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भारत 10 नवंबर को अफगानिस्तान पर क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता की करेगा मेजबानी

भारत 10 नवंबर को अफगानिस्तान पर भारत क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता की मेजबानी करेगा. राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की इस बैठक की अध्‍यक्षता राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल करेंगे.

अजीत डोभाल
अजीत डोभाल
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Published : Nov 5, 2021, 6:13 PM IST

Updated : Nov 5, 2021, 6:30 PM IST

नई दिल्ली : भारत 10 नवंबर को अफगानिस्तान पर क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता (regional security dialogue) की मेजबानी करेगा. एनएसए अजीत डोभाल राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की इस बैठक की अध्‍यक्षता करेंगे.

गौरतलब है कि इससे पहले ऐसी दो बैठकें सितंबर 2018 और दिसंबर 2019 में ईरान में आयोजित हो चुकी हैं. तीसरी बैठक महामारी के कारण भारत में नहीं हो सकी थी.

भारत के निमंत्रण को उत्‍साहजनक प्रतिक्रिया मिली है. मध्य एशियाई देशों सहित रूस और ईरान ने अपनी भागीदारी की पुष्टि की है. ऐसा पहली बार होगा कि न केवल अफगानिस्तान के पड़ोसी देश बल्कि सभी मध्‍य एशियाई देश इस प्रारूप में भाग लेंगे.

अफगानिस्तान में शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्रीय प्रयासों में भारत की भूमिका के महत्व को व्‍यक्‍त करती है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन और पाकिस्तान को भी इस वार्ता में न्योता दिया गया है. उनकी औपचारिक प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा है. हालांकि, पाकिस्तान ने मीडिया के जरिए संकेत दिया है कि वह इस वार्ता में शामिल नहीं होगा.

पाकिस्तान का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण : विदेश मंत्रालय
इस पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन आश्चर्य की बात नहीं है. यह अफगानिस्तान को अपने संरक्षक के रूप में देखने की उसकी मानसिकता को दर्शाता है. पाकिस्तान इस प्रारूप की पिछली बैठकों में शामिल नहीं हुआ था. विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत के खिलाफ उसकी मीडिया टिप्पणियां अफगानिस्तान में उसकी घातक भूमिका से ध्यान हटाने का एक असफल प्रयास है.

पढ़ें- अफगानिस्तान: जानिए क्यों बेकरी के आगे लगती है महिलाओं की भीड़

नई दिल्ली : भारत 10 नवंबर को अफगानिस्तान पर क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता (regional security dialogue) की मेजबानी करेगा. एनएसए अजीत डोभाल राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की इस बैठक की अध्‍यक्षता करेंगे.

गौरतलब है कि इससे पहले ऐसी दो बैठकें सितंबर 2018 और दिसंबर 2019 में ईरान में आयोजित हो चुकी हैं. तीसरी बैठक महामारी के कारण भारत में नहीं हो सकी थी.

भारत के निमंत्रण को उत्‍साहजनक प्रतिक्रिया मिली है. मध्य एशियाई देशों सहित रूस और ईरान ने अपनी भागीदारी की पुष्टि की है. ऐसा पहली बार होगा कि न केवल अफगानिस्तान के पड़ोसी देश बल्कि सभी मध्‍य एशियाई देश इस प्रारूप में भाग लेंगे.

अफगानिस्तान में शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्रीय प्रयासों में भारत की भूमिका के महत्व को व्‍यक्‍त करती है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन और पाकिस्तान को भी इस वार्ता में न्योता दिया गया है. उनकी औपचारिक प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा है. हालांकि, पाकिस्तान ने मीडिया के जरिए संकेत दिया है कि वह इस वार्ता में शामिल नहीं होगा.

पाकिस्तान का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण : विदेश मंत्रालय
इस पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन आश्चर्य की बात नहीं है. यह अफगानिस्तान को अपने संरक्षक के रूप में देखने की उसकी मानसिकता को दर्शाता है. पाकिस्तान इस प्रारूप की पिछली बैठकों में शामिल नहीं हुआ था. विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत के खिलाफ उसकी मीडिया टिप्पणियां अफगानिस्तान में उसकी घातक भूमिका से ध्यान हटाने का एक असफल प्रयास है.

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Last Updated : Nov 5, 2021, 6:30 PM IST
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