नई दिल्ली : चार राज्यों के चुनाव परिणाम आ गए हैं. भाजपा ने तीन राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान, छ्त्तीसगढ़ में जीत दर्ज की है, जबकि दक्षिण के राज्य तेलंगाना में कांग्रेस को जीत हासिल हुई है. तेलंगाना में भाजपा के खाते में आठ सीटें आई हैं.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में रविवार को कांग्रेस को करारी शिकस्त देकर हिंदी भाषी राज्यों में अपनी पकड़ मजबूत कर ली. विधानसभा चुनावों के नतीजों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को और मजबूती देने वाला और 2024 के लोकसभा चुनावों का माहौल तैयार करने वाला माना जा रहा है.
राजस्थान और छत्तीसगढ़ में शिकस्त मिलने तथा भाजपा की लहर के बीच विपक्षी दल (कांग्रेस) ने तेलंगाना में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) को सत्ता से बेदखल कर दिया. इस तरह, भाजपा ने लोकसभा चुनाव का 'सेमीफाइनल' कहे जा रहे चार राज्यों के विधानसभा चुनावों में 3-1 से जीत हासिल कर शानदार प्रदर्शन किया है.
वहीं, मिजोरम में मतगणना सोमवार को होगी. इन पांचों राज्यों में हाल में विधानसभा चुनावों के लिए मतदान हुआ था। इन पांचों राज्यों में लोकसभा की कुल 84 सीट हैं और आगामी लोकसभा चुनाव से पहले यह विधानसभा चुनावों का आखिरी दौर है.
मध्यप्रदेश में भाजपा की सत्ता में वापसी : मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 163 सीटों पर जीत दर्ज की है. वहीं कांग्रेस ने 66 सीट पर जीत दर्ज की है. आयोग के अनुसार भारत आदिवासी पार्टी ने भी प्रदेश में पहली बार एक सीट पर जीत दर्ज की है.
आयोग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (बुधनी), कैलाश विजयवर्गीय (इंदौर एक), केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (दिमनी), प्रहलाद पटेल (नरसिंहपुर), लोकसभा सांसद राकेश सिंह (जबलपुर पश्चिम), लोकसभा सांसद उदय प्रताप सिंह (गाडरवारा) से चुनाव जीते. केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते (निवास) चुनाव हार गए हैं. मध्यप्रदेश की 230 सीट के लिए मतदान 17 नवंबर को हुआ था और मतगणना रविवार सुबह आठ बजे कड़ी सुरक्षा के बीच 52 जिला मुख्यालयों पर शुरू हुई थी.
राजस्थान में भाजपा ने जीतीं 115 सीटें : राजस्थान में भाजपा सत्ता में लौट आई और उसने 199 सीटों में से 115 सीटें जीतकर सत्ता में वापसी की है. कांग्रेस जो राज्य में हर पांच साल में सत्ताधारी दल को सत्ता से बाहर करने की प्रवृत्ति को खत्म करने की उम्मीद कर रही थी, को 69 सीटें मिलीं. राज्य की 200 में से 199 सीटों पर 25 नवंबर को मतदान हुआ था. श्रीगंगानगर की करणपुर सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार की मृत्यु के कारण चुनाव स्थगित कर दिया गया था.
छत्तीसगढ़ में आठ मंत्री हारे : छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनाव में राज्य के आठ मंत्री चुनाव हार गए हैं. चुनाव आयोग से मिली जानकारी के अनुसार राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 54 सीट जीत कर पूर्ण बहुमत के जादुई आंकड़े को प्राप्त कर लिया है. कांग्रेस ने 35 सीट जीती हैं. वहीं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने एक सीट पर जीत हासिल की है.
राज्य में भूपेश मंत्रिमंडल के आठ मंत्री सीतापुर से अमरजीत भगत, कोरबा से जयसिंह अग्रवाल, दुर्ग ग्रामीण से ताम्रध्वज साहू, नवागढ़ से गुरु रूद्र कुमार, आरंग से शिवकुमार डहरिया, साजा सीट से रविंद्र चौबे, कवर्धा सीट से अकबर भाई और कोंडागांव से मोहन मरकाम चुनाव हार गए हैं.
चुनाव आयोग के अनुसार दुर्ग ग्रामीण सीट से गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू भाजपा के ललित चंद्राकर से 16,642 मतों से, सीतापुर सीट से मंत्री अमरजीत भगत को भाजपा के रामकुमार टोप्पो ने 17,160 मतों से, कोरबा सीट जयसिंह अग्रवाल को भाजपा के लखनलाल देवांगन ने 25,629 मतों से, नवागढ सीट से गुरू रूद्र कुमार को भाजपा के दयालदास बघेल ने 15,177 मतों से, आरंग सीट से शिव कुमार डहरिया को भाजपा के गुरू खुशवंत साहेब ने 16,538 मतों से, साजा सीट से रविंद्र चौबे को ईश्वर साहू ने 5,196 मतों से, कवर्धा सीट से अकबर भाई को भाजपा के विजय शर्मा ने 39,592 मतों से तथा कोंडागांव सीट से मोहन मरकाम को पूर्व मंत्री लता उसेंडी ने 18,572 मतों से पराजित किया है.
तेलंगाना में कांग्रेस को मिली जीत : तेलंगाना में कांग्रेस पार्टी ने जीत दर्ज की है. कांग्रेस को 64 सीट पर जीत मिली है. बीआरएस को 39, भाजपा को 8 और एआईएमआईएम को सात सीटें मिलीं, जबकि सीपीआई के खाते में एक सीट आई है. मुख्यमंत्री केसीआर कामारेड्डी सीट हार गए हैं, जबकि गजवेल से जीत दर्ज की है. हार के बाद केसीआर ने अपना इस्तीफा गवर्नर को सौंप दिया है.
तेलंगाना में आठ सीट पर जीत के साथ भाजपा ने अपने मत प्रतिशत को किया दोगुना : तेलंगाना विधानसभा के 2018 के चुनाव में सिर्फ एक सीट जीतने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपना मत प्रतिशत लगभग दोगुना कर लिया है. इसी के साथ पार्टी ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव में इस दक्षिणी राज्य में अपनी सीट की संख्या में सुधार भी किया है.
भाजपा का मत प्रतिशत 2018 में सात प्रतिशत था, जो इस विधानसभा चुनाव में बढ़कर 13.88 प्रतिशत हो गया है. पार्टी की राज्य विधानसभा चुनाव में सीट की संख्या भी आठ हो गई है. पार्टी ने इससे पूर्व दो उपचुनाव जीते थे, जिससे निवर्तमान विधानसभा में उसके सदस्यों की संख्या तीन हो गई थी. भाजपा नेता के. वेंकट रमण रेड्डी ने कामारेड्डी में मुख्यमंत्री एवं भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) प्रमुख के. चंद्रशेखर राव और तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) प्रमुख रेवंत रेड्डी को हराकर एक बड़ा उलटफेर किया. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी के. चंद्रशेखर राव को 6,741 मतों के अंतर से हराया
तेलंगाना में भाजपा के तीन सांसद चुनाव हार गए : दूसरी तरफ भाजपा के सभी तीन सांसद चुनाव हार गए हैं. विवादास्पद विधायक टी. राजा सिंह हैदराबाद से एकमात्र भाजपा उम्मीदवार हैं, जिन्होंने 2018 विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी और इस बार भी उन्होंने अपनी यह उपलब्धि दोहराई है. उन्होंने लगातार तीसरी बार अपनी गोशामहल सीट बरकरार रखी.
भाजपा के मुखर सांसद और पूर्व राज्य प्रमुख बी. संजय कुमार अपने बीआरएस प्रतिद्वंद्वी गंगुला कमलाकर रेड्डी से 3,163 वोटों से हार गए. निजामाबाद के सांसद डी. अरविंद अपने बीआरएस प्रतिद्वंद्वी के. संजय से 10 हजार से अधिक मतों से हार गए. सोयम बापुराव भी बीआरएस उम्मीदवार अनिल जादव से हार गए.
भाजपा ने राज्य की सत्ता में आने पर पिछड़ी जाति के नेता को मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया था, जो लगता है कि मतदाताओं को रास नहीं आया. पहले भाजपा को बीआरएस के प्रमुख प्रतिद्वंद्वी के तौर पर देखा जा रहा था, लेकिन इस साल मई में कर्नाटक चुनावों में भाजपा की हार और कांग्रेस के मजबूत होने के बाद यह धारणा बदल गई थी.