नई दिल्ली: समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर देश में चल रही बहस के बीच कानून मंत्रालय की संसदीय स्थायी समिति की आज बैठक होगी. बैठक में सभी हितधारकों के विचार जाने जाएंगे. खबर आ रही है कि केंद्र सरकार आगामी मॉनसून सत्र में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) का बिल पेश कर सकती है. सूत्रों के मुताबिक केंद्र ने संसद के मॉनसून सत्र में यूसीसी बिल लाने की तैयारी कर ली है. यह यूसीसी बिल संसदीय समिति को भी भेजा जा सकता है.
यूनीफॉर्म सिविल कोड को लेकर सांसदों की राय जानने के लिए संसदीय समिति की आज बैठक बुलाई गई है. कानून और कार्मिक पर स्थायी समिति के कार्यक्रम के अनुसार 14 जून, 2023 को भारत के विधि आयोग द्वारा जारी सार्वजनिक नोटिस पर कानून पैनल और कानून मंत्रालय के कानूनी मामलों और विधायी विभागों के प्रतिनिधियों के विचारों को सुनेगी. पर्सनल लॉ की समीक्षा विषय के तहत समान नागरिक संहिता पर विभिन्न हितधारकों से विचार आमंत्रित किया जा रहा है. मंगलवार शाम तक, कानून पैनल को अपने सार्वजनिक नोटिस पर लगभग 8.5 लाख प्रतिक्रियाएं मिली थीं.
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क्या है यूसीसी- यूनिफॉर्म सिविल कोड, यानी देशभर में रहने वाले सभी लोगों के लिए समान कानून. अब अगर कोई भी व्यक्ति किसी भी जाति या धर्म का हो, इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा. तलाक हो या विवाह, अगर अपराध एक जैसे होंगे, तो सजा भी एक जैसी मिलेगी. अभी तलाक, विवाह, गोद लेने के नियम और संपत्ति विरासत पर धर्म के हिसाब से कानून है. मुस्लिम समाज में शरिया के आधार पर यह तय किया जाता है. उन्होंने मुस्लिम पर्सनल लॉ बना रखे हैं.
हालांकि, हमारे संविधान के अनुच्छेद 44 में उल्लिखित है कि सभी नागरिकों के लिए समान कानून हो. क्रिमिनल मामलों में एक जैसे कानून लागू होते हैं, लेकिन सिविल मामलों में अलग-अलग कानून हैं. इसी दोहरापन को समाप्त करने को लेकर बात चल रही है.
(पीटीआई)