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ऊना में गले की फांस बना सीवरेज का पानी, ग्रामीणों ने DC से लगाई मदद की गुहार - सीवरेज के पानी से ग्रामीण परेशान

ऊना के चताड़ा में सीवरेज के पानी से ग्रामीण परेशान हैं. ग्रामीणों ने प्रशासन से इस समस्या से निजात दिलाने की गुहार लगाई है.

सीवरेज का पानी
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Published : May 30, 2019, 2:24 PM IST

ऊना: जिला के चताड़ा क्षेत्र में बनी एक कॉलोनी के स्थानीय बाशिंदों के लिए सीवरेज का पानी गले की फांस बन गई है. सीवरेज का ये पानी चताड़ा गांव में पहुंच रहा है जिसकी वजह से ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. समस्या से निपटने के लिए अब ग्रामीणों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.

siverage problem
सीवरेज के पानी से ग्रामीण परेशान

इस कॉलोनी में दर्जनों घरों का गंदा पानी ग्रामीणों की भूमि में खुला छोड़ दिया गया है जिससे ग्रामीणों की जमीनों ने तालाब का रूप धारण कर लिया है. कॉलोनी से निकलने वाले इस गंदे पानी से बीमारियों का खतरा भी बढ़ता जा रहा है. ग्रामीणों ने प्रशासन से इस समस्या को हल करने की मांग उठाई है.

पंचायत के किसान भी कॉलोनी से निकलने वाले सीवरेज के पानी से परेशान हैं. किसानों की मानें तो कॉलोनी से निकलने वाला सीवरेज का पानी सीधा किसानों के खेतों में बह रहा है जिससे किसानों को अपने खेतों में फसल का काम करने परेशानी हो रही है.

siverage problem
सीवरेज का पानी

किसानों का आरोप है कि कॉलोनी से निकलने वाले गंदे पानी ने तालाब का रूप धारण कर लिया है जिसमें आए दिन ग्रामीणों के पशु और जंगली जानवरों द्वारा गंदा पानी पीने से उनकी मौत हो चुकी है. कॉलोनी के साथ लगती भूमि के मालिकों ने कलोनी प्रबंधक, पंचायत और प्रदूषण विभाग में भी कई बार शिकायत की, लेकिन नतीजा शून्य ही रहा.

सीवरेज के पानी से ग्रामीण परेशान

स्थानीय लोगों ने बताया कि जब कॉलोनी का निर्माण हुआ था तब प्रबंधक द्वारा कॉलोनी के गंदे पानी को ट्रीट करके छोड़े जाने की बात कही थी. इससे किसानों को अपने खेतों को साफ पानी मिलने की उम्मीद जगी थी. प्रबंधक द्वारा कॉलोनी के घरों से निकलने वाले गंदे पानी के लिए टैंक भी बनाया गया और उसमें ट्रीटमेंट प्लान भी लगाया गया, लेकिन प्लांट आज तक चला ही नहीं और सारी कॉलोनी का गंदा पानी उनकी जमीनों में खड़ा हो रहा है. इससे उपजाऊ भूमि खराब हो ही रही है.

ऊना डीसी राकेश कुमार प्रजापति ने कॉलोनी और स्थानीय पंचायत के सहयोग से समस्या के जल्द निवारण का दावा किया है. उन्होंने इस मामले में एसडीएम को जांच का जिम्मा सौंपा है.

ये भी पढ़ें - छात्रा को आपत्तिजनक मैसेज भेजने का मामला, आरोपी प्रिंसिपल समेत पूरा स्टाफ बदलने की मांग

ऊना: जिला के चताड़ा क्षेत्र में बनी एक कॉलोनी के स्थानीय बाशिंदों के लिए सीवरेज का पानी गले की फांस बन गई है. सीवरेज का ये पानी चताड़ा गांव में पहुंच रहा है जिसकी वजह से ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. समस्या से निपटने के लिए अब ग्रामीणों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.

siverage problem
सीवरेज के पानी से ग्रामीण परेशान

इस कॉलोनी में दर्जनों घरों का गंदा पानी ग्रामीणों की भूमि में खुला छोड़ दिया गया है जिससे ग्रामीणों की जमीनों ने तालाब का रूप धारण कर लिया है. कॉलोनी से निकलने वाले इस गंदे पानी से बीमारियों का खतरा भी बढ़ता जा रहा है. ग्रामीणों ने प्रशासन से इस समस्या को हल करने की मांग उठाई है.

पंचायत के किसान भी कॉलोनी से निकलने वाले सीवरेज के पानी से परेशान हैं. किसानों की मानें तो कॉलोनी से निकलने वाला सीवरेज का पानी सीधा किसानों के खेतों में बह रहा है जिससे किसानों को अपने खेतों में फसल का काम करने परेशानी हो रही है.

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सीवरेज का पानी

किसानों का आरोप है कि कॉलोनी से निकलने वाले गंदे पानी ने तालाब का रूप धारण कर लिया है जिसमें आए दिन ग्रामीणों के पशु और जंगली जानवरों द्वारा गंदा पानी पीने से उनकी मौत हो चुकी है. कॉलोनी के साथ लगती भूमि के मालिकों ने कलोनी प्रबंधक, पंचायत और प्रदूषण विभाग में भी कई बार शिकायत की, लेकिन नतीजा शून्य ही रहा.

सीवरेज के पानी से ग्रामीण परेशान

स्थानीय लोगों ने बताया कि जब कॉलोनी का निर्माण हुआ था तब प्रबंधक द्वारा कॉलोनी के गंदे पानी को ट्रीट करके छोड़े जाने की बात कही थी. इससे किसानों को अपने खेतों को साफ पानी मिलने की उम्मीद जगी थी. प्रबंधक द्वारा कॉलोनी के घरों से निकलने वाले गंदे पानी के लिए टैंक भी बनाया गया और उसमें ट्रीटमेंट प्लान भी लगाया गया, लेकिन प्लांट आज तक चला ही नहीं और सारी कॉलोनी का गंदा पानी उनकी जमीनों में खड़ा हो रहा है. इससे उपजाऊ भूमि खराब हो ही रही है.

ऊना डीसी राकेश कुमार प्रजापति ने कॉलोनी और स्थानीय पंचायत के सहयोग से समस्या के जल्द निवारण का दावा किया है. उन्होंने इस मामले में एसडीएम को जांच का जिम्मा सौंपा है.

ये भी पढ़ें - छात्रा को आपत्तिजनक मैसेज भेजने का मामला, आरोपी प्रिंसिपल समेत पूरा स्टाफ बदलने की मांग

Intro:ऊना के चताडा में सीवरेज के पानी से ग्रामीण परेशान, कॉलोनाइजर की मनमानी का खामियाजा भुक्त रहे ग्रामीण ,
लोगों की भूमि में छोड़ दिया दर्जनों घरों का गंदा पानी, ग्रामीणों ने प्रशासन से लगाई , समस्या से निजात दिलाने की गुहार।


Body:हिमाचल सरकार द्वारा स्वच्छता अभियान को लेकर बड़े - बड़े दावे किए जाते हैं। लेकिन सरकार के ऊना में ये दावे हवा हवाई होते नजर आ रहे हैं। जिला ऊना के चताड़ा में बनी एक कॉलोनी स्थानीय बाशिंदों के लिए गले की फांस बन गई है। इस कॉलोनी में दर्जनों घरों का गंदा पानी ग्रामीणों की भूमि में खुला छोड़ दिया गया है । जिससे ग्रामीणों की जमीनों ने तालाब का रूप धारण कर लिया है। वहीं कॉलोनी से निकलने वाले इस गंदे पानी से बीमारियों का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। ग्रामीणों ने प्रशासन से इस समस्या को हल करने की मांग उठाई है ।

पंचायत के किसान कॉलोनी से निकलने वाले सीवरेज के पानी से
खासे परेशान हैं। किसानों की माने तो कॉलोनी से निकलने वाला सीवरेज का पानी सीधा किसानों के खेतों में बह रहा है। जिससे किसानों को अपने खेतों में फसल का काम करने परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

किसानों का आरोप है कि कॉलोनी से निकलने वाले गन्दे पानी ने तालाब का रूप धारण कर लिया है। जिसमें आये दिन ग्रामीणों के पशु और जंगली जानबरों द्वारा गंदा पानी पीने से उनकी मौत हो चुकी है। कॉलोनी के साथ लगती भूमि के मालिकों ने कलोनी प्रबंधक, पंचायत और प्रदूषण विभाग में भी कई बार शिकायत की । लेकिन नतीजा शून्य ही रहा, अब परेशान लोगों को बस मीडिया से ही उम्मीद है ।

स्थानीय लोगों की मानें तो जब कलोनी का निर्माण हुआ था तो प्रबंधक द्वारा कालोनी के गंदे पानी को ट्रीट करके छोड़े जाने की बात कही थी। जिससे किसानों को अपने खेतों को साफ पानी मिलने की उम्मीद जगी थी। प्रबंधक द्वारा कॉलोनी के घरों से निकलने वाले गंदे पानी के लिए टैंक भी बनाया गया और उसमें ट्रीटमेंट प्लान भी लगाया गया।
लेकिन स्थानीय लोगों की मानें तो या प्लांट आज तक चला ही नहीं और सारी कॉलोनी का गंदा पानी उनकी जमीनों में खड़ा हो रहा है । जिससे उनकी उपजाऊ भूमि तो खराब हो ही रही है वहीं तलाब बनी भूमि में मक्खी मच्छरों के साथ-साथ जहरीले जीव-जंतु भी पांव पसारने लगे हैं।

बाइट-- स्थानीय निवासी
DARTY WATER-2,3

स्थानीय लोगों की मानें तो इस गंदे पानी को पीने से दो जंगली गाय की मौत भी हो गई है । स्थानीय लोगों ने प्रशासन से इस समस्या से निजात दिलाने की गुहार लगाई है।

बाइट-- राकेश कुमार प्रजापति (डीसी, ऊना)
DARTY WATER- 4
वहीं इस मामले में जिला प्रशासन ने मीडिया के समक्ष समस्या के जल्द निवारण का दावा किया है। डीसी ऊना ने कलोनी और स्थानीय पंचायत के सहयोग से इसके जल्द हल होने की आशा व्यक्त की है। उन्होंने इस मामले में एसडीएम को जांच का जिम्मा सौंपा है।


नोट -- ग्रामीणों की बाइट मेल से उठा लें।





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