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यहां डेढ़ KM तक कंधे पर उठाकर अस्पताल पहुंचाए जाते हैं मरीज, मंत्री ने आरोप को सिरे से नकारा

जिला ऊना का खड़ोल गांव लंबे समय से सड़क सुविधा से वचिंत है और ग्रामीणों को अभी भी सड़क सुविधा का इंतजार है. वहीं मामले को मंत्री वीरेंद्र कंवर ने सिरे से नकार दिया है.

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Published : Aug 28, 2019, 3:32 PM IST

Updated : Aug 28, 2019, 7:57 PM IST

ऊना: आजादी के 72 साल बाद भी हिमाचल में कई ऐसे गांव हैं, जो अभी भी सड़क सुविधा से महरुम हैं. जिला ऊना के कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के निचली खड़ोल गांव के ग्रामीण सालों से सड़क सुविधा के लिए सरकार से आस लगाए बैठें हैं.

सड़क सविधा का मांग

खड़ोल गांव में लगभग 80 से 85 घर मौजूद हैं, लेकिन गांव में किसी भी प्रकार की सुविधा न होने के चलते कुछ परिवार अपने पैतृक गांव से पलायन कर दूसरी जगह बस चुके हैं. वहीं, गांव के लिए सड़क सुविधा न होने के कारण ग्रामीण मरीजों को कंधे या पालकी में डालकर अस्पताल पहुंचाने को मजबूर हैं. समय पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध न होने पर कुछ मरीज रास्ते में दम तोड़ चुके हैं.

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सड़क सविधा का मांग

ग्रामीणों का आरोप है कि चुनाव के समय ही नेताओं द्वारा गांव का रूख किया जाता है, लेकिन चुनाव खत्म होते ही किसी नेता द्वारा गांव की कोई सुध नहीं ली जाती. लोकसभा चुनाव से पहले वोट बैंक बटोरने के लिए मंत्री वीरेंद्र कंवर द्वारा सड़क निर्माण का शिलान्यास किया गया. गांव के लिए महज 100 मीटर सड़क का निर्माण भी किया गया. इसके बाद सड़क के काम पर विराम लग गया जिससे ग्रामीणों में सरकार के प्रति रोष जताया है.

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सड़क सविधा का मांग

ग्रामीणों का कहना है कि बंगाणा उपमंडल के गांव निचली खड़ोल में आज भी सड़क सुविधा न होने के चलते मरीजों को चारपाई या पालकी में डालकर अस्पताल पहुंचाया जा रहा है. गांव के लिए खड्ड के रास्ते से होकर पहुंचा जाता है. बरसात के समय खड्ड में अधिक जलभराव के चलते ग्रामीणों और स्कूली बच्चों को अपनी जान जोखिम में डालकर अपने गंतव्य तक पहुंचना पड़ता है.

बता दें कि दो सप्ताह पहले गांव की एक गर्भवती महिला प्रसव पीड़ा से कराह रही थी और महिला ने घर पर ही बच्चे को जन्म दे दिया. बच्चे को समय पर चिकित्सा सुविधा न मिलने के कारण उसकी मौत हो गई. इसी दौरान प्रसूता महिला की अचानक तबीयत बिगड़ गई. किसी तरह प्रसूता महिला को चिकित्सा सुविधा के लिए ग्रामीणों की मदद से चारपाई में डालकर अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन महिला की तबीयत इतनी बिगड़ चुकी थी जिससे उसकी जान को खतरा हो गया था. महिला को पीजीआई चंडीगढ़ पहुंचाया गया, जहां पर महिला की जान को बचाया गया.

road demand
सड़क सविधा का मांग

ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि वीरेंद्र कंवर लगातार चौथी बार कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र विधायक चुने गए हैं और मौजूदा सरकार में कैबिनेट मंत्री भी हैं. ग्रामीणों द्वारा कई बार मंत्री को सड़क समस्या से अवगत करवाया गया, लेकिन आश्वसनों के अलावा उन्हें कुछ नहीं मिला. इस गांव के लोगों के लिए सड़क सुविधा न होना काले पानी की सजा से कम नहीं है. ये गांव मुख्य सड़क से डेढ़ किलोमीटर दूर है. ग्रामीणों ने सरकार से जल्द खड़ोल गांव के लिए सड़क सुविधा की गुहार लगाई है.

वहीं, पीड़ित दंपति ने कहा कि गांव के लिए सड़क सुविधा न होने के दंश को जीवनभर नहीं भूल पाएंगे. उनका गांव सड़क सुविधा से जुड़ा होता तो आज उनका बच्चा उनकी नजरों के सामने होता. उन्होंने सरकार से गुहार लगाई है कि जल्द गांव को सड़क सुविधा से जोड़ा जाए. जो दंश उन्होंने झेला है, ऐसा किसी अन्य ग्रामीण के साथ न हो.

minister virendra kawar
मंत्री वीरेंद्र कंवर

मामले में पंचायती राज मंत्री पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत सबसे पहले हिमाचल के हाडली से खड़ोल सड़क बनी है और खड़ोग गांव पूरी तरह से सड़क से जुड़ा हुआ है. मंत्री ने कहा कि इसे अब अपग्रेड करने के लिए फिर से नौ करोड़ रुपये स्वीकृत हुआ है. इसका टैंडर भी हो चुका है और ठेकेदार ने काम भी शुरू कर दिया है. मंत्री ने कहा कि अगर किसी ओर सड़क की बात की जाए तो उसपर हम कार्रवाई कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें - विक्रमादित्य सिंह ने सदन में उठाया धारा 118 का मुद्दा, सीएम ने दिया किसी तरह का छेड़छाड़ न करने का आश्वासन

ऊना: आजादी के 72 साल बाद भी हिमाचल में कई ऐसे गांव हैं, जो अभी भी सड़क सुविधा से महरुम हैं. जिला ऊना के कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के निचली खड़ोल गांव के ग्रामीण सालों से सड़क सुविधा के लिए सरकार से आस लगाए बैठें हैं.

सड़क सविधा का मांग

खड़ोल गांव में लगभग 80 से 85 घर मौजूद हैं, लेकिन गांव में किसी भी प्रकार की सुविधा न होने के चलते कुछ परिवार अपने पैतृक गांव से पलायन कर दूसरी जगह बस चुके हैं. वहीं, गांव के लिए सड़क सुविधा न होने के कारण ग्रामीण मरीजों को कंधे या पालकी में डालकर अस्पताल पहुंचाने को मजबूर हैं. समय पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध न होने पर कुछ मरीज रास्ते में दम तोड़ चुके हैं.

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सड़क सविधा का मांग

ग्रामीणों का आरोप है कि चुनाव के समय ही नेताओं द्वारा गांव का रूख किया जाता है, लेकिन चुनाव खत्म होते ही किसी नेता द्वारा गांव की कोई सुध नहीं ली जाती. लोकसभा चुनाव से पहले वोट बैंक बटोरने के लिए मंत्री वीरेंद्र कंवर द्वारा सड़क निर्माण का शिलान्यास किया गया. गांव के लिए महज 100 मीटर सड़क का निर्माण भी किया गया. इसके बाद सड़क के काम पर विराम लग गया जिससे ग्रामीणों में सरकार के प्रति रोष जताया है.

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सड़क सविधा का मांग

ग्रामीणों का कहना है कि बंगाणा उपमंडल के गांव निचली खड़ोल में आज भी सड़क सुविधा न होने के चलते मरीजों को चारपाई या पालकी में डालकर अस्पताल पहुंचाया जा रहा है. गांव के लिए खड्ड के रास्ते से होकर पहुंचा जाता है. बरसात के समय खड्ड में अधिक जलभराव के चलते ग्रामीणों और स्कूली बच्चों को अपनी जान जोखिम में डालकर अपने गंतव्य तक पहुंचना पड़ता है.

बता दें कि दो सप्ताह पहले गांव की एक गर्भवती महिला प्रसव पीड़ा से कराह रही थी और महिला ने घर पर ही बच्चे को जन्म दे दिया. बच्चे को समय पर चिकित्सा सुविधा न मिलने के कारण उसकी मौत हो गई. इसी दौरान प्रसूता महिला की अचानक तबीयत बिगड़ गई. किसी तरह प्रसूता महिला को चिकित्सा सुविधा के लिए ग्रामीणों की मदद से चारपाई में डालकर अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन महिला की तबीयत इतनी बिगड़ चुकी थी जिससे उसकी जान को खतरा हो गया था. महिला को पीजीआई चंडीगढ़ पहुंचाया गया, जहां पर महिला की जान को बचाया गया.

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सड़क सविधा का मांग

ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि वीरेंद्र कंवर लगातार चौथी बार कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र विधायक चुने गए हैं और मौजूदा सरकार में कैबिनेट मंत्री भी हैं. ग्रामीणों द्वारा कई बार मंत्री को सड़क समस्या से अवगत करवाया गया, लेकिन आश्वसनों के अलावा उन्हें कुछ नहीं मिला. इस गांव के लोगों के लिए सड़क सुविधा न होना काले पानी की सजा से कम नहीं है. ये गांव मुख्य सड़क से डेढ़ किलोमीटर दूर है. ग्रामीणों ने सरकार से जल्द खड़ोल गांव के लिए सड़क सुविधा की गुहार लगाई है.

वहीं, पीड़ित दंपति ने कहा कि गांव के लिए सड़क सुविधा न होने के दंश को जीवनभर नहीं भूल पाएंगे. उनका गांव सड़क सुविधा से जुड़ा होता तो आज उनका बच्चा उनकी नजरों के सामने होता. उन्होंने सरकार से गुहार लगाई है कि जल्द गांव को सड़क सुविधा से जोड़ा जाए. जो दंश उन्होंने झेला है, ऐसा किसी अन्य ग्रामीण के साथ न हो.

minister virendra kawar
मंत्री वीरेंद्र कंवर

मामले में पंचायती राज मंत्री पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत सबसे पहले हिमाचल के हाडली से खड़ोल सड़क बनी है और खड़ोग गांव पूरी तरह से सड़क से जुड़ा हुआ है. मंत्री ने कहा कि इसे अब अपग्रेड करने के लिए फिर से नौ करोड़ रुपये स्वीकृत हुआ है. इसका टैंडर भी हो चुका है और ठेकेदार ने काम भी शुरू कर दिया है. मंत्री ने कहा कि अगर किसी ओर सड़क की बात की जाए तो उसपर हम कार्रवाई कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें - विक्रमादित्य सिंह ने सदन में उठाया धारा 118 का मुद्दा, सीएम ने दिया किसी तरह का छेड़छाड़ न करने का आश्वासन

Intro:स्लग-- एक अदद सड़क को तरसे निचली खड़ोल वासी, सड़क न होने से नरकीय जीवन को मजबूर, डेढ़ किलो मीटर तक कंधे पर उठाकर अस्पताल पहुंचाने पड़ते हैं मरीज, Body:एंकर-- प्रदेश सरकार द्वारा हर गांव तक सड़क से जोड़ने के बड़े-बड़े दावे किये जा रहे हैं। लेकिन सरकार के ये दावे जमीनी हकीकत पर खोखले साबित होते नजर आ रहे हैं। आजादी के 72 वर्ष बाद भी हिमाचल में कई ऐसे गांव हैं, जो अभी भी सड़क सुविधा से महरुम हैं। जिला ऊना के कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र में अभी भी एक ऐसा निचली खड़ोल गांव मौजूद है । जिसके वासी वर्षों से सड़क सुविधा के लिये सरकार से आस लगाए बैठें हैं। खडोल गांव में लगभग 80 से 85 घर मौजूद हैं। लेकिन गांव में किसी भी प्रकार की सुविधा न होने के चलते कुछ परिवार अपने पैतृक गांव से पलायन कर दूसरी जगह बस चुके हैं। वहीं गांव के लिए सड़क सुविधा न होने के कारण ग्रामीण मरीजों को कंधे या पालकी में डालकर अस्पताल पहुंचाने को मजबूर हैं। समय पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध न होने पर कुछ मरीज रास्ते में दम तोड़ चुके हैं। वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि चुनावों के समय ही नेताओं द्वारा गांव का रूख किया जाता है। लेकिन चुनाव खत्म होते ही किसी नेता द्वारा गांव की कोई सुध नही ली जाती। लोकसभा चुनावों से पहले बोट बैंक बटोरने के लिए मंत्री वीरेंद्र कंवर द्वारा सड़क निर्माण का शिलान्यास किया गया । गांव के लिए महज 100 मीटर सड़क का निर्माण भी किया गया। वहीं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने जल्द ही खडोल गांव को सड़क सुविधा से जोड़ने का आश्वासन दिया।


वीओ--1 जिला ऊना के कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र में अभी भी कुछ गांव सड़क सुविध से महरुम हैं । जो वर्षों से सड़क सुविधा के लिए सरकार से आस लगाए बैठे हैं। बंगाणा उपमंडल के गांव निचली खडोल में आज भी सड़क सुविधा न होने के चलते मरीजों को चारपाई या पालकी में डालकर अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। गांव के लिए खड्ड के रास्ते से होकर पहुंचा जाता है। बरसात के समय खड्ड में अधिक जलभराव के चलते ग्रामीणों व स्कूली बच्चों को अपनी जान जोखिम में डालकर अपने गंतव्य तक पहुंचना पड़ता है।
बता दें कि दो सप्ताह पहले गांव की एक गर्भवती महिला प्रसव पीड़ा से कराह रही थी। लेकिन महिला ने घर पर ही बच्चे को जन्म दे दिया । बच्चे को समय पर चिकित्सा सुविधा न मिलने के कारण उसकी मौत हो गई। इसी दौरान प्रसूता महिला की आचानक तबीयत बिगड़ गई । किसी तरह प्रसूता महिला को चिकित्सा सुविधा के लिए ग्रामीणों की मदद से चारपाई में डालकर अस्पताल पहुंचाया गया।लेकिन महिला की तबीयत इतनी बिगड़ चुकी थी जिससे उसकी जान को खतरा हो गया था। महिला को पीजीआई चंडीगढ़ पहुंचाया गया , जहां पर महिला की जान को बचाया गया। लेकिन महिला को सड़क सुविधा का दंश जिंदगी भर का गम दे गया। वहीं ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि वीरेंद्र कंवर लगातार चौथी बार कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र विधायक चुने गए हैं, और मौजूदा सरकार में कैविनेट मंत्री भी है । ग्रामीणों द्वारा कई बार मंत्री को सड़क समस्या से अवगत करवाया गया । लेकिन आश्वसनों के इलावा कुछ नही मिला। इस गांव के लोगों के लिए सड़क सुविधा न होना काले पानी की सजा से कम नहीं है। यह गांव मुख्य सड़क से डेढ़ किलोमीटर दूर है। लोकसभा चुनावों से पहले वोट बैंक बटोरने के लिए मंत्री वीरेंदर कंवर ने सड़क के शिलान्यास पटिका लगवाकर सड़क का शिलान्यास तो किया, लेकिन सड़क महज 100 मीटर तक ही बन पाई। इसके बाद सड़क के काम पर विराम लग गया। जिससे ग्रामीणों में सरकार के प्रति रोष व्याप्त है।

वीओ--2 वहीं पीड़ित दम्पति ने के कहा कि गांव के लिए सड़क सुविधा न होने के दंश को जीवनभर नही भूल पाएंगे। उनके गांव सड़क सुविधा से जुड़ा होता तो आज उनका बच्चा उनकी नजरों सामने होता। वहीं उन्होंने सरकार से गुहार लगाई है जल्द गांव को सड़क सुविधा से जोड़ा जाये। जो दंश उन्होंने झेला है, ऐसा किसी अन्य ग्रामीण के साथ न हो ।

बाइट-- पीड़ित महिला
ROAD PROBLEM -3

बाइट-- पीड़ित महिला का पति
ROAD PROBLEM-4

वीओ-- 3 वहीं खडोल गांव के निवासियों की माने तो गांव के लिए सड़क सुविधा न होना किसी काले पानी की सजा से कम नही है। बीमार व्यक्तियों कंधे और चारपाई में उठाकर पहुचाना पड़ता है। लेकिन कुछ लोगों को समय पर इलाज न मिलने के कारण दम तोड़ चुके हैं। वहीं ग्रामीणों का आरोप है सरकार को जमीन मुहैया करवाने के बाबजूद भी डेढ़ किलोमीटर सड़क का निर्माण नही हो पाया है। गांव में किसी प्रकार की सड़क सुविधा न होने के कारण कुछ ग्रामीण पैतृक गांव से पलायन करके दूसरी जगह बसने को मजबूर हुए हैं। वहीं ग्रामीणों ने सरकार से जल्द खडोल गांव के लिए सड़क सुविधा की गुहार लगाई है।

बाइट-- ग्रामीण
ROAD PROBLEM-5

बाइट-- ग्रामीण
ROAD PROBLEM-6

बाइट-- ग्रामीण
ROAD PROBLEM-7

वीओ--4 वहीं पंचायती राज मंत्री पंचायती राज मंत्री वीरेंदर कंवर की माने तो जल्द ही ग्रामीणों के लिए सड़क सुविधा मुहैया करवा दी जाएगी। जिसके लिए नावार्ड के तहत पैसा मंजूर हो चुका है

बाइट-- वीरेंद्र कंवर ( पंचायती राज , मंत्री)
ROAD PROBLEM-8Conclusion:
Last Updated : Aug 28, 2019, 7:57 PM IST
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