नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि यदि भाजपा की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार सत्ता में वापस आती है तो वह राजकोषीय मोर्चे पर सूझबूझ से चलने और कर की दरें कम करने का सिलसिला बनाए रखेगी.
जेटली ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की सालाना आम सभा को संबोधित करते हुए कहा कि माल एवं सेवा (जीएसटी) परिषद ने उपभोग की कई वस्तुओं को कर की सबसे ऊंची 28 प्रतिशत की दर से घटाकर 12 या 18 प्रतिशत के दायरे में रखा है. हमारे एजेंडा में अगला कदम सीमेंट पर कर की दर घटाना है.
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जेटली ने कहा, "मैं कराधान नीतियों के संदर्भ में कहूंगा. मैं इसको लेकर इन दो मुद्दों पर पूरी तरह स्पष्ट हूं. कम से कम हमने राजकोषीय मोर्चे पर सावधानी बरती है और दरों को नीचे लाए. यदि हम सत्ता में रहते हैं तो इसी रास्ते पर आगे बढ़ेंगे."
आम चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान 11 अप्रैल को होना है. मतगणना 23 मई को होगी. वित्त मंत्री ने कहा कि भारत की वृद्धि दर 7 से 7.5 प्रतिशत के बीच स्थिर है. वैश्विक रुख कुछ भी रहे घरेलू उपभोग बढ़ेगा. उन्होंने कहा, "हम 7 से 7.5 प्रतिशत की वृद्धि दर तब हासिल कर पा रहे हैं जबकि वैश्विक स्तर पर किसी तरह का समर्थन नहीं है."
भारतीय रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को चालू वित्त वर्ष के लिए वृद्धि दर के अनुमान को 0.2 प्रतिशत घटाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया है. जेटली ने कहा कि पिछले पांच साल के दौरान सरकार ने कर दरें नहीं बढ़ाई हैं और कुछ मामलों में तो कर दायरा बढ़ाया है और कर संग्रह बढ़ा है.
वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले करीब 20 माह में उपभोग की सभी वस्तुओं पर जीएसटी की दर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 या 12 प्रतिशत किया गया है. सिर्फ सीमेंट पर ऐसा नहीं हो पाया है. कुछ समय की बात है इस पर भी कर की दर घटेगी. यह पूछे जाने पर यदि सरकार सत्ता में वापस आती है तो क्या कदम उठाए जाएंगे, जेटली ने कहा, "कुछ दिन का इंतजार करें. हमारा घोषणापत्र आने दीजिए. संभवत: उसमें कुछ चीजें सामने आएंगी."