ऊना: गर्मी के सीजन में हर साल होने वाली पेयजल की कमी से निपटने के लिए जल शक्ति विभाग द्वारा व्यापक खाका तैयार किया गया है. जिला ऊना में स्थापित की गई 217 स्कीमों को दुरुस्त करने के साथ-साथ गर्मी के सीजन में कम डिस्चार्ज के रूप में प्रभावित होने वाली 55 स्कीमों को भी चिन्हित किया गया है. इन स्कीमों को अन्य स्कीमों के साथ इंटरलिंक करने के लिए भी विभाग द्वारा कसरत तेज कर दी गई है, ताकि भीषण गर्मी के सीजन में होने वाली पेयजल की कमी को रोका जा सके. केवल मात्र पेयजल स्कीम ही नहीं अपितु हैंडपंप भी पूरी तरह से दुरुस्त करते हुए लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने का प्लान तैयार किया गया है. पेयजल की कमी के लिए 15 अप्रैल से 15 जून तक का समय पीक माना जाता है.
गर्मी के मौसम में हर साल जिले के विभिन्न क्षेत्रों में होने वाली पानी की कमी को दूर करने के लिए जल शक्ति विभाग ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं. जल शक्ति विभाग द्वारा जिला वासियों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए जिले में करीब 217 पेयजल स्कीमें स्थापित की गई हैं. इनमें से करीब 55 योजनाएं ऐसी हैं जो गर्मी के सीजन में हांफ जाती हैं और पानी का डिस्चार्ज कम हो जाता है. जल शक्ति विभाग के अधीक्षण अभियंता नरेश धीमान का कहना है कि ऐसी स्कीमों को अन्य स्कीमों के साथ इंटरलिंक करते हुए जिला वासियों को पर्याप्त पेयजल उपलब्ध करवाने को लेकर विभाग द्वारा तैयारी शुरू की गई है. उन्होंने बताया कि केवल मात्र पेयजल योजनाएं ही नहीं अपितु हैंडपंप भी पूरी तरह से दुरुस्त किए जा रहे हैं.
गौरतलब है कि प्रदेश के इस मैदानी इलाके में गर्मी का सीजन पीक पर आते-आते कई जगहों पर पेयजल की कमी से लोगों को जूझना पड़ता है. पेयजल की कमी के लिए 15 अप्रैल से 15 जून तक के 2 महीने काफी संवेदनशील माने जाते हैं. हालांकि बरसात का सीजन शुरू होते ही ग्राउंड वाटर लेवल में खुद ब खुद सुधार आना शुरू हो जाता है. जिसके चलते पानी की कमी दूर हो जाती है, लेकिन गर्मी का सीजन हमेशा जल शक्ति विभाग के साथ-साथ जिला वासियों के लिए भी गंभीर चुनौती रहा है. इससे निपटने के लिए ना केवल पुरानी स्कीमों को अप टू डेट किया जा रहा है अपितु पाइप लाइन में चल रही कुछ अन्य योजनाओं को भी जल्द मुकम्मल करते हुए पानी की सप्लाई सुनिश्चित करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं, ताकि जिला वासियों को गर्मी के सीजन में पेयजल की कमी के कारण परेशानी न उठानी पड़े.