ऊना: हिमाचल के ऊना जिला मुख्यालय के समीप पड़ती ग्राम पंचायत जलग्रां में पीएनजी गैस की पाइपलाइन डालते समय पेयजल आपूर्ति लाइन क्षतिग्रस्त होने से स्थानीय मकान और सड़कों को भारी खतरा पैदा हो गया है, हालत यह है कि मकान और सड़क के नीचे से मिट्टी निकल चुकी है और एक तरफ जहां मकान धंसने के चलते गिरने की कगार पर पहुंच गए हैं. वहीं, दूसरी तरफ रोजमर्रा आवाजाही के लिए इस्तेमाल होने वाली गली भी धंसने का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है.
स्थानीय पंचायत और ग्रामीणों ने प्रशासन से तुरंत मामले में दखल देते हुए मरम्मत कार्य करवाने की मांग उठाई है, ताकि लोगों को जान- माल के नुकसान से बचाया जा सके. दूसरी तरफ भारत पेट्रोलियम कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि मामला सामने आने के बाद तुरंत रेस्टोरेशन का काम शुरू कर दिया गया है ताकि लोगों को किसी प्रकार की क्षति होने से बचाया जाए.
ऊना शहर की नजदीकी ग्राम पंचायत जलग्रां टब्बा में घरेलू उपयोग के लिए डाली जा रही घरेलू गैस पीएनजी की पाइपलाइन डालने के लिए ड्रिल की जा रही जमीन के अंदर पेयजल आपूर्ति की लाइन क्षतिग्रस्त हो गई. जिसके चलते भारी लीकेज होने के कारण गांव की गली के ही नीचे प्राकृतिक नाला बन गया. प्राकृतिक नाल बनने के चलते एक तरफ जहां गली के नीचे से मिट्टी निकल गई वहीं साथ लगते मकान भी हवा में आ गए और उनकी भी नींव पानी के साथ बह गई.
पंचायत के सदस्य उमंग ठाकुर ने बताया कि पानी की लीकेज के कारण कई मकानों को भारी नुकसान पहुंचा है एक तरफ जहां मकान के नीचे से मिट्टी खिसक गई है. वहीं, दीवारों में भी भारी दरारें आई हैं. स्थानीय निवासी मुनीष राणा ने बताया कि वर्ष 1984 से बनाए गए उनके मकान के नीचे से पूरी मिट्टी खिसक जाने के कारण वह पूरी तरह खतरे के साए में है और करीब तीन दिनों से वह इसी डर के कारण सो नहीं पाए. जबकि पिछले कल हुई भारी बारिश के चलते यह खतरा और भी ज्यादा बढ़ गया है. स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले में दखल देते हुए तुरंत मरम्मत कार्य करवाया जाए और लोगों के मकान सुरक्षित किए जाएं.
दूसरी तरफ भारत पैट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड के जूनियर एग्जीक्यूटिव हरनूर सिंह का कहना है कि ''मामला सामने आया था, लोगों के भवनओं को सुरक्षित करने के लिए रेस्टोरेशन का काम शुरू कर दिया गया है. जल्द स्थिति को नियंत्रण में किया जाएगा''.
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