ऊना: ईटीवी भारत ने 'हिमाचल के किले' सीरिज में सोलह सिंगी धार किले की हालत के बारे में प्रदेश और देश की जनता को बताया था कि कैसे ये ऐतिहासिक किला अपना वजूद खोता जा रहा है. ईटीवी भारत की खबर से प्रशासन की नींद खुली.
![solah singi dhar fort](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/4602497_fort-new-1.png)
ईटीवी भारत की पहल का ये असर हुआ कि सरकार ने यहां पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कुटलैहड़ पर्यटन सोसायटी का गठन किया है. ये सोसायटी कुटलैहड़ में पर्यटन स्थलों को एक आईडेंटिफाइ कर अपनी रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपेगी. इसी कड़ी में वन विभाग ने भी पहल करते हुए इको टूरिज्म के तहत एक ट्रैक रूट तैयार करने का बीड़ा उठाया है.
चार किलोमीटर लंबा ये ट्रेकिंग रूट बंगाणा-हमीरपुर सड़क मार्ग पर स्थित बेरी गांव से सोलह सिंगी धार के ऐतिहासिक किलों तक जाएगा. पर्यटकों की सहूलियत के लिए रास्ते में साइन बोर्ड भी लगाए गए हैं, इसमें वाइल्डलाइफ के साथ-साथ जिला ऊना में पाए जाने वाले पशु-पक्षियों के बारे में बताया जाएगा. पर्यटकों को इस पर ट्रैकिंग करने के लिए बकायदा परमिट जारी होगा, जिसे रेंज ऑफिसर बंगाणा जारी करेंगे.
इस ट्रैक के दौरान पर्यटक विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधों के साथ-साथ झरझर बहते पानी का भी दीदार कर सकते हैं. रास्ते में वन विभाग द्वारा पर्यटकों के थकान दूर करने के लिए बांस के बैंच भी स्थापित किए जा रहे हैं.
![solah singi dhar fort](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/4602497_fort-new-2.png)
बता दें कि सोलहसिंगी धार किले को लेकर इतिहासकारों का मानना है कि इस प्राचीन किले से कई साल पहले पाकिस्तान के लाहौर का दृश्य भी दूरबीन से दिखाई देता था. अगर सरकार इस किले को बचाने के लिए कदम उठाती है तो तो न सिर्फ देश-प्रदेश बल्कि विदेशी पर्यटक भी अपना रूख यहां करेंगे और गुमानामी के अंधेरे में खो चुका सोलह सिंगीधार किला एक बार फिर पर्यटकों से गुलजार हो जाएगा. साथ ही लोगों को रोजगार भी मिलेगा.
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