ऊना: जिला ऊना के चिंतपूर्णी मंदिर में 15 से 23 अक्टूबर तक चलने वाले नवरात्रि मेलों के दौरान बाल भिक्षावृत्ति कराने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मेले की तैयारियों के लिए एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए अंब के उपमंडलीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) विवेक महाजन ने कहा कि यह कदम इसलिए उठाया गया है, क्योंकि हर साल ऐसे मेलों के दौरान बाल भिक्षावृत्ति के पीछे का गिरोह बड़े पैमाने पर काम करता है.
एसडीएम विवेक महाजन ने कहा कि मेला क्षेत्र को चार सेक्टरों में विभाजित किया जाएगा और क्षेत्र में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए लगभग 350 पुरुष और महिला पुलिसकर्मी और होम गार्ड तैनात किए जाएंगे. जल शक्ति विभाग को मेले के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि इसके अलावा पेयजल के लिए चार स्थानों पर कियोस्क भी लगाए जाएंगे. एसडीएम विवेक महाजन ने कहा कि मेले के दौरान श्रद्धालुओं को माई दास सदन, शंभू बैरियर समेत अन्य स्थानों पर दर्शन पर्ची मिलेगी. लंगर लगाने के लिए अनुमति लेना अनिवार्य है.
बताया जाता है कि चिंतपूर्णी में जो बच्चे भीख मांगते हुए मिलते हैं वो मंदिर परिसर के आसपास झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले होते हैं और इनके अभिभावक ही बच्चों से भिक्षावृत्ति करवाते हैं. जिसको लेकर प्रशासन ने कड़े आदेश जारी किए हैं. बता दें कि हिमाचल प्रदेश भिक्षावृत्ति निवारण अधिनियम 1979 के अंतर्गत जो भी व्यक्ति बच्चों की मर्जी या बिना मर्जी से भिक्षावृत्ति करवाता है, उसे इस अधिनियम की धारा 4 व 5 के अनुसार जुर्माना व सजा हो सकती है.