नई दिल्ली: रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने फ्यूचर समूह के खुदरा, थोक, लॉजिस्टिक और भंडारण संपत्तियों के अधिग्रहण के लिए 24,713 करोड़ रुपये के सौदे की घोषणा के लगभग 21 महीने बाद शनिवार को कहा कि वह इस सौदे को जारी नहीं रख सकता है क्योंकि सुरक्षित कर्जदाताओं ने इस सौदे के खिलाफ मतदान किया है.
इस बीच फ्यूचर लाइफस्टाइल फैशन्स लिमिटेड के अध्यक्ष और स्वतंत्र निदेशक शैलेश हरिभक्ति ने इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा कि, 'अस्थिर, जटिल एवं अप्रत्याशित कानूनी और वित्तीय परिस्थितियों ने अनपेक्षित मोड़ ले लिया है.' फ्यूचर समूह की कंपनियों के शेयरधारकों और ऋणदाताओं की बैठकों की अध्यक्षता हरिभक्ति की अगुआई में ही हुई थी. राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी थी.
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने शेयर बाजारों को भेजी गई सूचना में कहा कि फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) और फ्यूचर समूह की अन्य कंपनियों ने इस सौदे की मंजूरी के लिए हफ्ते की शुरुआत में हुई बैठकों के नतीजों से अवगत कराया है. इसके मुताबिक, सौदे को शेयरधारकों एवं असुरक्षित कर्जदाताओं ने बहुमत से स्वीकार कर लिया है लेकिन सुरक्षित ऋणदाताओं ने प्रस्ताव को नकार दिया है. रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने बयान में कहा, 'एफआरएल के सुरक्षित ऋणदाताओं ने प्रस्तावित योजना के खिलाफ मतदान किया है. ऐसी स्थिति में इस योजना को आगे क्रियान्वित नहीं किया जा सकता है.'
फ्यूचर समूह की कंपनियों ने रिलायंस रिटेल के साथ घोषित सौदे के अनुसार संपत्तियों के विलय और बिक्री की योजना के लिए मंजूरी पाने के लिहाज से इस सप्ताह अपने शेयरधारकों, सुरक्षित और असुरक्षित ऋणदाताओं की बैठकें बुलाई थीं. हालांकि सुरक्षित ऋणदाताओं को सूचीबद्ध कंपनियों- फ्यूचर रिटेल, फ्यूचर एंटरप्राइजेस, फ्यूचर लाइफस्टाइल फैशन लिमिटेड, फ्यूचर मार्केट नेटवर्क्स और फ्यूचर कंज्यूमर की अनिवार्य 75 प्रतिशत मंजूरी नहीं मिल सकी. सुरक्षित ऋणदाताओं में मुख्य रूप से बैंक और वित्तीय संस्थान शामिल हैं.
हालांकि सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरधारकों ने रिलायंस के साथ सौदे का समर्थन किया है. ई-कॉमर्स क्षेत्र की दिग्गज कंपनी अमेजन ने इन बैठकों का विरोध किया था. उसने वर्ष 2019 में एफआरएल की प्रवर्तक कंपनी फ्यूचर कूपन्स प्राइवेट लिमिटेड (एफसीपीएल) में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए एक निवेश करार किया था.
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गौरतलब है कि फ्यूचर समूह ने अगस्त 2020 में रिलायंस समूह की कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (आरआरवीएल) के साथ 24,713 करोड़ रुपये के विलय समझौते की घोषणा की थी. इस समझौते के तहत खुदरा, थोक, लॉजिस्टिक एवं भंडारण खंडों में सक्रिय फ्यूचर समूह की 19 कंपनियों का रिलायंस रिटेल अधिग्रहण करने वाली थी. आरआरवीएल, आरआईएल समूह के तहत सभी खुदरा कंपनियों की होल्डिंग कंपनी है. इस विलय समझौते की घोषणा के बाद से ही अमेजन इसका विरोध कर रही थी. विभिन्न अदालती मुकदमों में अमेजन ने यह कहते हुए इस सौदे का विरोध किया कि उसके साथ हुए फ्यूचर समूह के निवेश समझौते का यह करार उल्लंघन करता है.
(पीटीआई-भाषा)