नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी स्थित पुरानी दिल्ली के शाही ईदगाह में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) की ओर से इफ्तार पार्टी होने वाली थी. लेकिन दिल्ली पुलिस ने इसकी इजाजत देने से इनकार कर दिया है. इस कार्यक्रम में AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल होने वाले थे. दिल्ली पुलिस का मानना है कि मौजूदा हालात को देखते हुए इफ्तार पार्टी की इजाजत देना उचित नहीं है. दिल्ली पुलिस राजधानी में किसी भी सूरत में लॉ एंड ऑर्डर को खराब नहीं होने देना चाहती है.
जानकारी के मुताबिक, AIMIM के ज्वाइंट सेक्रेटरी मोहम्मद अकील की तरफ से ईदगाह कसबपुरा में 20 अप्रैल को इफ्तार पार्टी की इजाजत मांगी गई थी. लेकिन दिल्ली पुलिस की तरफ से लॉ एंड ऑर्डर का हवाला देते हुए इफ्तार पार्टी की इजाजत नहीं दी गई. पुलिस के मुताबिक, जहांगीरपुरी में हालात अभी सामान्य है, लेकिन तनाव बना हुआ है. माना जा रहा है कि इन्हीं हालातों की वजह से दिल्ली पुलिस ने AIMIM को ईदगाह में इफ्तार पार्टी की इजाजत नहीं दी.
बता दें कि राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती के अवसर पर निकाली गई शोभायात्रा के दौरान हिंसा हुई थी. कई दंगाई अब तक पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं. दिल्ली पुलिस ने यहां जहांगीरपुरी में हुई हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए पांच आरोपियों पर सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाया है. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि कड़े कानून के तहत जिनपर मामला दर्ज किया गया है उनमें हिंसा के पीछे कथित 'मुख्य साजिशकर्ता' अंसार और सोनू शामिल हैं, जिसे शनिवार को हिंसा के दौरान एक वीडियो में गोलीबारी करते हुए देखा गया था.
इमाम उर्फ सोनू को उत्तर-पश्चिम जिला पुलिस के स्पेशल स्टाफ ने सोमवार को गिरफ्तार किया गया था. पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया था कि झड़प के दौरान कुशल चौक के पास उसने अपनी पिस्टल से फायरिंग की थी. जहांगीरपुरी थाने में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, हनुमान जयंती जुलूस शनिवार को इलाके से शांतिपूर्ण तरीके से गुजर रहा था, लेकिन शाम करीब छह बजे जब सी-ब्लॉक की एक मस्जिद के बाहर पहुंचा तो अंसार अपने 4-5 साथियों के साथ आ गया और बहस करने लगा.
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