ETV Bharat / bharat

शराब बिक्री पर छूट पर रोक लगाने संबंधी फैसले के खिलाफ याचिका - Delhi govt decision prohibiting discounts on liquor

दिल्ली आबकारी आयुक्त ने 28 फरवरी को राष्ट्रीय राजधानी में शराब के अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) पर कोई भी छूट या रियायत देना बंद करने का आदेश पारित किया था. शराब लाइसेंस धारकों ने अपनी याचिका में दलील दी है कि अधिकारियों की कार्रवाई मनमानी, भेदभावपूर्ण और संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है.

prohibiting-discounts-on-liquor
दिल्ली में शराब पर डिस्काउंट खत्म
author img

By

Published : Mar 2, 2022, 10:22 PM IST

नई दिल्ली : शराब की बिक्री पर खुदरा विक्रेताओं द्वारा दी जाने वाली किसी भी छूट या रियायत पर रोक लगाने संबंधी दिल्ली सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) में एक याचिका दायर की गई है. कई शराब लाइसेंस धारकों (liquor licence holders) द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि शराब नीति और निविदा स्पष्ट रूप से खुदरा लाइसेंसधारियों को छूट देने की अनुमति देती है.

दिल्ली सरकार ने हालांकि उन्हें सुनवाई का मौका दिए बिना 28 फरवरी को एक आदेश पारित कर छूट या और रियायत देने पर रोक लगा दी थी. याचिका में कहा गया है, 'छूट की अनुमति थी और लाइसेंसधारी वास्तव में छूट दे रहे थे. यह इस तरह की व्यवस्था पर आधारित था कि लाइसेंसधारी एल 1 लाइसेंसधारियों के रूप में आ सकते हैं, और यह एक मुक्त बाजार और संचालन में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा के सिद्धांत थे.'

एल1 लाइसेंस भारतीय शराब की थोक आपूर्ति के लिए दिए जाते हैं. दिल्ली आबकारी आयुक्त ने 28 फरवरी को राष्ट्रीय राजधानी में शराब के अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) पर कोई भी छूट या रियायत देना बंद करने का आदेश पारित किया था. शराब लाइसेंस धारकों ने अपनी याचिका में दलील दी है कि अधिकारियों की कार्रवाई मनमानी, भेदभावपूर्ण और संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है.

यह भी पढ़ें- दिल्ली में शराब पर अब नहीं मिलेगा डिस्काउंट, जारी हुआ आदेश

याचिका भगवती ट्रांसफॉर्मर कॉर्पोरेशन, रायसेन मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड, सैनिक इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड, मिलेनियम इंफ्राइंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड और ग्लो ट्रेडेक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर की गई है.

(पीटीआई)

नई दिल्ली : शराब की बिक्री पर खुदरा विक्रेताओं द्वारा दी जाने वाली किसी भी छूट या रियायत पर रोक लगाने संबंधी दिल्ली सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) में एक याचिका दायर की गई है. कई शराब लाइसेंस धारकों (liquor licence holders) द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि शराब नीति और निविदा स्पष्ट रूप से खुदरा लाइसेंसधारियों को छूट देने की अनुमति देती है.

दिल्ली सरकार ने हालांकि उन्हें सुनवाई का मौका दिए बिना 28 फरवरी को एक आदेश पारित कर छूट या और रियायत देने पर रोक लगा दी थी. याचिका में कहा गया है, 'छूट की अनुमति थी और लाइसेंसधारी वास्तव में छूट दे रहे थे. यह इस तरह की व्यवस्था पर आधारित था कि लाइसेंसधारी एल 1 लाइसेंसधारियों के रूप में आ सकते हैं, और यह एक मुक्त बाजार और संचालन में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा के सिद्धांत थे.'

एल1 लाइसेंस भारतीय शराब की थोक आपूर्ति के लिए दिए जाते हैं. दिल्ली आबकारी आयुक्त ने 28 फरवरी को राष्ट्रीय राजधानी में शराब के अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) पर कोई भी छूट या रियायत देना बंद करने का आदेश पारित किया था. शराब लाइसेंस धारकों ने अपनी याचिका में दलील दी है कि अधिकारियों की कार्रवाई मनमानी, भेदभावपूर्ण और संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है.

यह भी पढ़ें- दिल्ली में शराब पर अब नहीं मिलेगा डिस्काउंट, जारी हुआ आदेश

याचिका भगवती ट्रांसफॉर्मर कॉर्पोरेशन, रायसेन मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड, सैनिक इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड, मिलेनियम इंफ्राइंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड और ग्लो ट्रेडेक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर की गई है.

(पीटीआई)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.