हैदराबाद/जयपुर. राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने ईटीवी भारत के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत की. इस दौरान कटारिया ने रीजनल न्यूज कोऑर्डिनेटर सचिन शर्मा के सवालों का खुलकर बेबाकी के साथ जवाब दिया. उन्होंने पंचायती राज चुनाव के परिणाम, पार्टी के भीतर की खींचतान और कांग्रेस के जरिये राजस्थान के सियासी हलकों में मची हलचल का भी जवाब दिया. अहम बात ये रही कि इस इंटरव्यू के दौरान कटारिया ने हाल ही में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल के आरोपों पर भी अपनी बात रखी.
उनसे जब ईटीवी भारत ने पूछा कि मौजूदा वक्त में पंचायती राज चुनाव में बीजेपी का जो प्रदर्शन रहा है, उस पर आपकी क्या राय है ? इस सवाल के जवाब में कटारिया ने कहा कि जिन 6 जिलों में चुनाव हुए थे, वहां भारतीय जनता पार्टी के महज 10 विधायक जीत कर आए थे. इसके बावजूद कांग्रेस के 99 जिला परिषद सदस्यों के मुकाबले भाजपा के 90 जिला परिषद सदस्यों ने जीत दर्ज की, जो कि कोई बड़ा अंतर नहीं है. वहीं कटारिया 6 में से 3 जिला परिषदों में जिला प्रमुख बीजेपी के बनाए जाने को लेकर भी संतुष्ट दिखे. हालांकि उन्होंने माना कि पंचायत चुनाव में प्रधान के स्तर पर जरूर भाजपा का प्रदर्शन कमजोर रहा, लेकिन उन्होंने 10 विधायकों के होने के बावजूद 25 प्रधान बनवा पाने को बीजेपी के लिए बड़ी उपलब्धि बताया.
दल-बदल कानून पर केवल बयानबाजी...
जब कटारिया से ये पूछा गया कि भाजपा ने जिला प्रमुख और पंचायत समितियों के प्रधान चुनाव में कई जगह बड़ा उलटफेर किया था, वहीं आप खुद दल-बदल कानून के पक्षधर हैं, तो क्या ये मान लिया जाना चाहिए कि दल-बदल कानून पर दोनों पार्टियां केवल बयान ही देती रहीं हैं. क्या असल में इस पर अमल नहीं किया जा सकता है ? इस सवाल के जवाब पर कटारिया बोले की कांग्रेस इस व्यवस्था के लिए दोषी है, चुनावों के बीच बड़ा अंतर बाड़ाबंदी के लंबे कार्यकाल को बढ़ाता है और यह समय ही आज की लोकतांत्रिक व्यवस्था में दोषपूर्ण है.
भिंडर पर बोले- राजनीति संभावनाओं का क्षेत्र...
इस इंटरव्यू के दौरान गुलाबचंद कटारिया ने आने वाले उपचुनाव पर भी बात की. उनसे जब पूछा गया कि क्या वल्लभनगर में भाजपा की जीत पर सबसे बड़ा रोड़ा रणधीर सिंह भिंडर हैं ? और क्या भिंडर की भाजपा में उपचुनाव के दौरान वापसी संभव है. उन्होंने बताया कि जब वल्लभनगर में पंचायती राज के चुनाव हुए थे तो रणधीर सिंह भिंडर की पार्टी जनता सेना महज एक प्रधान बनाने में कामयाब रही थी, जबकि दो जगह भारतीय जनता पार्टी के प्रधान निर्वाचित हुए थे. उन्होंने चुनाव का हवाला देते हुए जनता सेना की जमीनी हकीकत को सामने लाने की कोशिश की. साथ ही भाजपा में भिंडर की वापसी पर कहा कि राजनीति संभावनाओं का क्षेत्र है और प्रयास लगातार जारी होते रहेंगे.
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राजे, भाजपा और अंदरूनी खींचतान पर बोले कटारिया
वहीं नेता प्रतिपक्ष कटारिया ने हाल के चुनावों से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की दूरी पर बेबाकी के साथ अपनी बात को रखा. कटारिया ने कहा कि जब-जब बीजेपी को वसुंधरा राजे की जरूरत होगी, तब तब वे पार्टी का साथ देने के लिए मौजूद रहेंगी. पर उन्होंने पंचायत राज के चुनाव में बड़े नेताओं के शामिल नहीं होने के मसले पर पार्टी की व्यवस्था को दोषपूर्ण बताया और कहा कि सभी प्रमुख नेता इन चुनावों में अपने क्षेत्रों तक ही सिमट कर रह गए थे. अगर पार्टी चाहती तो उनका इस्तेमाल किया जा सकता था.
इस बीच कटारिया ने बीते विधानसभा चुनावों में राजस्थान में सरकार को रिपीट नहीं कर पाने के मसले पर कहा कि कांग्रेस ने जनता को वादों के सब्जबाग दिखाए, जिसके कारण किसान कर्ज माफी, बेरोजगारी भत्ता और संविदा कर्मियों के नियमितीकरण जैसे मसलों से कुल वोटरों में महज 50 हजार का फर्क रहा.
जरूरी नहीं पार्टी प्रदेशाध्यक्ष हो मुख्यमंत्री पद का दावेदार...
उन्होंने अगले मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर बीजेपी के अंदरखाने हो रही रस्साकशी को लेकर कहा कि भारतीय जनता पार्टी में भैरों सिंह से लेकर वसुंधरा राजे के कार्यकाल के बीच लगभग 11 प्रदेश अध्यक्ष आए हैं, इसका मतलब यह नहीं होता है कि प्रदेशाध्यक्ष ही अगले मुख्यमंत्री का दावेदार बन जाए. उन्होंने इस सवाल पर जारी गफलत के लिए मीडिया को भी बराबर का दोषी बताया. इस बीच जब ये सवाल उठा कि क्या भाजपा में अगले मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर गुलाबचंद कटारिया इस दौड़ में शामिल हो सकते हैं ? तो उनका कहना था कि वह मुख्यमंत्री की दौड़ से बाहर हैं, जो पार्टी उन्हें काम सौंपने वाली है उसके लिए हमेशा तैयार रहेंगे. लगे हाथ कटारिया ने खेमेबाजी में खुद के नाम को लेकर भी तस्वीर को साफ कर दिया.
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गहलोत सरकार का क्या होगा ?
गुलाबचंद कटारिया और भाजपा के कुछ नेता कांग्रेस में चल रही फूट को लेकर बार-बार बयान देते हैं. कटारिया ने सचिन पायलट के भाजपा में आने की चर्चाओं और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एपी अब्दुल्लाकुट्टी के बीते दिनों दिये गये बयान को लेकर कहा कि राजस्थान की मौजूदा सरकार और कांग्रेस शुरुआत से खेमेबाजी का शिकार रही है और कांग्रेस ने सचिन पायलट की मेहनत को नजर अंदाज किया है.
मेघवाल की चिट्ठी पर बेबाक बोल
गुलाब चंद कटारिया से जब ईटीवी भारत ने पूछा कि हाल ही में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता कैलाश मेघवाल ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को आपके खिलाफ पत्र लिखा है, जिसमें आपके ऊपर कई आरोप लगाए गए हैं. तो कटारिया ने इस मसले पर अपनी पार्टी पर भरोसा जताते हुए कहा कि वह फिलहाल इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे क्योंकि इस पत्र में उन्हें दोषी के रूप में खड़ा किया गया है, साथ ही उन्होंने यह कहा कि गुरुवार को जब विधायक दल की बैठक होगी तब इस मसले पर तस्वीर और ज्यादा साफ हो जाएगी.
आरोपों से घिरे कटारिया से जब बीते दिनों महाराणा प्रताप पर दिये गये बयान को लेकर बात हुई, तो वे बोले कि उनकी जुबान से महाराणा प्रताप के लिए दो शब्द निकले वह खुद इस बात को लेकर तत्काल माफी मांग चुके हैं और अब भी वे इस बात को लेकर अफसोस जाहिर कर रहे हैं.