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टीबी के कारण एक साल में गई 57 लोगों की जान, ऊना को टीबी मुक्त बनाने के लिए टेस्टिंग को दिया जाएगा बढ़ावा

ऊना जिले में टीबी मुक्त बनाने के लिए एडीसी महेंद्र पाल गुर्जर ने जिला स्तरीय टीबी उन्मूलन समिति की त्रैमासिक बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि जिले को टीबी मुक्त बनाने के लिए टेस्टिंग को बढ़ावा दिया जाएगा. साथ ही विभिन्न स्थलों पर जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जाएगा. बता दें कि ऊना में टीबी के कारण साल 2023 में 57 लोगों की जान जा चुकी है. पढ़ें पूरी खबर..

TB unmoolan samiti meeting in Una
सांकेतिक तस्वीर.
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 12, 2024, 10:26 PM IST

ऊना: हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में टीबी के कारण साल 2023 में 57 लोगों की जान जा चुकी है. खतरनाक हो रही इस बीमारी को रोकने के लिए जिला स्तरीय टीबी उन्मूलन समिति की त्रैमासिक बैठक की गई. जिसमें इस आंकड़े को लेकर व्यापक विचार मंथन किया गया. बैठक की अध्यक्षता अतिरिक्त उपायुक्त महेंद्र पाल गुर्जर ने की और उन्होंने कहा कि टीबी रोगियों को चिन्हित करने के लिए जिला के विभिन्न स्थलों पर जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जाना चाहिए. शिविरों में लोगों को टीबी रोग के लक्षणों के बारे में जानकारी दें. महेंद्र पाल गुर्जर ने कहा कि जिला प्रशासन स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर काम करेगा. जिले को टीबी मुक्त बनाने के उद्देश्य से टेस्टिंग को बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि टीबी मरीजों की पहचान करके उनका समय रहते ईलाज संभव हो सके.

एडीसी ने बताया कि वर्ष 2023 के दौरान जिला में 720 का लक्ष्य रखा गया था, जिसके विपरीत 819 क्षय रोगी दर्ज़ किये गये. इसके अलावा वर्ष 2023 में जिला के 57 क्षय रोगियों की मृत्यु भी दर्ज की गयी. इसी को देखते हुए अतिरिक्त उपायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इसके ऊपर विशेष ध्यान देने और मृत्यु दर को जिला में कम करने के लिए उचित दिशा निर्देश भी दिए. उन्होंने कहा कि क्षय रोग मुक्त के लिए जिला ऊना में 245 पंचायतों में से 88 पंचायतों को क्षयरोग मुक्त पंचायत के लिए चिन्हित किया गया है, जिसमें प्रति हजार लोगों में से 30 लोगों की क्षय रोग हेतु जांच की गई, प्रति हजार 1 क्षय रोगी या उससे भी कम पाया गया. हर रोगी को निक्षय पोषण योजना का लाभ क्षय रोगी को दिया गया और उस पंचायत में क्षय रोग का इलाज की सफलता दर 85 प्रतिशत से ज्यादा है, ऐसी पंचायतों को क्षय रोग मुक्त पंचायत हेतु चिन्हित किया गया.

एडीसी ने बताया कि क्षय रोग से बचाव हेतु लगने वाली बीसीजी वैक्सीन के लिए 96,192 संभावित लाभार्थियों में से 41,911 लाभार्थियों ने अपनी सहमति जताई है. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों/अधिकारियों को लाभार्थियों तक अपनी पहुंच बनाने के निर्देश दिए. उन्होंने बताया कि व्यस्क बीसीजी टीकाकारण अभियान के तहल जिला के 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के व्यक्ति जिन्हें पिछले 5 साल से टीबी हो या पिछले तीन वर्षों से टीबी मरीज के सम्पर्क में रहे हैं और मधुमेह से पीड़ित हैं, धूम्रपान करते हैं, अत्यन्त दुबले पतले हैं, जिनका बॉडी मास इंडेक्स 18 है या इससे कम उनका टीकाकरण किया जाएगा. इसके अलावा 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के समस्त व्यक्तियों का भी टीकाकरण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह वैक्सीन बिल्कुल सुरक्षित है. उन्होंने बताया कि व्यस्क को दी जाने वाली यह वैक्सीन बीसीजी है जोकि कि नवजात शिशु के पैदा होने के उपरांत लगाई जाती है.

वहीं, एडीसी ने लोगों से आह्वान करते हुए कहा कि टीबी मुक्त ऊना बनाने के लिए अपना महत्वपूर्ण सहयोग दें. उन्होंने टीबी मुक्त अभियान से जुड़े अधिकारियों से कहा कि वे मानवता से जुडे़ इस अभियान को सफल बनाने के लिए कर्त्तव्य निष्ठा के साथ कार्य करें ताकि टीबी मुक्त ऊना बनाने में सफल हो सके.

ये भी पढ़ें: हिमाचल सरकार के खिलाफ जनाक्रोश, हर मोर्चे पर विफल हुई सरकार- जयराम ठाकुर

ऊना: हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में टीबी के कारण साल 2023 में 57 लोगों की जान जा चुकी है. खतरनाक हो रही इस बीमारी को रोकने के लिए जिला स्तरीय टीबी उन्मूलन समिति की त्रैमासिक बैठक की गई. जिसमें इस आंकड़े को लेकर व्यापक विचार मंथन किया गया. बैठक की अध्यक्षता अतिरिक्त उपायुक्त महेंद्र पाल गुर्जर ने की और उन्होंने कहा कि टीबी रोगियों को चिन्हित करने के लिए जिला के विभिन्न स्थलों पर जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जाना चाहिए. शिविरों में लोगों को टीबी रोग के लक्षणों के बारे में जानकारी दें. महेंद्र पाल गुर्जर ने कहा कि जिला प्रशासन स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर काम करेगा. जिले को टीबी मुक्त बनाने के उद्देश्य से टेस्टिंग को बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि टीबी मरीजों की पहचान करके उनका समय रहते ईलाज संभव हो सके.

एडीसी ने बताया कि वर्ष 2023 के दौरान जिला में 720 का लक्ष्य रखा गया था, जिसके विपरीत 819 क्षय रोगी दर्ज़ किये गये. इसके अलावा वर्ष 2023 में जिला के 57 क्षय रोगियों की मृत्यु भी दर्ज की गयी. इसी को देखते हुए अतिरिक्त उपायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इसके ऊपर विशेष ध्यान देने और मृत्यु दर को जिला में कम करने के लिए उचित दिशा निर्देश भी दिए. उन्होंने कहा कि क्षय रोग मुक्त के लिए जिला ऊना में 245 पंचायतों में से 88 पंचायतों को क्षयरोग मुक्त पंचायत के लिए चिन्हित किया गया है, जिसमें प्रति हजार लोगों में से 30 लोगों की क्षय रोग हेतु जांच की गई, प्रति हजार 1 क्षय रोगी या उससे भी कम पाया गया. हर रोगी को निक्षय पोषण योजना का लाभ क्षय रोगी को दिया गया और उस पंचायत में क्षय रोग का इलाज की सफलता दर 85 प्रतिशत से ज्यादा है, ऐसी पंचायतों को क्षय रोग मुक्त पंचायत हेतु चिन्हित किया गया.

एडीसी ने बताया कि क्षय रोग से बचाव हेतु लगने वाली बीसीजी वैक्सीन के लिए 96,192 संभावित लाभार्थियों में से 41,911 लाभार्थियों ने अपनी सहमति जताई है. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों/अधिकारियों को लाभार्थियों तक अपनी पहुंच बनाने के निर्देश दिए. उन्होंने बताया कि व्यस्क बीसीजी टीकाकारण अभियान के तहल जिला के 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के व्यक्ति जिन्हें पिछले 5 साल से टीबी हो या पिछले तीन वर्षों से टीबी मरीज के सम्पर्क में रहे हैं और मधुमेह से पीड़ित हैं, धूम्रपान करते हैं, अत्यन्त दुबले पतले हैं, जिनका बॉडी मास इंडेक्स 18 है या इससे कम उनका टीकाकरण किया जाएगा. इसके अलावा 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के समस्त व्यक्तियों का भी टीकाकरण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह वैक्सीन बिल्कुल सुरक्षित है. उन्होंने बताया कि व्यस्क को दी जाने वाली यह वैक्सीन बीसीजी है जोकि कि नवजात शिशु के पैदा होने के उपरांत लगाई जाती है.

वहीं, एडीसी ने लोगों से आह्वान करते हुए कहा कि टीबी मुक्त ऊना बनाने के लिए अपना महत्वपूर्ण सहयोग दें. उन्होंने टीबी मुक्त अभियान से जुड़े अधिकारियों से कहा कि वे मानवता से जुडे़ इस अभियान को सफल बनाने के लिए कर्त्तव्य निष्ठा के साथ कार्य करें ताकि टीबी मुक्त ऊना बनाने में सफल हो सके.

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