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ममता का आरोप- प्रधानमंत्री के साथ बैठक में कुछ नहीं मिला - मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोरोना पर

प्रधानमंत्री की राज्‍यों के मुख्‍यमंत्रियों के साथ हुई बैठक के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी असंतुष्‍ट हैं. उनका आरोप है कि इस बैठक में कुछ नहीं मिला और वह खाली रहा. उन्होंने दावा किया कि केंद्र ने अब तक राज्य के 'कानूनी आर्थिक बकाये' का भुगतान नहीं किया है.

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ममता बनर्जी
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Published : May 12, 2020, 7:11 PM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि कोरोना संकट से जल्दी राहत मिलने की संभावना नहीं है और स्थिति से निबटने के लिए तीन महीने की योजना की जरूरत है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सोमवार को हुई वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक को लेकर बनर्जी ने कहा कि बंगाल को इस बैठक से कुछ नहीं मिला और वह बैठक से खाली हाथ लौटीं.

उन्होंने दावा किया कि केंद्र ने अब तक राज्य के 'कानूनी आर्थिक बकाये' का भुगतान नहीं किया है.

मुख्यमंत्री ने कहा, 'मैंने प्रधानमंत्री के साथ बैठक में कई मुद्दे उठाए. मुझे कहना चाहिए कि हम हमेशा प्रधानमंत्री के साथ बैठकों के बाद खाली हाथ लौटते हैं. हमें अभी अपना बकाया हासिल करना है.'

बनर्जी ने यह भी दावा किया कि 25 मार्च से लागू किए गए लॉकडाउन से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा है, क्योंकि यह कदम उठाने के लिए बनाई गई योजना सही नहीं थी.

प्रदेश के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा, 'यह मत सोचिए कि हमें जल्दी ही कोरोना संकट से राहत मिल जाएगी. हमारे पास स्थिति से निबटने के लिए तीन महीने की योजना होनी चाहिए.

बनर्जी ने यह भी कहा कि रेड जोन के तहत आने वाले इलाकों को जल्दी और रियायतें दी जाएंगी.

उन्होंने कहा, 'रेड जोन को और तीन श्रेणियों में बांटा जाएगा. गैर निषिद्ध इलाकों में 100 दिन के काम की योजना को फिर से शुरू करने के लिए कदम उठाए जाएंगे.'

हुगली जिले में पिछले हफ्ते हुए सांप्रदायिक संघर्ष के बारे में बनर्जी ने कहा कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

उन्होंने कहा, 'लॉकडाउन के बीच सांप्रदायिक संघर्ष में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. दोषी पाए जाने पर किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा.'

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि कोरोना संकट से जल्दी राहत मिलने की संभावना नहीं है और स्थिति से निबटने के लिए तीन महीने की योजना की जरूरत है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सोमवार को हुई वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक को लेकर बनर्जी ने कहा कि बंगाल को इस बैठक से कुछ नहीं मिला और वह बैठक से खाली हाथ लौटीं.

उन्होंने दावा किया कि केंद्र ने अब तक राज्य के 'कानूनी आर्थिक बकाये' का भुगतान नहीं किया है.

मुख्यमंत्री ने कहा, 'मैंने प्रधानमंत्री के साथ बैठक में कई मुद्दे उठाए. मुझे कहना चाहिए कि हम हमेशा प्रधानमंत्री के साथ बैठकों के बाद खाली हाथ लौटते हैं. हमें अभी अपना बकाया हासिल करना है.'

बनर्जी ने यह भी दावा किया कि 25 मार्च से लागू किए गए लॉकडाउन से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा है, क्योंकि यह कदम उठाने के लिए बनाई गई योजना सही नहीं थी.

प्रदेश के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा, 'यह मत सोचिए कि हमें जल्दी ही कोरोना संकट से राहत मिल जाएगी. हमारे पास स्थिति से निबटने के लिए तीन महीने की योजना होनी चाहिए.

बनर्जी ने यह भी कहा कि रेड जोन के तहत आने वाले इलाकों को जल्दी और रियायतें दी जाएंगी.

उन्होंने कहा, 'रेड जोन को और तीन श्रेणियों में बांटा जाएगा. गैर निषिद्ध इलाकों में 100 दिन के काम की योजना को फिर से शुरू करने के लिए कदम उठाए जाएंगे.'

हुगली जिले में पिछले हफ्ते हुए सांप्रदायिक संघर्ष के बारे में बनर्जी ने कहा कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

उन्होंने कहा, 'लॉकडाउन के बीच सांप्रदायिक संघर्ष में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. दोषी पाए जाने पर किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा.'

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