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आस्था: पंजाब से 300 किमी पैदल यात्रा पर दियोटसिद्ध के लिए निकले श्रद्धालु, ऊना पहुंचा जत्था

पांच दशक पहले लुधियाना स्थित कुम्हार मंडी से भक्त तरसेम के नेतृत्व में बाबा बालकनाथ के दर्शनों के लिए पैदल यात्रा का सिलसिला शुरू हुआ था, जो उनके बाद से आज भी जारी है.

बाबा बालक नाथ दियोटसिद्ध मंदिर
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Published : Mar 29, 2019, 10:18 PM IST

ऊना: पंजाब के लुधियाना से हमीरपुर के प्रसिद्ध दियोटसिद्ध बाबा बालक नाथ के दरबार के लिए निकला श्रद्धालुओं का जत्था शुक्रवार को ऊना के संतोषगढ़ नगर पहुंचा. ये जत्था हर साल 300 किलोमीटर पैदल सफर तय कर दियोटसिद्ध पहुंचता है.

devotees walking tour
पैदल यात्रा पर श्रद्धालु

लुधियाना की कुम्हार मंडी से बाबा बालक नाथ के दरबार तक 57वीं वार्षिक पैदल यात्रा निकाली जा रही है. शुक्रवार को श्रद्धालुओं के जत्थे का संतोषगढ़ नगर पहुंचने पर शहरवासियों ने उनका भव्य स्वागत किया. संतोषगढ़ के विश्वकर्मा मंदिर व मुख्य मार्केट संतोषगढ़ से होते हुए जत्थे में शामिल श्रद्धालुओं ने बाल विद्यालय में विश्राम किया. श्रद्धालुओं के लिए विश्वकर्मा मंदिर में भंडारे का विशेष प्रबंध किया गया.

पैदल यात्रा पर श्रद्धालु

जत्थे में शामिल भक्त संजीव कुमार ने बताया कि लगभग पांच दशकपहले लुधियाना स्थित कुम्हार मंडी से भक्त तरसेम के नेतृत्व में बाबा बालकनाथ के दर्शनों के लिए पैदल यात्रा का सिलसिला शुरू हुआ था, जो उनकेबाद से आज भी जारी है. ये पैदल यात्रा 300किलोमीटर का सफर तय करकेदियोटसिद्व पहुंचती है. रविवार को ये यात्रा दियोटसिद्ध पहुंचेगी.

devotees walking tour
पैदल यात्रा पर श्रद्धालु

श्रद्धालुओं की माने तो जिनभक्तों की मनोकामना पूरी होती है, वे बाबा बालक नाथ के दरबार झंडों समेत पहुंचते हैं और झंडा चढ़ाने के बाद ही उनकी यात्रा पूरी होती है. जत्थे में शामिल नवजीत कौर ने बताया कि इस यात्रा में देश ही नहीं बल्कि विदेश में रह रहे पंजाबी लोग भी भाग लेते हैं. वहीं, एक अन्य श्रद्धालु सागर खुराना ने बताया कि इस यात्रा की खास बात ये है कि इसे पैदल ही पूरा किया जाता है. इस यात्रा को पूरा करने में 10 दिन का समय लग जाता है.

ऊना: पंजाब के लुधियाना से हमीरपुर के प्रसिद्ध दियोटसिद्ध बाबा बालक नाथ के दरबार के लिए निकला श्रद्धालुओं का जत्था शुक्रवार को ऊना के संतोषगढ़ नगर पहुंचा. ये जत्था हर साल 300 किलोमीटर पैदल सफर तय कर दियोटसिद्ध पहुंचता है.

devotees walking tour
पैदल यात्रा पर श्रद्धालु

लुधियाना की कुम्हार मंडी से बाबा बालक नाथ के दरबार तक 57वीं वार्षिक पैदल यात्रा निकाली जा रही है. शुक्रवार को श्रद्धालुओं के जत्थे का संतोषगढ़ नगर पहुंचने पर शहरवासियों ने उनका भव्य स्वागत किया. संतोषगढ़ के विश्वकर्मा मंदिर व मुख्य मार्केट संतोषगढ़ से होते हुए जत्थे में शामिल श्रद्धालुओं ने बाल विद्यालय में विश्राम किया. श्रद्धालुओं के लिए विश्वकर्मा मंदिर में भंडारे का विशेष प्रबंध किया गया.

पैदल यात्रा पर श्रद्धालु

जत्थे में शामिल भक्त संजीव कुमार ने बताया कि लगभग पांच दशकपहले लुधियाना स्थित कुम्हार मंडी से भक्त तरसेम के नेतृत्व में बाबा बालकनाथ के दर्शनों के लिए पैदल यात्रा का सिलसिला शुरू हुआ था, जो उनकेबाद से आज भी जारी है. ये पैदल यात्रा 300किलोमीटर का सफर तय करकेदियोटसिद्व पहुंचती है. रविवार को ये यात्रा दियोटसिद्ध पहुंचेगी.

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पैदल यात्रा पर श्रद्धालु

श्रद्धालुओं की माने तो जिनभक्तों की मनोकामना पूरी होती है, वे बाबा बालक नाथ के दरबार झंडों समेत पहुंचते हैं और झंडा चढ़ाने के बाद ही उनकी यात्रा पूरी होती है. जत्थे में शामिल नवजीत कौर ने बताया कि इस यात्रा में देश ही नहीं बल्कि विदेश में रह रहे पंजाबी लोग भी भाग लेते हैं. वहीं, एक अन्य श्रद्धालु सागर खुराना ने बताया कि इस यात्रा की खास बात ये है कि इसे पैदल ही पूरा किया जाता है. इस यात्रा को पूरा करने में 10 दिन का समय लग जाता है.

ऊना

  पंजाब लुधियाना की कुम्हार मंडी से बाबा बालक नाथ के दरबार
तक भक्त संजीव कुमार के नेतृत्व निकाली जा रही 57वीं वार्षिक पैदल यात्रा
जत्था संतोषगढ़ नगर में शुक्रवार को पहुंचा। जहां पर शहर वासियों द्वारा
भव्य स्वागत किया गया। संतोषगढ़ के विश्वकर्मा मंदिर व मुख्य मार्केट
संतोषगढ़ से होते हुए जत्थे में शामिल श्रद्धालुओं ने नगर के बाल विद्यालय
में विश्राम किया।  विश्वकर्मा मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए भंडारे का
विशेष प्रबंध किया गया था। भक्त संजीव कुमार की माने तो लगभग पांच दशक पहले लुधियाना स्थित कुम्हार मंडी से भक्त तरसेम के नेतृत्व में बाबा
बालकनाथ के दर्शनों के लिए पैदल यात्रा का सिलसिला शुरू हुआ था। जो उनके बाद से आज भी जारी है। यह पैदल यात्रा 300  किलोमीटर का सफर तय करके दियोटसिद्व पंहुचती है। रविवार को यह यात्रा दियोटसिद्ध पंहुचेगी। जिन भक्तों की मनोकामना पूरी होती है वह बाबा बालक नाथ के दरबार झंडों सहित पंहुचते है। जबकि झंडा चढ़ाने के उपरांत उनकी यात्रा संपूर्ण होती है।
बाइट-- नवजीत कौर (श्रद्धालु)

नवजीत कौर ने बताया कि पिछले कई सालों से यह यात्रा लुधियाना से बाबा बालक नाथ मंदिर के लिए की जा रही है। इस यात्रा में देशों से ही नही विदेश में रह रहे पंजाबी लोग भाग लेते हैं।

बाइट-- सागर खुराना (श्रद्धालु)

श्रद्धालु सागर खुराना ने बताया कि इस बार 57 वीं यात्रा की जा रही है। यह यात्रा सभी श्रद्धालुओं द्वारा पैदल ही की जाती है। इस यात्रा को दस दिन में पूरा किया जाता है। 


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