1951 में कल्पा में डाला था वोट, सुनें देश के पहले मतदाता की कहानी उन्हीं की जुबानी - देश के पहले मतदाता की कहानी
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किन्नौर: देश के प्रथम मतदाता मास्टर श्याम सरन नेगी के स्वास्थ्य ठीक होने के बाद अब उनसे गांव के स्थानीय लोगों समेत बाहरी राज्यों से पर्यटक भी उनसे मिलने आ रहे हैं. देश के प्रथम मतदाता मास्टर श्याम सरन नेगी ने कहा कि देश अंग्रेजों की गुलामी के बाद जैसे ही आजाद हुआ जिसके बाद देश लोकतान्त्रिक देश बना. ऐसे में इस देश को चलाने के लिए वोटिंग सिस्टम को शुरू किया गया और बेहतर उम्मीदवार को चुनने का अधिकार आम जनता को मिला ऐसे (first voter Master Shyam Saran Negi) में देश के अंदर राजाओं के शासन समाप्ति के बाद आम जनमानस को सरकार चुनने का मौका मिला और आज देश मे हर व्यक्ति के मत से सरकारें बनती हैं और देश के विकास व आम लोगों की समस्याओं को सुलझाने की जिम्मेदारी भी मिलती है जो हमें देश में आजादी का और बेहतर एहसास देती हैं. उन्होंने कहा कि पुराने समय में इलेक्शन में वोटिंग करना मुश्किल होता था. वाहनों की सुविधाएं नहीं होती थी. पैदल चलकर कई किलोमीटर दूर जाकर बूथ पर वोट देना पड़ता था. मास्टर श्याम सरन नेगी ने बताया कि 1951 में किन्नौर में 6 महीने पहले चुनाव हुए थे तो यहां 8 फीट के करीब बर्फबारी हुई थी.