साहिबगंज: झारखंड से बिहार और पश्चिम बंगाल के बीच बोट एंबुलेंस की सुविधा शुरू की जा रही है. ये सुविधा झारखंड के साहिबगंज जिला प्रशासन द्वारा शुरू की जा रही है. 15 मई को इसका शुभारंभ किया जाएगा. इसके जरिए साहिबगंज जिले के लोग इलाज के लिए निशुल्क गंगा के रास्ते पश्चिम बंगाल के मालदा और बिहार के भागलपुर के अलावा पटना तक जा सकते हैं. इससे झारखंड के साथ ही बिहार और पश्चिम बंगाल के लोगों को भी लाभ मिलेगा.
दरअसल, बेहतर इलाज की सुविधा मुहैया उपलब्ध कराने के उद्देश्य से साहिबगंज जिला प्रशासन ने डीएमएफटी फंड से दो बोट एंबुलेंस की खरीदारी कर दियारा वासियों को तोहफा दिया है. यह बोट स्वास्थ्य विभाग को समर्पित किया जाएगा. गौरतलब है कि दियारा क्षेत्र में बसने वाली एक बड़ी आबादी को मरीज या घायल व्यक्ति के इलाज में परेशानी होती है. अक्सर देखा जाता है कि नाव नहीं मिलने के अभाव में कई गर्भवती महिलाओं की मौत हो जाती है. समय पर संसाधन नहीं मिलने से घायल मरीज देर से अस्पताल पहुंचते हैं, तब तक काफी देर हो चुकी होती है. तमाम समस्याओं को देखते हुए जिला प्रशासन ने ये सराहनीय कदम उठाया है.
दो बोट एंबुलेंस में से एक एंबुलेंस साहिबगंज में तो दूसरा राजमहल में रहेगा, ताकि जिले में 83 किमी तक बहने वाली गंगा नदी को दोनों बोट एंबुलेंस कवर कर सकें. बाढ़ के दिनों में इस बोट एंबुलेंस की उपयोगिता और अधिक बढ़ जाएगी. लोगों को बाढ़ से सुरक्षित निकालने और अस्पताल तक पहुंचाने में इसका उपयोग किया जा सकेगा.
उपायुक्त ने दी जानकारी: इस बारे में जानकारी देते हुए साहिबगंज डीसी राम निवास यादव ने कहा कि दोनों बोट एंबुलेंस से गंगा आर-पार करने वाले मरीजों को काफी लाभ मिलेगा. स्वास्थ्य विभाग इसकी मॉनिटरिंग करेगा. इसके लिए हर दिन मरीज को निशुल्क सेवा दी जाएगी. इसके लिए कहीं दूसरे स्थान पर जाने के लिए रेफर मरीज को अस्पताल से अनुमति लेनी होगी. उन्होंने बताया कि 15 मई को डीएमएफटी काउंसलिंग की बैठक है, उसी दिन इस दोनों बोट का शुभारंभ किया जाएगा.
बोट एंबुलेंस की विशेषताएं: यह डबल इंजन का बोट है. एक इंजन खराब होगा तो दूसरा चालू होगा. इसे मरीजों के लिए पूरी तरह सुरक्षित बताया जा रहा है. प्रति बोट एंबुलेंस की कीमत 29 लाख 17 हजार 200 रुपये पड़ा है. दो सालों तक इसका मेंटेनेंस डीएमएफटी फंड से किया जाएगा. इसके तहत प्रत्येक साल ईंधन खर्च, ड्राइवर की सैलरी, ऑक्सीजन और स्मार्ट फोन का खर्च दिया जाएगा. फिर रिनुवल किया जाएगा. प्रत्येक बोट एंबुलेंस में दो ड्राइवर होंगे, जो दिन और रात के शिफ्ट में काम करेंगें.
फोन पर होगी बुकिंग: इस बोट एंबुलेंस में कार्यरत कर्मी और मौजूद लोगों को स्मार्टफोन दिया जाएगा, जिसका नंबर जारी किया जाएगा, ताकि लोग फोन पर इस बोट एंबुलेंस को बुक कर सकें. इस बोट एंबुलेंस से हर दिन लोग निशुल्क सुविधा ले सकते हैं. बशर्ते मरीज के पास सदर अस्पताल से रेफर पेपर होना चाहिए. इस दौरान लोग गंगा के रास्ते मालदा और बिहार के भागलपुर और पटना तक इलाज के लिए जा सकते हैं. जिला प्रशासन की तरफ से प्रति दिन बोट को 50 लीटर ईंधन दिया जाएगा. साथ ही ड्राइवर को सेफ्टी कीट भी दिया जाएगा.