आगामी चुनावों में भाजपा की ताकत बढ़ सकती है और इसका सीधा असर महाविकास अघाड़ी सरकार पर पड़ सकता है.
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भाजपा ज्यादा मजबूत
भाजपा पिछले कुछ महीनों से राज्यपाल के माध्यम से महा विकास अघाड़ी सरकार को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है. वहीं उत्तर प्रदेश और गोवा में मिली सत्ता से भाजपा के प्रयास को और और मजबूती मिलेगी. पूर्व सीएम व भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस (former Maharashtra chief minister Devendra Fadnavis) एक बहुत ही महत्वाकांक्षी नेता हैं. वह पिछले कुछ समय से सरकार के खिलाफ अभियान चला रहे हैं और सरकार को मुश्किल में डालने और जल्द से जल्द सरकार बदलने का रास्ता खोजने के लिए कड़ी मेहनत करते रहेंगे.
इस मामले पर राजनीतिक विश्लेषक विवेक भावसार का कहना है कि सरकार पर अब एक तरह का स्वत: दबाव है. उन्होंने कहाकि इससे भाजपा और देवेंद्र फडणवीस की ताकत बढ़ी है. भावसार ने यह भी कहा कि जहां मुंबई में उत्तर भारतीय मतदाता, जिन्होंने खुद को मोदी से दूर कर लिया है उनके एक बार फिर प्रभावित होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. इसमें गोवा की सीमा से लगा कोंकण का इलाका भी शामिल है.
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