ऊना: हड़ताल पर चल रही क्रशर उद्योग एसोसिएशन ने सोमवार को जिला मुख्यालय पर बैठक कर आगामी रणनीति पर विचार मंथन किया. इस दौरान एसोसिएशन ने दरपेश आ रही समस्याओं को हल करवाने के लिए सरकार के समक्ष आवाज बुलंद की.
एसोसिएशन का आरोप है कि हिमाचल प्रदेश में हर तरह का टैक्स भरने के बावजूद क्रशर इंडस्ट्री चोर कहला रही है. क्रशर उद्योग एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डिंपल ठाकुर ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि एक तरफ जहां तकनीक के युग में दुनिया चांद पर पहुंच चुकी है.
वहीं, इस इंडस्ट्री के लोगों को एनजीटी के नियमों के अनुसार भी मैकेनिकल माइनिंग से दूर रखा जा रहा है. कहने को तो उद्योग है, लेकिन क्रशर उद्योग के संचालक आज भी तसलों से मैनुअल माइनिंग करने को मजबूर हैं.
क्रशर उद्योग एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डिंपल ठाकुर ने कहा कि जिन लोगों को सरकार द्वारा खनन की लीज प्रदान की गई है वह लोग पूर्ण रूप से अवैध खनन का काम करते हैं, लेकिन उन पर कोई भी शिकंजा नहीं कसा जाता.
यदि सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के तहत खनन की बात है तो केवल मात्र हिमाचल प्रदेश में ही क्रशर उद्योग से जुड़े लोग नियमानुसार काम कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच खनन को लेकर हो रही राजनीति का शिकार होना पड़ता है.
80 एचपी मैकेनिकल माइनिंग की अनुमति प्रदान करने की मांग
वहीं, अपनी लंबित मांगों को लेकर हड़ताल पर चल रही जिला क्रशर उद्योग एसोसिएशन ने सोमवार को जिला मुख्यालय में बैठक कर औद्योगिक इकाइयों को पेश आ रही समस्याओं पर विचार मंथन किया. इस दौरान संघ के प्रदेश अध्यक्ष डिंपल ठाकुर की अगुवाई में एसोसिएशन ने प्रदेश सरकार से एक स्वर में 80 एचपी मैकेनिकल माइनिंग की अनुमति प्रदान करने की मांग उठाई.
क्रशर उद्योग कई समस्याओं से जूझ रहे हैं
एसोसिएशन का तर्क है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा भी इस इंडस्ट्री को मैकेनिकल माइनिंग के लिए यह सुविधा प्रदान की जाती है, लेकिन केवल हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा ही यह सुविधा प्रदान नहीं की जा रही. जिसके चलते क्रशर उद्योग कई समस्याओं से जूझ रहे हैं.
एसोसिएशन का कहना है कि तकनीक के युग में जहां दुनिया चांद पर पहुंच चुके है वहां अभी तक इस वर्ग की इंडस्ट्री केवल मात्र तसलों में खड्डों और नालों से खनन सामग्री उठाने को मजबूर है.
उन्होंने कहा कि दुनिया भर के नियम और कायदे केवल मात्र इस वर्ग की इंडस्ट्री पर ही थोप दिए गए हैं. लेकिन अपने-अपने सत्ता काल में राजनीतिज्ञों ने जिन लोगों को माइनिंग लीज ओपन सेल के लिए प्रदान की है वह लोग न तो किसी नियम को फॉलो करते हैं और न ही मैनुअल माइनिंग को कभी तवज्जो देते हैं, लेकिन क्रशर उद्योग की हालत ऐसी हो चुकी है कि दुनिया भर के टैक्स भरने के बावजूद इस इंडस्ट्री को चोर करार दिया जा रहा है.
एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डिंपल ठाकुर ने कहा कि क्रशर इंडस्ट्री चलाने वाले लोग चोर नहीं हैं. एक तरफ जहां सरकार द्वारा निर्धारित सभी नियम और कायदों का पालन करते हैं वहीं, हर प्रकार के टैक्स भी अदा करते हैं.
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