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बिहार की एक शातिर महिला सुरक्षाबलों के लिए बनी रहस्य, माओवादी कमांडरों की ऐसे करती थी मदद, तलाश रही दो राज्यों की पुलिस

झारखंड और बिहार की पुलिस एक महिला नक्सली को तलाश रही है. इस महिला ने बड़ी ही शातिराना तरीके से माओवादियों की मदद की. कई बार बड़े नक्सलियों को सुरक्षाबलों से भी बचाया.

Maoist commander Shweta
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Published : May 6, 2023, 6:15 PM IST

Updated : May 6, 2023, 7:38 PM IST

पलामू: कौन है वह महिला जिसने माओवादियों के टॉप कमांडर प्रमोद मिश्रा और राम बाबू राम के दस्ते को छकरबंधा से निकलने में मदद की थी. इस महिला की तलाश झारखंड और बिहार के सुरक्षा एजेंसी और सुरक्षाबल कर रहे हैं. राम बाबू राम को बिहार के एसटीएफ ने बगहा के इलाके से गिरफ्तार कर किया है और उसके पास दो एके 47 समेत कई आधुनिक हथियार बरामद हुए हैं.

ये भी पढ़ें: जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए नक्सलियों ने बदली चाल, सुरक्षाबलों को किया गया अलर्ट

राम बाबू राम से झारखंड और बिहार के सुरक्षा एजेंसियों ने पूछताछ की है, इसी पूछताछ में एक महिला का नाम सामने आया है. दरसल जून 2022 में छकरबंधा में टॉप माओवादी कमांडर संदीप यादव की मौत हो गई थी. इस मौत के बाद सुरक्षाबलों ने छकरबंधा पर बड़ा अभियान शुरू किया था. इस अभियान के दौरान माओवादियों के पोलित ब्यूरो सदस्य प्रमोद मिश्रा और स्टेट एरिया कमेटी सदस्य राम बाबू राम उतर बिहार के इलाके में निकल कर भाग गए थे. दोनों के साथ पांच से सात की संख्या में सदस्य निकल कर भागे थे, सभी को बाहर निकलने में एक महिला ने ही मदद की थी.

कहां की है महिला? माओवादियों के संगठन में क्या है उसकी हैसियत: सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार महिला का घर बिहार के छपरा और वैशाली में है. श्वेता नाम की इस महिला को माओवादी संगठन में जोनल कमांडर का दर्जा मिला हुआ है. कई वर्षों तक ये दस्ते में सक्रिय रही है. सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार महिला के बारे में किसी के पास अधिक जानकारी नहीं है. सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार महिला के बारे में यह जानकारी है कि कुछ वर्ष पहले उसके पति की पुलिस के साथ हुए मुठभेड़ में मौत हुई थी. महिला माओवादियों के टॉप कमांडरों को छकरबंधा, उतरी बिहार और सारंडा के इलाके के मदद पहुंचाती थी. इसके अलावा टॉप कमांडरों को इलाके से बाहर निकालने और दूसरे इलाकों में पहुंचाने में मदद करती थी. सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार महिला सारंडा या उत्तर बिहार के इलाके में छिपी हो सकती है. महिला टॉप कमांडर राम बाबू राम के काफी नजदीक है.

कौन है माओवादियों के टॉप कमांडर प्रमोद मिश्रा और राम बाबू राम: माओवादियों के पोलित ब्यूरो सदस्य प्रमोद मिश्रा बिहार के जहानाबाद का रहने वाला है. कुछ दिनों पहले यह जानकारी निकल कर सामने आई थी कि प्रमोद मिश्रा को माओवादियों ने ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो (ईआरबी) का इंचार्ज बनाया था. काफी दिनों तक सारंडा में सक्रिय रहने के बाद प्रमोद मिश्रा कहां गया, इसकी जानकारी सुरक्षा एजेंसियों के पास नहीं है. रामबाबू राम बिहार में छपरा का रहने वाला है. वह लंबे समय तक बगहा और मुजफ्फरपुर के इलाके में माओवादियों का सुप्रीम कमांडर था. कुछ वर्षों से वह प्रमोद मिश्रा के साथ छकरबंधा के इलाके में सक्रिय था. छकरबंधा में सुरक्षाबलों के अभियान के बाद सभी इलाके को छोड़ कर भाग गए थे. प्रमोद मिश्रा पर झारखंड और बिहार में 100 से भी अधिक नक्सल हमले को अंजाम देने का आरोप है.

माओवादियों के लिए काफी महत्वपूर्ण था छकरबंधा, प्रमोद मिश्रा तय करता था नीति: छकरबंधा की सीमा बिहार के गया औरंगाबाद और झारखंड के पलामू और चतरा से सटी हुई है. छकरबंधा से टॉप माओवादी प्रमोद मिश्रा नीति तय करता था जबकि संदीप यादव फौजी कार्रवाई का इंचार्ज था. बिहार झारखंड में माओवादी सबसे अधिक छकरबंधा से लेवी वसूलते थे. बिहार झारखंड में माओवादियों को जितने भी पैसों की जरूरत होती थी, वह छकरबंधा के इलाके से जाता था. अब छकरबंधा के इलाके में सुरक्षाबलों का कब्जा हो गया है.

पलामू: कौन है वह महिला जिसने माओवादियों के टॉप कमांडर प्रमोद मिश्रा और राम बाबू राम के दस्ते को छकरबंधा से निकलने में मदद की थी. इस महिला की तलाश झारखंड और बिहार के सुरक्षा एजेंसी और सुरक्षाबल कर रहे हैं. राम बाबू राम को बिहार के एसटीएफ ने बगहा के इलाके से गिरफ्तार कर किया है और उसके पास दो एके 47 समेत कई आधुनिक हथियार बरामद हुए हैं.

ये भी पढ़ें: जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए नक्सलियों ने बदली चाल, सुरक्षाबलों को किया गया अलर्ट

राम बाबू राम से झारखंड और बिहार के सुरक्षा एजेंसियों ने पूछताछ की है, इसी पूछताछ में एक महिला का नाम सामने आया है. दरसल जून 2022 में छकरबंधा में टॉप माओवादी कमांडर संदीप यादव की मौत हो गई थी. इस मौत के बाद सुरक्षाबलों ने छकरबंधा पर बड़ा अभियान शुरू किया था. इस अभियान के दौरान माओवादियों के पोलित ब्यूरो सदस्य प्रमोद मिश्रा और स्टेट एरिया कमेटी सदस्य राम बाबू राम उतर बिहार के इलाके में निकल कर भाग गए थे. दोनों के साथ पांच से सात की संख्या में सदस्य निकल कर भागे थे, सभी को बाहर निकलने में एक महिला ने ही मदद की थी.

कहां की है महिला? माओवादियों के संगठन में क्या है उसकी हैसियत: सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार महिला का घर बिहार के छपरा और वैशाली में है. श्वेता नाम की इस महिला को माओवादी संगठन में जोनल कमांडर का दर्जा मिला हुआ है. कई वर्षों तक ये दस्ते में सक्रिय रही है. सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार महिला के बारे में किसी के पास अधिक जानकारी नहीं है. सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार महिला के बारे में यह जानकारी है कि कुछ वर्ष पहले उसके पति की पुलिस के साथ हुए मुठभेड़ में मौत हुई थी. महिला माओवादियों के टॉप कमांडरों को छकरबंधा, उतरी बिहार और सारंडा के इलाके के मदद पहुंचाती थी. इसके अलावा टॉप कमांडरों को इलाके से बाहर निकालने और दूसरे इलाकों में पहुंचाने में मदद करती थी. सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार महिला सारंडा या उत्तर बिहार के इलाके में छिपी हो सकती है. महिला टॉप कमांडर राम बाबू राम के काफी नजदीक है.

कौन है माओवादियों के टॉप कमांडर प्रमोद मिश्रा और राम बाबू राम: माओवादियों के पोलित ब्यूरो सदस्य प्रमोद मिश्रा बिहार के जहानाबाद का रहने वाला है. कुछ दिनों पहले यह जानकारी निकल कर सामने आई थी कि प्रमोद मिश्रा को माओवादियों ने ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो (ईआरबी) का इंचार्ज बनाया था. काफी दिनों तक सारंडा में सक्रिय रहने के बाद प्रमोद मिश्रा कहां गया, इसकी जानकारी सुरक्षा एजेंसियों के पास नहीं है. रामबाबू राम बिहार में छपरा का रहने वाला है. वह लंबे समय तक बगहा और मुजफ्फरपुर के इलाके में माओवादियों का सुप्रीम कमांडर था. कुछ वर्षों से वह प्रमोद मिश्रा के साथ छकरबंधा के इलाके में सक्रिय था. छकरबंधा में सुरक्षाबलों के अभियान के बाद सभी इलाके को छोड़ कर भाग गए थे. प्रमोद मिश्रा पर झारखंड और बिहार में 100 से भी अधिक नक्सल हमले को अंजाम देने का आरोप है.

माओवादियों के लिए काफी महत्वपूर्ण था छकरबंधा, प्रमोद मिश्रा तय करता था नीति: छकरबंधा की सीमा बिहार के गया औरंगाबाद और झारखंड के पलामू और चतरा से सटी हुई है. छकरबंधा से टॉप माओवादी प्रमोद मिश्रा नीति तय करता था जबकि संदीप यादव फौजी कार्रवाई का इंचार्ज था. बिहार झारखंड में माओवादी सबसे अधिक छकरबंधा से लेवी वसूलते थे. बिहार झारखंड में माओवादियों को जितने भी पैसों की जरूरत होती थी, वह छकरबंधा के इलाके से जाता था. अब छकरबंधा के इलाके में सुरक्षाबलों का कब्जा हो गया है.

Last Updated : May 6, 2023, 7:38 PM IST
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