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सर्दी के मौसम में फलदार पौधों की करें सुरक्षा, ऐसे करें कोहरे से बचाव - himachal latest news

सर्दी के मौसम में निचले क्षेत्रों में कोहरा पड़ना आम बात है, लेकिन कोहरे की वजह से पौधों पर पड़ने वाले प्रभाव का रोकना जरूरी होता है. सब्जियों पर भी इसका असर पड़ता है, जिससे कभी-कभी शत प्रतिशत सब्जी की फसल खराब हो जाती है. कई बार आने वाले सीजन में फलदार पौधे की पैदावार कम होती हैं.

फलदार पौधे
फलदार पौधे
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Published : Nov 23, 2020, 2:31 PM IST

ऊना: सर्दी के मौसम में निचले क्षेत्रों में कोहरा पड़ना आम बात है, लेकिन कोहरे की वजह से पौधों पर पड़ने वाले प्रभाव का रोकना जरूरी होता है. कोहरे का असर बेहतर प्रबंधन से कम किया जा सकता है, जिससे पौधों को पहुंचने वाले नुकसान को भी कम किया जा सके.

पौधों पर क्या होता है कोहरे का प्रभाव

सर्दी के मौसम में कोहरे के चलते हवा में नमी बर्फ के कण बन जाती है और कम तापमान की वजह से पौधों की कोशिकाएं फट जाती हैं. कोहरे के प्रभाव से फल खराब हो जाते है और फूल झड़ने लगते हैं. कई बार आने वाले सीजन में फलदार पौधे की पैदावार कम होती हैं. पपीता, आम आदि के पौधों पर कोहरे का प्रभाव अधिक पाया गया है. सब्जियों पर भी इसका असर पड़ता है, जिससे कभी-कभी शत प्रतिशत सब्जी की फसल खराब हो जाती है.

पौधों को कोहरे से कैसे बचाएं

बागवानी विभाग ऊना के उपनिदेशक डॉ. सुभाष चंद ने बताया कि जिन पौधों में कोहरे के प्रति प्रतिरोधक क्षमता न हो, उन्हें कोहरे के प्रभाव वाले क्षेत्रों में नहीं लगाया जाना चाहिए. छोटी उम्र के पौधों को विशेष देखभाल की जरूरत होती है. इसके लिए 4-5 साल के पौधों को घास व से ढक दें और दक्षिण पश्चिम दिशा में पौधों को धूप व हवा के लिए खुला रखें. इसके अलावा कोहरा पड़ने की संभावना में पौधों पर पानी का छिड़काव करें. सर्दियों से पहले या सर्दी के मौसम में पौधों को नाइट्रोजन खाद न दें. अनुमोदित मात्रा में पौधों में पोटाश खाद देने से उनकी कोहरा सहने की क्षमता बढ़ती है.

कोहरा प्रभावित पौधों का उपचार

डॉ. सुभाष चंद ने बताया कि कोहरे से प्रभावित पौधों का उपचार करने के लिए फरवरी के अंतिम सप्ताह में नई कोपलें फूटने से पहले ग्रसित पौधों की प्रभावित टहनियों की कांट-छांट इस ढंग से करें कि सूखी टहनी के साथ-साथ कुछ हरा भाग भी कट जाए. काट-छांट के बाद कॉपर ऑक्सीक्लोराइड का छिड़काव करें व कटे हुए भागों पर ब्लाइटॉक्स या बोर्डो पेस्ट का लेप लगाएं. नई पत्तियां आने के 15 दिन बाद 0.5 प्रतशित यूरिया के घोल का छिड़काव करें. उन्होंने कहा कि बेहतर प्रबंधन से कोहरे से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है, जिससे किसानों का लाभ होगा. डॉ. सुभाष ने कहा कि किसी भी समस्या के समाधान के लिए किसान बागवानी विभाग के नजदीकी कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं.

इन पौधों पर होता है कोहरे का असर

ऊना में आम, नींबू प्रजाति के फलों, अमरूद व पपीता आदि के पौधों पर कोहरे के कारण प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. इसके लिए बागवानी विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया जा सकता है, जिससे फलदार पौधों को नुकसान से बचाया जा सके.

पढ़ें: किसानों के लिए फायदेमंद ऊना में हुई बारिश, विभाग ने दी गेहूं की फसल बिजाई की सलाह

ऊना: सर्दी के मौसम में निचले क्षेत्रों में कोहरा पड़ना आम बात है, लेकिन कोहरे की वजह से पौधों पर पड़ने वाले प्रभाव का रोकना जरूरी होता है. कोहरे का असर बेहतर प्रबंधन से कम किया जा सकता है, जिससे पौधों को पहुंचने वाले नुकसान को भी कम किया जा सके.

पौधों पर क्या होता है कोहरे का प्रभाव

सर्दी के मौसम में कोहरे के चलते हवा में नमी बर्फ के कण बन जाती है और कम तापमान की वजह से पौधों की कोशिकाएं फट जाती हैं. कोहरे के प्रभाव से फल खराब हो जाते है और फूल झड़ने लगते हैं. कई बार आने वाले सीजन में फलदार पौधे की पैदावार कम होती हैं. पपीता, आम आदि के पौधों पर कोहरे का प्रभाव अधिक पाया गया है. सब्जियों पर भी इसका असर पड़ता है, जिससे कभी-कभी शत प्रतिशत सब्जी की फसल खराब हो जाती है.

पौधों को कोहरे से कैसे बचाएं

बागवानी विभाग ऊना के उपनिदेशक डॉ. सुभाष चंद ने बताया कि जिन पौधों में कोहरे के प्रति प्रतिरोधक क्षमता न हो, उन्हें कोहरे के प्रभाव वाले क्षेत्रों में नहीं लगाया जाना चाहिए. छोटी उम्र के पौधों को विशेष देखभाल की जरूरत होती है. इसके लिए 4-5 साल के पौधों को घास व से ढक दें और दक्षिण पश्चिम दिशा में पौधों को धूप व हवा के लिए खुला रखें. इसके अलावा कोहरा पड़ने की संभावना में पौधों पर पानी का छिड़काव करें. सर्दियों से पहले या सर्दी के मौसम में पौधों को नाइट्रोजन खाद न दें. अनुमोदित मात्रा में पौधों में पोटाश खाद देने से उनकी कोहरा सहने की क्षमता बढ़ती है.

कोहरा प्रभावित पौधों का उपचार

डॉ. सुभाष चंद ने बताया कि कोहरे से प्रभावित पौधों का उपचार करने के लिए फरवरी के अंतिम सप्ताह में नई कोपलें फूटने से पहले ग्रसित पौधों की प्रभावित टहनियों की कांट-छांट इस ढंग से करें कि सूखी टहनी के साथ-साथ कुछ हरा भाग भी कट जाए. काट-छांट के बाद कॉपर ऑक्सीक्लोराइड का छिड़काव करें व कटे हुए भागों पर ब्लाइटॉक्स या बोर्डो पेस्ट का लेप लगाएं. नई पत्तियां आने के 15 दिन बाद 0.5 प्रतशित यूरिया के घोल का छिड़काव करें. उन्होंने कहा कि बेहतर प्रबंधन से कोहरे से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है, जिससे किसानों का लाभ होगा. डॉ. सुभाष ने कहा कि किसी भी समस्या के समाधान के लिए किसान बागवानी विभाग के नजदीकी कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं.

इन पौधों पर होता है कोहरे का असर

ऊना में आम, नींबू प्रजाति के फलों, अमरूद व पपीता आदि के पौधों पर कोहरे के कारण प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. इसके लिए बागवानी विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया जा सकता है, जिससे फलदार पौधों को नुकसान से बचाया जा सके.

पढ़ें: किसानों के लिए फायदेमंद ऊना में हुई बारिश, विभाग ने दी गेहूं की फसल बिजाई की सलाह

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