पलामूः जिले के पांकी इलाके में महाशिवरात्रि के लिए बनाए जा रहे तोरण द्वार के विवाद में दो गुट आपस में भिड़ गए. दोनों गुटों के बीच जमकर पथराव हुआ. घटना की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस पर भी स्थानीय लोगों ने पथराव किया. उसमें लेस्लीगंज एसडीपीओ आलोक कुमार टूटी सहित कई पुलिसकर्मी घायल हो गए. फिलहाल पूरे इलाके में धारा 144 लगा दी गई है और जिलाधिकारी ने पांकी क्षेत्र में इंटरनेट सेवा बंद करने का आदेश दिया है. इस संबंध में गृह सचिव राजीव अरुण एक्का ने आदेश जारी किया है. इंटरनेट बुधवार की शाम से गुरुवार की शाम तक बंद रहेगी.
पांकी में हिंसाः मिली जानकारी के अनुसार महाशिवरात्रि को लेकर पलामू के पांकी इलाके में तोरण द्वार का निर्माण हो रहा था. इसी बात को लेकर बुधवार की सुबह दो गुटों में विवाद शुरू हो गया. विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों तरफ से जमकर पत्थरबाजी शुरू हो गई जिसमें 12 लोग जख्मी हो गए. घटना की सूचना पर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची तो हो रहे पथराव में पुलिस वाले भी घायल हो गए. लेस्लीगंज एसडीपीओ आलोक कुमार टूटी के साथ पहुंचे कई पुलिसकर्मी उपद्रवियों के पथराव में घायल हो गए हैं. दोनों गुटों के बीच हुए विवाद में 6 घर, 2 दुकान, एक दर्जन गाड़ियों को उपद्रवियों ने जला दिया है.
छावनी मे तब्दील पांकीः पांकी में बिगड़ते हालात को लेकर के लेस्लीगंज एसडीपीओ के साथ ही पनकी, पिपराटांड़, तरहसी. मनातू, समेत कई थानों की पुलिस को पांकी तैनात कर दिया गया है. घटना पलामू प्रमंडल मुख्यालय से लगभग 45 किलोमीटर दूर हुई है. घटना के बाद पलामू रेंज के डीआईजी, जिलाधिकारी ए दोड्डे पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा सहित तमाम बड़े पुलिस पदाधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं. पलामू के जिलाधिकारी ने स्थानीय लोगों से निवेदन किया किसी भी तरह के बहकावे में आकर कोई भी गलत कार्य न करें साथ ही प्रशासन के लोगों का सहयोग करें.
तोरण द्वार को लेकर विवादः स्थानीय लोगों ने बताया की महाशिवरात्रि को लेकर तोरण द्वार बनाया जा रहा था. जिसमें दो गुटों के बीच विवाद हो गया और उसके बाद पत्थरबाजी हो गई. स्थानीय लोगों ने बताया कि इस घटना में पेट्रोल पंप को निशाना बनाया गया है, हालांकि इसमें किसी की जान नहीं गई है. घायलों का इलाज अस्पताल में करवाया जा रहा है.
डीसी ने की शांति की अपीलः घटना को लेकर ईटीवी भारत से बात करते हुए पलामू जिले के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ए दोड्डे ने कहा कि हालत पूरे तौर पर नियंत्रण में है. साथ ही सभी संवेदनशील स्थल पर पुलिस पदाधिकारी और दंडाधिकारी की तैनाती की गई है पूरे मामले की जांच की जा रही है. पूरे इलाके में धारा 144 लागू की गई है. जिलाधिकारी ने कहा कि मैं सभी लोगों के निवेदन कर रहा हूं कि शांति स्थापित करने में सभी लोग मदद करें साथ ही कोई गलत मैसेज सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार न करें.
एसपी ने कहा स्थित नियंत्रण मेंः वहीं ईटीवी भारत से बात करते हुए पलामू के एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि सूचना पर पुलिस वाले तत्काल यहां पहुंचे थे और पूरे मामले को नियंत्रित करते हुए शांति स्थापित किया गया है. साथी ही कोशिश की जा रही है कि जो भी लोग पत्थरबाजी में शामिल रहे हैं, उन पर कानून सम्मत कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि स्थिति पूरे तौर पर नियंत्रण में है, किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है.
उपद्रव के बीच घंटों फंसे रहे स्कूली बच्चेः पांकी हिंसा घटना के बीच 150 से अधिक स्कूली बच्चे घंटों फंसे रहे. बाद में सभी स्कूली बच्चों को पुलिस की कड़ी निगरानी में उनके घर भेजा गया. स्कूली बच्चे पांकी और उसके आस पास के इलाके के थे. दरसल जिस समय हिंसा की शुरुआत हुई थी उस वक्त स्कूलों में प्रार्थना हो रही थी. हिंसा से प्रभावित इलाके में दो निजी स्कूल संचालित थे ब्राइट फ्यूचर स्कूल और शिक्षा निकेतन. दोनों स्कूलों के दर्जनों अभिभावक अपने बच्चों के ले गए, जबकि दूर वाले इलाके के बच्चे स्कूल में ही फंस गए थे. स्कूल के प्रिंसिपल और प्रबंधक ने स्कूल के चारों तरफ से दरवाजे को बंद कर दिया था और बच्चों को एक साथ कमरों में शिफ्ट कर दिया गया था. ब्राइट फ्यूचर स्कूल के संचालक मोहम्मद तौफीक अंसारी ने बताया कि स्कूल बच्चे डर गए थे, उन्हें एक जगह रखा गया था. बच्चों का हौसला बढ़ाया गया है और खाने-पीने की सामग्री दी गई. शिक्षा निकेतन के प्रिंसिपल विनोद सिंह ने बताया कि बच्चे डर गए थे उन्हें हौसला बढ़ा कर ठीक से रखा गया. उन्होंने बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों से बच्चों को हर भेजने के लिए पहल करने को कहा गया था. पूरे मामले में पलामू जिला प्रशासन ने कड़ी निगरानी में सभी बच्चों को घर भेजा है.