ऊना: जिला के चताड़ा क्षेत्र में बनी एक कॉलोनी के स्थानीय बाशिंदों के लिए सीवरेज का पानी गले की फांस बन गई है. सीवरेज का ये पानी चताड़ा गांव में पहुंच रहा है जिसकी वजह से ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. समस्या से निपटने के लिए अब ग्रामीणों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.
इस कॉलोनी में दर्जनों घरों का गंदा पानी ग्रामीणों की भूमि में खुला छोड़ दिया गया है जिससे ग्रामीणों की जमीनों ने तालाब का रूप धारण कर लिया है. कॉलोनी से निकलने वाले इस गंदे पानी से बीमारियों का खतरा भी बढ़ता जा रहा है. ग्रामीणों ने प्रशासन से इस समस्या को हल करने की मांग उठाई है.
पंचायत के किसान भी कॉलोनी से निकलने वाले सीवरेज के पानी से परेशान हैं. किसानों की मानें तो कॉलोनी से निकलने वाला सीवरेज का पानी सीधा किसानों के खेतों में बह रहा है जिससे किसानों को अपने खेतों में फसल का काम करने परेशानी हो रही है.
किसानों का आरोप है कि कॉलोनी से निकलने वाले गंदे पानी ने तालाब का रूप धारण कर लिया है जिसमें आए दिन ग्रामीणों के पशु और जंगली जानवरों द्वारा गंदा पानी पीने से उनकी मौत हो चुकी है. कॉलोनी के साथ लगती भूमि के मालिकों ने कलोनी प्रबंधक, पंचायत और प्रदूषण विभाग में भी कई बार शिकायत की, लेकिन नतीजा शून्य ही रहा.
स्थानीय लोगों ने बताया कि जब कॉलोनी का निर्माण हुआ था तब प्रबंधक द्वारा कॉलोनी के गंदे पानी को ट्रीट करके छोड़े जाने की बात कही थी. इससे किसानों को अपने खेतों को साफ पानी मिलने की उम्मीद जगी थी. प्रबंधक द्वारा कॉलोनी के घरों से निकलने वाले गंदे पानी के लिए टैंक भी बनाया गया और उसमें ट्रीटमेंट प्लान भी लगाया गया, लेकिन प्लांट आज तक चला ही नहीं और सारी कॉलोनी का गंदा पानी उनकी जमीनों में खड़ा हो रहा है. इससे उपजाऊ भूमि खराब हो ही रही है.
ऊना डीसी राकेश कुमार प्रजापति ने कॉलोनी और स्थानीय पंचायत के सहयोग से समस्या के जल्द निवारण का दावा किया है. उन्होंने इस मामले में एसडीएम को जांच का जिम्मा सौंपा है.
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