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सरकारी और निजी क्षेत्र सहयोग के साथ करें काम तो तेजी से होगा देश का विकास: गोयल

गोयल ने कहा कि 2014 में भारत 'संकट में फंसी पांच अर्थव्यवस्थाओं' में शामिल था. उस दौरान महंगाई दोहरे अंकों में पहुंच गयी थी और अर्थव्यवस्था 'गंभीर संकट' में फंस गयी थी.

सरकारी और निजी क्षेत्र सहयोग के साथ करें काम तो तेजी से होगा देश का विकास: गोयल
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Published : Apr 6, 2019, 2:58 PM IST

नई दिल्ली: रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा राजनीति में 'वैध धन' लाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि इसके लिए पार्टी ने बॉन्ड और चेक के रूप में ही चंदा स्वीकार करने का फैसला किया है और 2,000 रुपये से कम की राशि को डिजिटल तरीके से लेने पर जोर दिया जा रहा है.

उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के कार्यक्रम 'इंडिया 5.0 : इंडिया @75 एंड बियोंड' को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा कि 2014 में भारत 'संकट में फंसी पांच अर्थव्यवस्थाओं' में शामिल था. उस दौरान महंगाई दोहरे अंकों में पहुंच गयी थी और अर्थव्यवस्था 'गंभीर संकट' में फंस गयी थी.

ये भी पढ़ें- प्रति व्यक्ति एक डॉलर रोजना के निवेश से विकास के लक्ष्य को हासिल कर सकता है एशिया-प्रशांत: संयुक्त राष्ट्र

गोयल ने कहा, "इस चुनाव में सभी पार्टियों को बॉन्ड के जरिए अच्छा-खासा धन मिल रहा है. हमने नीतिगत रूप से बॉन्ड या चेक के अलावा किसी अन्य रूप में (2000 रुपये से ऊपर का) चंदा स्वीकार नहीं करने का फैसला किया है. कुछ लोग 2,000 रुपये से कम देते हैं, जो बहुत छोटी राशि है, इसके बावजूद प्रधानमंत्री ने भीम एप के जरिए डिजिटल भुगतान पर जोर दिया है.''

उन्होंने कहा, ''हमारी पार्टी राजनीतिक चंदे के तंत्र को साफ करने एवं वैध धन को राजनीति में लाने तथा राजनीतिक चंदा व्यवस्था को साफ-सुथरा बनाने की दिशा में लगातार कोशिश कर रही है."

उच्चतम न्यायालय राजनीतिक चंदे के लिये चुनावी बांड पर दायर याचिका पर सुनवाई करेगा. कई गैर-सरकारी संगठनों, विपक्षी दलों तथा चुनाव आयोग तक ने इसको लेकर कुछ चिंता जतायी है. एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म ने हाल ही में आवेदन देकर चुनावी बांड योजना पर रोक लगाने का न्यायालय से आग्रह किया.

इस अवसर पर गोयल ने कहा कि अगर सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर काम करें तो देश का विकास तेजी से होगा.

नई दिल्ली: रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा राजनीति में 'वैध धन' लाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि इसके लिए पार्टी ने बॉन्ड और चेक के रूप में ही चंदा स्वीकार करने का फैसला किया है और 2,000 रुपये से कम की राशि को डिजिटल तरीके से लेने पर जोर दिया जा रहा है.

उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के कार्यक्रम 'इंडिया 5.0 : इंडिया @75 एंड बियोंड' को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा कि 2014 में भारत 'संकट में फंसी पांच अर्थव्यवस्थाओं' में शामिल था. उस दौरान महंगाई दोहरे अंकों में पहुंच गयी थी और अर्थव्यवस्था 'गंभीर संकट' में फंस गयी थी.

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गोयल ने कहा, "इस चुनाव में सभी पार्टियों को बॉन्ड के जरिए अच्छा-खासा धन मिल रहा है. हमने नीतिगत रूप से बॉन्ड या चेक के अलावा किसी अन्य रूप में (2000 रुपये से ऊपर का) चंदा स्वीकार नहीं करने का फैसला किया है. कुछ लोग 2,000 रुपये से कम देते हैं, जो बहुत छोटी राशि है, इसके बावजूद प्रधानमंत्री ने भीम एप के जरिए डिजिटल भुगतान पर जोर दिया है.''

उन्होंने कहा, ''हमारी पार्टी राजनीतिक चंदे के तंत्र को साफ करने एवं वैध धन को राजनीति में लाने तथा राजनीतिक चंदा व्यवस्था को साफ-सुथरा बनाने की दिशा में लगातार कोशिश कर रही है."

उच्चतम न्यायालय राजनीतिक चंदे के लिये चुनावी बांड पर दायर याचिका पर सुनवाई करेगा. कई गैर-सरकारी संगठनों, विपक्षी दलों तथा चुनाव आयोग तक ने इसको लेकर कुछ चिंता जतायी है. एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म ने हाल ही में आवेदन देकर चुनावी बांड योजना पर रोक लगाने का न्यायालय से आग्रह किया.

इस अवसर पर गोयल ने कहा कि अगर सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर काम करें तो देश का विकास तेजी से होगा.

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भाजपा राजनीति में 'वैध धन' लाने को बढ़ावा दे रहीः पीयूष गोयल

नई दिल्ली: रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा राजनीति में 'वैध धन' लाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि इसके लिए पार्टी ने बॉन्ड और चेक के रूप में ही चंदा स्वीकार करने का फैसला किया है और 2,000 रुपये से कम की राशि को डिजिटल तरीके से लेने पर जोर दिया जा रहा है. 

उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के कार्यक्रम 'इंडिया 5.0 : इंडिया @75 एंड बियोंड' को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा कि 2014 में भारत 'संकट में फंसी पांच अर्थव्यवस्थाओं' में शामिल था. उस दौरान महंगाई दोहरे अंकों में पहुंच गयी थी और अर्थव्यवस्था 'गंभीर संकट' में फंस गयी थी. 

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गोयल ने कहा, "इस चुनाव में सभी पार्टियों को बॉन्ड के जरिए अच्छा-खासा धन मिल रहा है. हमने नीतिगत रूप से बॉन्ड या चेक के अलावा किसी अन्य रूप में (2000 रुपये से ऊपर का) चंदा स्वीकार नहीं करने का फैसला किया है. कुछ लोग 2,000 रुपये से कम देते हैं, जो बहुत छोटी राशि है, इसके बावजूद प्रधानमंत्री ने भीम एप के जरिए डिजिटल भुगतान पर जोर दिया है.'' 

उन्होंने कहा, ''हमारी पार्टी राजनीतिक चंदे के तंत्र को साफ करने एवं वैध धन को राजनीति में लाने तथा राजनीतिक चंदा व्यवस्था को साफ-सुथरा बनाने की दिशा में लगातार कोशिश कर रही है." 

उच्चतम न्यायालय राजनीतिक चंदे के लिये चुनावी बांड पर दायर याचिका पर सुनवाई करेगा. कई गैर-सरकारी संगठनों, विपक्षी दलों तथा चुनाव आयोग तक ने इसको लेकर कुछ चिंता जतायी है. एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म ने हाल ही में आवेदन देकर चुनावी बांड योजना पर रोक लगाने का न्यायालय से आग्रह किया.


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