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सौर सिंचाई योजना से ऊना के किसान हुए मालामाल, बिजली बिलों और डीजल के झंझट से मिला छुटकारा

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Published : Dec 12, 2019, 1:49 PM IST

सौर सिंचाई योजना के तहत किसानों को सोलर पैनल संयंत्र खरीदने के लिये सरकार अनुदान भी दिया जा रहा है. केंद्र सरकार ने वर्ष 2022 तक देश के किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है इसी दिशा में हिमाचल सरकार ने कदम उठाते हुए प्रदेश में सौर सिंचाई योजना शुरू की है. इस योजना के तहत खेतों में सिंचाई के लिए सोलर पैनल सयंत्र स्थापित करने के लिए किसानों को प्रदेश सरकार द्वारा अनुदान भी दिया जा रहा है.

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सौर सिंचाई योजना से ऊना के किसान हुए मालामाल

ऊना: खेतों में किसानों के खर्चे में कमी करने के उद्देश्य से हिमाचल सरकार द्वारा शुरू की गई सौर सिंचाई योजना ऊना के किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है. जिला ऊना में करीब चार दर्जन किसानों ने सौर ऊर्जा के माध्यम से खेतों की सिंचाई शुरू कर दी हैं.

सौर ऊर्जा से ट्यूबवेल चलाने से किसानों को बिजली के बिलों व डीजल के अत्याधिक खर्च से निजात मिल गई है. इस योजना को अपनाकर किसानों को सालाना लाखों रुपये की बचत हो रही है. सौर सिंचाई योजना के तहत किसानों को सोलर पैनल संयंत्र खरीदने के लिये सरकार अनुदान भी दिया जा रहा है. केंद्र सरकार ने वर्ष 2022 तक देश के किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है इसी दिशा में हिमाचल सरकार ने कदम उठाते हुए प्रदेश में सौर सिंचाई योजना शुरू की है. इस योजना के तहत खेतों में सिंचाई के लिए सोलर पैनल संयंत्र स्थापित करने के लिए किसानों को प्रदेश सरकार द्वारा अनुदान भी दिया जा रहा है.

वीडियो.

ऊना जिला के किसान सौर सिंचाई योजना का खासा लाभ ले रहे हैं. ऊना जिला में करीब 45 किसानों ने सौर सिंचाई योजना को अपना लिया है. सौर ऊर्जा के माध्यम से खेतों की सिंचाई होने से किसानों को बिजली के भारी भरकम बिलों और डीजल के खर्च से छुटकारा मिल रहा है, क्योंकि ज्यादातर ट्यूबवेल बिजली या डीजल इंजन से ही चलाये जाते हैं. लेकिन सौर सिंचाई योजना को अपनाकर किसान सालाना लाखों रुपये की बचत कर रहे हैं.

किसानों की मानें तो सौर सिंचाई योजना किसानों के लिए काफी फायदेमंद है. किसानों की मानें तो सौर सिंचाई योजना के सोलर पैनल लगाने में कोई मुश्किल नहीं आती. वहीं, इससे पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है, लेकिन किसानों की मानें तो धूप खिलने पर ही यह योजना काम कर पाती है और अगर इसमें सौर ऊर्जा द्वारा बन रही बिजली को बिजली स्टोर करने की सुविधा मिल जाये तो किसान कभी भी खेतों की सिंचाई कर सकते हैं.

कृषि विभाग के उप निदेशक सुरेश कपूर ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा जिला ऊना में सौर सिंचाई योजना के लिए 2 करोड़ 80 लाख का बजट मुहैया करवाया गया है जिसके तहत कृषि विभाग द्वारा एक करोड़ 25 लाख रुपये खर्च करके करीब 45 किसानों को इस योजना का लाभ दिया गया है. कृषि अधिकारी ने बताया कि किसान इस योजना के प्रति काफी आकर्षित हो रहे हैं. कृषि उप निदेशक ने बताया कि किसान सौर ऊर्जा सयंत्र से अपने ट्यूबवेल को तो चला ही सकते हैं, जबकि इसी संयंत्र से पैदा होने वाली अधिक बिजली को विद्युत विभाग को बेच भी सकते हैं.

ये भी पढ़ें- एसपी के थाना प्रभारियों को निर्देश, पुराने मामलों का जल्द करें निपटारा

ऊना: खेतों में किसानों के खर्चे में कमी करने के उद्देश्य से हिमाचल सरकार द्वारा शुरू की गई सौर सिंचाई योजना ऊना के किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है. जिला ऊना में करीब चार दर्जन किसानों ने सौर ऊर्जा के माध्यम से खेतों की सिंचाई शुरू कर दी हैं.

सौर ऊर्जा से ट्यूबवेल चलाने से किसानों को बिजली के बिलों व डीजल के अत्याधिक खर्च से निजात मिल गई है. इस योजना को अपनाकर किसानों को सालाना लाखों रुपये की बचत हो रही है. सौर सिंचाई योजना के तहत किसानों को सोलर पैनल संयंत्र खरीदने के लिये सरकार अनुदान भी दिया जा रहा है. केंद्र सरकार ने वर्ष 2022 तक देश के किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है इसी दिशा में हिमाचल सरकार ने कदम उठाते हुए प्रदेश में सौर सिंचाई योजना शुरू की है. इस योजना के तहत खेतों में सिंचाई के लिए सोलर पैनल संयंत्र स्थापित करने के लिए किसानों को प्रदेश सरकार द्वारा अनुदान भी दिया जा रहा है.

वीडियो.

ऊना जिला के किसान सौर सिंचाई योजना का खासा लाभ ले रहे हैं. ऊना जिला में करीब 45 किसानों ने सौर सिंचाई योजना को अपना लिया है. सौर ऊर्जा के माध्यम से खेतों की सिंचाई होने से किसानों को बिजली के भारी भरकम बिलों और डीजल के खर्च से छुटकारा मिल रहा है, क्योंकि ज्यादातर ट्यूबवेल बिजली या डीजल इंजन से ही चलाये जाते हैं. लेकिन सौर सिंचाई योजना को अपनाकर किसान सालाना लाखों रुपये की बचत कर रहे हैं.

किसानों की मानें तो सौर सिंचाई योजना किसानों के लिए काफी फायदेमंद है. किसानों की मानें तो सौर सिंचाई योजना के सोलर पैनल लगाने में कोई मुश्किल नहीं आती. वहीं, इससे पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है, लेकिन किसानों की मानें तो धूप खिलने पर ही यह योजना काम कर पाती है और अगर इसमें सौर ऊर्जा द्वारा बन रही बिजली को बिजली स्टोर करने की सुविधा मिल जाये तो किसान कभी भी खेतों की सिंचाई कर सकते हैं.

कृषि विभाग के उप निदेशक सुरेश कपूर ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा जिला ऊना में सौर सिंचाई योजना के लिए 2 करोड़ 80 लाख का बजट मुहैया करवाया गया है जिसके तहत कृषि विभाग द्वारा एक करोड़ 25 लाख रुपये खर्च करके करीब 45 किसानों को इस योजना का लाभ दिया गया है. कृषि अधिकारी ने बताया कि किसान इस योजना के प्रति काफी आकर्षित हो रहे हैं. कृषि उप निदेशक ने बताया कि किसान सौर ऊर्जा सयंत्र से अपने ट्यूबवेल को तो चला ही सकते हैं, जबकि इसी संयंत्र से पैदा होने वाली अधिक बिजली को विद्युत विभाग को बेच भी सकते हैं.

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Intro:स्लग -- सौर ऊर्जा सिंचाई योजना से ऊना के किसान मालामाल, किसानों ने शुरू की सौर ऊर्जा से खेतों की सिंचाई, बिजली बिलों व डीजल के झंझट से मिला छुटकारा, ऊना में 4 दर्जन किसान ले रहे सौर सिंचाई योजना का लाभ।
Body:एंकर -- खेतों में किसानों के खर्चे में कमी करने के उद्देश्य से हिमाचल सरकार द्वारा शुरू की गई सौर सिंचाई योजना ऊना के किसानों के लिए बरदान साबित हो रही है। जिला ऊना में करीब चार दर्जन किसानों ने सौर ऊर्जा के माध्यम से खेतों की सिंचाई शुरू कर दी हैं। सौर ऊर्जा से ट्यूवबेल चलाने से किसानों को बिजली के बिलों व डीजल के अत्याधिक खर्च से निजात मिल गई है। इस योजना को अपनाकर किसानों को सालाना लाखों रुपये की बचत हो रही है। सौर सिंचाई योजना के तहत किसानों को सोलर पैनल सयंत्र खरीदने के लिये सरकार अनुदान भी दिया जा रहा है।

वी ओ 1 -- केंद्र सरकार ने वर्ष 2022 तक देश के किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है इसी दिशा में हिमाचल सरकार ने कदम उठाते हुए प्रदेश में सौर सिंचाई योजना शुरू की है। इस योजना के तहत खेतों में सिंचाई के लिए सोलर पैनल सयंत्र स्थापित करने के लिए किसानों को प्रदेश सरकार द्वारा अनुदान भी दिया जा रहा है। ऊना जिला के किसान सौर सिंचाई योजना का ख़ासा लाभ ले रहे है। ऊना जिला में करीब 45 किसानों ने सौर सिंचाई योजना को अपना लिया है। सौर ऊर्जा के माध्यम से खेतों की सिंचाई होने से किसानों को बिजली के भारी भरकम बिलों और डीजल के खर्च से छुटकारा मिल रहा है, क्योंकि ज्यादातर ट्यूवबेल बिजली या डीजल इंजन से ही चलाये जाते हैं। लेकिन सौर सिंचाई योजना को अपनाकर किसान सालाना लाखों रुपये की बचत कर रहे है। किसानों की माने तो सौर सिंचाई योजना किसानों के लिए काफी फायदेमंद है। किसानों की माने तो सौर सिंचाई योजना के सोलर पैनल लगाने में कोई मुश्किल नहीं आती वहीँ इससे पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है। लेकिन किसानों की माने तो धुप खिलने पर ही यह योजना काम कर पाती है और अगर इसमें सौर ऊर्जा द्वारा बन रही बिजली को बिजली स्टोर करने की सुविधा मिल जाये तो किसान कभी भी खेतों की सिंचाई कर सकते है।

बाइट -- किसान
SAUR URJA 4

बाइट -- किसान
SAUR URJA 5

Conclusion: वहीं कृषि विभाग के उप निदेशक सुरेश कपूर की माने तो प्रदेश सरकार द्वारा जिला ऊना में सौर सिंचाई योजना के लिए 2 करोड़ 80 लाख का बजट मुहैया करवाया गया है जिसके तहत कृषि विभाग द्वारा एक करोड़ 25 लाख रुपये खर्च करके करीब 45 किसानों को इस योजना का लाभ दिया गया है। कृषि अधिकारी ने बताया कि किसान इस योजना के प्रति काफी आकर्षित हो रहे है। कृषि उप निदेशक की माने तो किसान सौर ऊर्जा सयंत्र से अपने ट्यूवबेल को तो चला ही सकते है जबकि इसी सयंत्र से पैदा होने वाली अधिक बिजली को विद्युत् विभाग को बेच भी सकते है।

बाइट -- सुरेश कपूर (उप निदेशक, कृषि विभाग)
SAUR URJA 6
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