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National Sports Day 2023: जिस उम्र में बच्चे सीखते हैं लिखना और बोलना, उसमें चेस की लिटिल चैंप अंशिका ने ओपन नेशनल के लिए किया क्वालिफाई

National Sports Day 2023 अंशिका 7 साल की उम्र में ही शतरंज के खेल में माहिर है. बोलना और लिखना सीखने की उम्र में नन्हीं अंशिका अपनी कैटेगरी में स्टेट चैंपियन हैं. शतरंज के बोर्ड पर वो दिमागी कसरत कर, विरोधियों के लिए जाल बिछाती है और मौका मिलते ही चेकमेट. स्कूल प्रबंधन के साथ माता-पिता इससे थोड़े आश्चर्यचकित तो हैं, लेकिन उपलब्धियों को देखकर खुशी भी बहुत है. Little Champion Anshika

National Sports Day 2023
अंशिका ने ओपन नेशनल के लिए किया क्वालिफाई
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 28, 2023, 10:58 PM IST

लिटिल चैंप अंशिका ने ओपन नेशनल के लिए किया क्वालिफाई

कोरबा: देशभर में चेस चैंपियन प्रगनानंद के प्रतिभा की चर्चा है. स्वयं पीएम मोदी भी उन्हें बधाई दे चुके हैं. वह चैंपियनशिप के फाइनल में हारे जरूर, लेकिन भारतीयों का दिल जीत लिया. प्रतिभाओं की कमी छोटे जिलों में भी नहीं है. आज हम आपको कोरबा जिले की 7 साल की लिटिल चेस चैंपियन अंशिका के बारे में बताएंगे. 7 साल की उम्र में आंशिका ने अहमदाबाद (गुजरात) में होने वाले ओपन नेशनल प्रतियोगिता के लिए क्वालीफाई कर लिया है. वह स्टेट चैंपियन बन चुकी है. अंशिका की प्रतिभा स्कूल में समर कैंप के दौरान सामने आई. माता-पिता ने उसकी कोचिंग शुरू कराई, जिसका परिणाम यह रहा कि अंशिका का चयन ओपन नेशनल के लिए हो चुका है.


'चेस खेलते रहना है पसंद, इसमें आता है मजा': अंशिका कोरबा शहर के एक पब्लिक स्कूल में क्लास 2 की स्टूडेंट है. जिस उम्र में बच्चे बोलना और लिखना सीखना शुरू करते हैं, उस उम्र में अंशिका शतरंज के दांव पेच समझ रही है. स्पोर्ट्स रूम में वह अपने से बड़े क्लास वालों को भी चेस में मात देने की क्षमता रखती है. ओपन प्रतियोगिताएं शुरू हुई तो अंशिका ने भी इसमें पार्टिसिपेट किया. वह लगातार जीतती चली गई. अंशिका इस प्रतियोगिता में पूरे प्रदेश में अपनी कैटेगरी में दूसरे स्थान पर रही. इसके कारण अब अंशिका का चयन ओपन नेशनल गेम्स के लिए हुआ है. 7 साल की उम्र में वह छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करेंगी. नन्ही अंशिका कहती है कि वह आगे भी इसे जारी रखेगी. अंशिका ने बताया कि, "वह चेस खेलते रहना चाहती है और इसे खेलने में उसे बहुत मजा आता है."


समर कैंप में पता चला बेटी का इंटरेस्ट फिर कोचिंग शुरू की: अंशिका के पिता पुष्पराज पटेल छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल में इंजीनियर हैं. पुष्पराज कहते हैं कि, "पहली बार मुझे अंशिका के चेस के प्रति लगाव का पता समर कैंप में चला. घर पर उसकी दीदी भी चेस खेलती है. हो सकता है यहीं से उसका इंटरेस्ट जागा हो. 5 सवा 5 साल की उम्र से ही वह चेस खेलने लगी. हमें उसकी इस प्रतिभा का पता उसके समर कैंप के दौरान चला, तब हमने चेस फेडरेशन से संपर्क कर उसके लिए एक कोच की व्यवस्था की.

हम चाहते हैं कि अंशिका इस क्षेत्र में और आगे बढ़े. खूब तरक्की करे. इसके लिए कोरबा जैसे छोटे जिले में रहकर जितने संसाधन उपलब्ध हैं, हम उसे सपोर्ट करेंगे. उसकी बेहतर से बेहतर तैयारी कराएंगे. सितंबर में अहमदाबाद में ओपन नेशनल प्रतियोगिता होगी. अंशिका वहां पार्टिसिपेट करेगी. -पुष्पराज पटेल, अंशिका के पिता

National Sports Day 2022 उम्र के इस पड़ाव में भी ये महिलाएं दे रही फिटनेस का संदेश
National Sports Day 2022 खेलबो जीतबो गढ़बो नवा छत्तीसगढ़
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बच्चों के इंटरेस्ट के अनुसार कराते हैं तैयारी: अंशिका जिस स्कूल में पढ़ती है, वहां के प्रिंसिपल डीएस राव का कहना है कि अंशिका 6 साल की उम्र में ही के चेस खेल रही है. यह हमारे लिए थोड़ा आश्चर्य का विषय है. लेकिन वह बच्ची प्रतिभा की धनी है.

स्कूल में स्पोर्ट्स टीचर बच्चों के इंटरेस्ट के हिसाब से उनकी तैयारी कराते हैं. जब समर कैंप लगते हैं, तब हमें बच्चों के इंटरेस्ट का ठीक-ठाक पता चलता है. फिर उसी दिशा में हम मेहनत करते हैं. अंशिका को भी हम स्कूल में तैयारी करा रहे हैं. उम्मीद है कि वह ओपन नेशनल में भी बेहतर प्रदर्शन करेगी. -डीएस राव, प्रिंसीपल

अंशिका की तैयारी जारी है. बेहतर प्रदर्शन करने के लिए वह लगातार प्रैक्टिस पर ध्यान दे रही है. ओपन नेशनल प्रतियोगिता में कोरबा की नन्हीं बिटिया का कमाल देखने के लिए पूरे छत्तीसगढ़ की निगाहें उस पर टिकी हैं.

लिटिल चैंप अंशिका ने ओपन नेशनल के लिए किया क्वालिफाई

कोरबा: देशभर में चेस चैंपियन प्रगनानंद के प्रतिभा की चर्चा है. स्वयं पीएम मोदी भी उन्हें बधाई दे चुके हैं. वह चैंपियनशिप के फाइनल में हारे जरूर, लेकिन भारतीयों का दिल जीत लिया. प्रतिभाओं की कमी छोटे जिलों में भी नहीं है. आज हम आपको कोरबा जिले की 7 साल की लिटिल चेस चैंपियन अंशिका के बारे में बताएंगे. 7 साल की उम्र में आंशिका ने अहमदाबाद (गुजरात) में होने वाले ओपन नेशनल प्रतियोगिता के लिए क्वालीफाई कर लिया है. वह स्टेट चैंपियन बन चुकी है. अंशिका की प्रतिभा स्कूल में समर कैंप के दौरान सामने आई. माता-पिता ने उसकी कोचिंग शुरू कराई, जिसका परिणाम यह रहा कि अंशिका का चयन ओपन नेशनल के लिए हो चुका है.


'चेस खेलते रहना है पसंद, इसमें आता है मजा': अंशिका कोरबा शहर के एक पब्लिक स्कूल में क्लास 2 की स्टूडेंट है. जिस उम्र में बच्चे बोलना और लिखना सीखना शुरू करते हैं, उस उम्र में अंशिका शतरंज के दांव पेच समझ रही है. स्पोर्ट्स रूम में वह अपने से बड़े क्लास वालों को भी चेस में मात देने की क्षमता रखती है. ओपन प्रतियोगिताएं शुरू हुई तो अंशिका ने भी इसमें पार्टिसिपेट किया. वह लगातार जीतती चली गई. अंशिका इस प्रतियोगिता में पूरे प्रदेश में अपनी कैटेगरी में दूसरे स्थान पर रही. इसके कारण अब अंशिका का चयन ओपन नेशनल गेम्स के लिए हुआ है. 7 साल की उम्र में वह छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करेंगी. नन्ही अंशिका कहती है कि वह आगे भी इसे जारी रखेगी. अंशिका ने बताया कि, "वह चेस खेलते रहना चाहती है और इसे खेलने में उसे बहुत मजा आता है."


समर कैंप में पता चला बेटी का इंटरेस्ट फिर कोचिंग शुरू की: अंशिका के पिता पुष्पराज पटेल छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल में इंजीनियर हैं. पुष्पराज कहते हैं कि, "पहली बार मुझे अंशिका के चेस के प्रति लगाव का पता समर कैंप में चला. घर पर उसकी दीदी भी चेस खेलती है. हो सकता है यहीं से उसका इंटरेस्ट जागा हो. 5 सवा 5 साल की उम्र से ही वह चेस खेलने लगी. हमें उसकी इस प्रतिभा का पता उसके समर कैंप के दौरान चला, तब हमने चेस फेडरेशन से संपर्क कर उसके लिए एक कोच की व्यवस्था की.

हम चाहते हैं कि अंशिका इस क्षेत्र में और आगे बढ़े. खूब तरक्की करे. इसके लिए कोरबा जैसे छोटे जिले में रहकर जितने संसाधन उपलब्ध हैं, हम उसे सपोर्ट करेंगे. उसकी बेहतर से बेहतर तैयारी कराएंगे. सितंबर में अहमदाबाद में ओपन नेशनल प्रतियोगिता होगी. अंशिका वहां पार्टिसिपेट करेगी. -पुष्पराज पटेल, अंशिका के पिता

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बच्चों के इंटरेस्ट के अनुसार कराते हैं तैयारी: अंशिका जिस स्कूल में पढ़ती है, वहां के प्रिंसिपल डीएस राव का कहना है कि अंशिका 6 साल की उम्र में ही के चेस खेल रही है. यह हमारे लिए थोड़ा आश्चर्य का विषय है. लेकिन वह बच्ची प्रतिभा की धनी है.

स्कूल में स्पोर्ट्स टीचर बच्चों के इंटरेस्ट के हिसाब से उनकी तैयारी कराते हैं. जब समर कैंप लगते हैं, तब हमें बच्चों के इंटरेस्ट का ठीक-ठाक पता चलता है. फिर उसी दिशा में हम मेहनत करते हैं. अंशिका को भी हम स्कूल में तैयारी करा रहे हैं. उम्मीद है कि वह ओपन नेशनल में भी बेहतर प्रदर्शन करेगी. -डीएस राव, प्रिंसीपल

अंशिका की तैयारी जारी है. बेहतर प्रदर्शन करने के लिए वह लगातार प्रैक्टिस पर ध्यान दे रही है. ओपन नेशनल प्रतियोगिता में कोरबा की नन्हीं बिटिया का कमाल देखने के लिए पूरे छत्तीसगढ़ की निगाहें उस पर टिकी हैं.

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