मोतिहारी : बिहार के मोतिहारी में भारतीय डाक विभाग द्वारा चंपारण प्रमंडल के लिए निकाले गए ग्रामीण डाक सेवक की वैकेंसी में चयनित अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों की जांच के दौरान अधिकारियों के होश फाख्ता हो गए. अधिकतर डाक सेवक अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र एक ही पैटर्न पर पाए गए. जिस कारण अधिकारियों को हेरफेर की आशंका नजर आ रही है. अधिकतर अभियर्थियों के प्रमाण-पत्र जम्मू काश्मीर स्टेट ओपेन स्कूल और द वेस्ट बंगाल कौंसिल ऑफ रविंद्र ओपेन स्कूलिंग के हैं. सभी अभ्यर्थियों के अंक 98 प्रतिशत से लेकर 100 प्रतिशत तक हैं.
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गणित में 100 नंबर सवाल भी नहीं आता : गणित में 100 प्रतिशत, तो हिंदीं, विज्ञान और अंग्रेजी में 99 प्रतिशत तक अंक हैं. इतने अंक लाने वाले इन अभ्यर्थियों को मैथ के मामूली सवाल का जवाब भी देते नहीं बन रहा था. एक अभ्यर्थी तो न्यूटन का थर्ड लॉ ही भूल गया. यही नहीं, चयनित अभ्यर्थियों में कई ने अपने अपने शपथ पत्र में थाना, तो कई ने अपने गांव और जिले का नाम गलत भरा था. ऐसे चयनित अभ्यर्थी मंगलवार को प्रमाणपत्रों की जांच कराने डाक अधीक्षक के कार्यालय पहुंचे थे.
100 पदों पर 98 डाक सेवकों का चयन : इन अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों पर डाक अधीक्षक ने भी शंका जाहिर की है. डाक अधीक्षक डॉ.आशुतोष आदित्य ने बताया कि ''अधिकतर चयनित अभ्यर्थियों की योग्यता को देखते हुए इनके प्रमाण पत्र प्रथम दृष्टया फर्जी प्रतीत हो रहे हैं. वरीय अधिकारियों से दिशा निर्देश मांगा जा रहा है. साथ ही अविलम्ब इसकी जांच करायी जाएगी. जिला में ग्रामीण डाक सेवक के 100 पदों पर वेकेंसी निकली थी. जिसमें 98 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है. अभी जो इन अभ्यर्थियों से शपथ पत्र लिया गया. तो शपथ पत्र में नाम और पता आदि लिखने में गड़बड़ी हुई. इसी को लेकर संदेह प्रतीत हो रहा है.''
अधिकांश अभ्यर्थियों के एक समान अंक : इससे पहले भी एक एफआईआर कराया गया है. कई प्रमंडलों में एफआईआर कराए गए हैं. अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की जांच की जा रही है. फर्जी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी. बतादें कि भारतीय डाक विभाग ने जुलाई महीना में जिला में ग्रामीण डाक सेवकों के 100 पद के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे. जिसके लिए सैकड़ों अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. जिसमें 98 अभ्यर्थियों का चयन हुआ. लेकिन अधिकांश चयनित अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र जम्मू काश्मीर के हैं. जिन प्रमाण पत्रों की जांच में अधिकांश अभ्यर्थियों के एक समान अंक है. जो संदेह उत्पन्न करता है.
सर्टिफिकेट में गड़बड़झाला का अंदेशा : इसके अलावा गूगल पर जम्मू काश्मीर स्टेट ओपेन स्कूल को सर्च करने पर दो साइट्स खुल रहे हैं. जिसमें एक साइट www.jksos.ac और दूसरा www.jksos.in खुल रहा है. लेकिन अधिकांश सरकारी बेवसाइट के अंत में in रहता है. वहीं जब www.jksos.in पर इन अभ्यर्थियों के बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं हैं. जबकि दूसरे बेवसाइट पर जानकारी है. इसकारण चंपारण डाक प्रमंडल के अधिकारी चयनित अभ्यर्थियों के मामले में फूंक-फूंक कर कदम बढ़ा रहे हैं. क्योंकि कुछ साल पूर्व में संस्कृत शिक्षा बोर्ड के फर्जी सर्टिफिकेट पर बहाल ग्रामीण डाक सेवकों के ऊपर कार्रवाई को लेकर अधिकारियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था.