नई दिल्ली : कोरोना वायरस के चलते फ्लिपकार्ट, अमेजन और ग्रोफर्स जैसी ऑनलाइन कंपनियां होम डेलिवरी को फिर से शुरू करने से पहले कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित कर लेना चाहते हैं. इसके बाद ही यह ऑनलाइन कंपनियां दोबारा होम डेलिवरी शुरू करेंगी.
दरअसल, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी लॉकडाउन ऑर्डर में छूट श्रेणी में शामिल किए जाने के बावजूद, ई-कॉमर्स डेलिवरी फर्म जैसे कि अमेजन, फ्लिपकार्ट, ग्रोफर्स और अन्य कंपनियां आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति शुरू करने और ग्राहकों को सामान पहुंचाने के लिए अपने डेलिवरी स्टाफ की सुरक्षा के मुद्दे के साथ जूझ रही हैं.
बता दें कि फ्लिपकार्ट ने सभी ऑर्डर पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है. हालांकि आशा यह जताई जा रही है कि फ्लिपकार्ट जल्द ही ग्राहकों की आवश्यकताओं की पूर्ति करेगा.
अमेजन ने अधिकारियों से कहा है कि उसके डेलिवरी स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उसे जमीनी स्तर पर हो रही तैयारियों की जानकारी दी जाए.
वहीं ग्रोफर्स ने कहा कि यह आवश्यक रूप से होम डेलिवरी को फिर से शुरू करने के लिए अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, क्योंकि समाज के बहुत से कमजोर वर्ग आवश्यक होम डेलिवरी के लिए इस पर निर्भर थे.
ई-कॉमर्स की दिग्गज कंपनी फ्लिपकार्ट ने ईटीवी भारत को बताया, 'हमें स्थानीय कानून प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा हमारी आपूर्ति शृंखला और वितरण अधिकारियों के सुरक्षित और सुगम मार्ग का आश्वासन दिया गया है और आज हम किराना और आवश्यक सेवाओं को फिर से शुरू कर रहे हैं.'
फ्लिपकार्ट समूह के सीईओ कल्याण कृष्णमूर्ति ने कहा, 'हम अपने कुशल और मजबूत वितरण नेटवर्क का लाभ देशभर के ग्राहकों को उपलब्ध कराने और संकट के समय में देश को स्वच्छता और सुरक्षित आपूर्ति शृंखला के माध्यम से उपलब्ध कराने के लिए करेंगे.'
दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स फर्म अमेजन ने कहा कि उसने इस तथ्य की सराहना की है कि सरकार ने ई-कॉमर्स को नागरिकों को घर पर रहने और सामाजिक दूरी बनाए रखने में मदद करने के लिए आवश्यक माना है.
अमेजन ने कहा, 'हम घरेलू ऑन-स्टेपल, स्वास्थ्य और स्वच्छता उत्पाद, सैनिटाइजर, बेबी फॉर्मूला, और चिकित्सा आपूर्ति जैसे प्राथमिकता वाले सामानों की डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार और स्थानीय अधिकारियों के साथ काम कर रहे हैं.'
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उल्लेखनीय है बुधवार रात करीब 10.00 बजे तक कंपनी के मीडिया को दिए बयान के बावजूद जिसमें कहा गया थी कि डेलिवरी आज फिर से शुरू होगी. कंपनी की वेबसाइट (www.flipkart.com) पर 'पाउसड बट नॉट फॉर लॉन्ग (रुका हुआ, लेकिन लंबे समय तक नहीं) नोटिस, दिखाई दे रहा था.
इसके अलावा, ईटीवी भारत के पत्रकार द्वारा आवश्यक वस्तुओं को अगले दो दिनों के लिए कंपनी के नई दिल्ली कार्यालय में पहुंचाने के लिए दिया गया ऑर्डर स्वीकार नहीं किया गया है.
इसी प्रकार, गॉफर्स के माध्यम से ईटीवी भारत के नई दिल्ली कार्यालय में आवश्यक वस्तुओं का वितरण छह अप्रैल से पहले उपलब्ध नहीं है.
ईटीवी भारत को भेजे एक बयान में सीईओ और फाउंडर ऑफ ग्रोफर्स ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में, हमें अपने ऑपरेशन में कुछ झिझक का सामना करना पड़ा, जिसके कारण लगभग चार लाख ऑर्डर का बैकलॉग हुआ.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने कंपनियों को अपने कर्मचारियों को लॉकडाउन अवधि के दौरान घर से काम करने की अनुमति देने के लिए कहा है. स्थानीय किराने की दुकानों के अलावा, इसमें उन सेवाओं की सूची में ई-कॉमर्स कंपनियों को भी शामिल किया गया है, जो एनडीएमए के लॉकडाउन ऑर्डर से छूट प्राप्त कर रहे हैं क्योंकि बड़ी संख्या में मध्यम वर्ग के कामकाजी लोग और पेशेवर बिग बास्केट, ग्रोफर्स और अन्य होम डेलिवरी के लिए किराने का सामान की आपूर्ति के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों पर भरोसा करते हैं.
हालांकि, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज ई-कॉमर्स कंपनियों के डेलिवरी स्टाफ के सामने आने वाली कठिनाइयों की खबरों को खारिज कर दिया है, लॉकडाउन के कारण होम डेलिवरी को स्थगित कर दिया गया है.
फ्लिपकार्ट और अमेजन इंडिया ने अपने लंबित ऑर्डर की संख्या को ईटीवी भारत को बताने से इनकार कर दिया, जबकि ग्रोफर्स ने पुष्टि की कि देश में कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए सरकार द्वारा जारी निषेधात्मक आदेशों के बाद 4 लाख ऑर्डर लंबित थे.
ग्रोफर्स के सीईओ अल्बिंदर ढींडसा ने कहा, 'हम उन लोगों का समर्थन करने के लिए चौबीस घंटे काम कर रहे हैं जो हमारी सेवाओं पर अत्यधिक भरोसा कर रहे हैं और अपने घरों में आवश्यक आपूर्ति की प्रतीक्षा कर रहे हैं.'
उन्होंने कहा, 'हम समझते हैं कि हमारे समाज के बहुत से निम्न वर्ग हमारी सेवाओं पर अत्यधिक निर्भर हैं और हम इस जिम्मेदारी को बहुत गंभीरता से लेते हैं.'