ऊना: जिला ऊना में आयुर्वेदिक फार्मासिस्टों की कमी के चलते मरीजों को दवाइयां लेने में परेशानी उठानी पड़ रही है. सरकार द्वारा जिला ऊना में लोगों को आयुर्वेदिक स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करवाने के लिए पांच आयुर्वेदिक अस्पताल और ग्रामीण इलाकों में 69आयुर्वेदिक हेल्थ सेंटर खोले गए हैं, ताकि लोगों को घर के नजदीक स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो सके.
ऊना में आयुर्वेदिक हेल्थ सेंटरों और अस्पतालों में फार्मासिस्टों की भारी कमी के चलते मरीजों को दवाइयां लेने में खासी दिक्कत झेलनी पड़ रही है. वहीं आयुर्वेद विभाग जल्द इन पदों पर फार्मासिस्टों की तैनाती का दावा कर रहा है.
सरकार आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्दति को बढ़ावा देने के बड़े बड़े दावे कर रही है, लेकिन सरकार के यह दावे ऊना में हवा हवाई होते दिखाई दे रहे है. जिला में लोगों को आयुर्वेदिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिये सरकार द्वारा जिला में पांच आयुर्वेदिक अस्पताल खोले हैं, जिनमें से केवल तीन अस्पताल सुचारू रूप से कार्य कर रहे हैं, जबकि दो अस्पतालों में मूलभूत सुविधाओं और स्टाफ की कमी के चलते इनको शुरू भी नहीं किया जा सका है.
वहीं ग्रामीण स्तर पर लोगों को आयुर्वेदिक स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए 70 आयुर्वेद हेल्थ सेंटर खोले गए है, ताकि लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए दूर न जाना पड़े, लेकिन इस आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी पिछले लंबे समय से आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट के करीब 35 पद खाली चल रहे हैं. इसके चलते मरीजों को दवाइयां लेने में खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है.
इसके साथ ही जिला में चार आयुर्वेदिक चिकित्सकों के पद भी रिक्त पड़े हैं, जिसके चलते मरीजों को अपना इलाज करवाने में भी काफी दिक्कत पेश आ रही है. स्थानीय लोगों ने सरकार से आयुर्वेदिक विभाग में खाली पड़े पदों को जल्द भरने की गुहार लगाई है ताकि लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिल पाए.
वहीं, जिला आयुर्वेद अधिकारी सुशील चंद्र नाग ने कहा कि जल्द ही प्रदेश सरकार द्वारा आयुर्वेदिक फार्मोसिस्टों की भर्ती की जा रही है. इससे जिला में खाली चल रहे पदों पर फार्मासिस्ट की तैनाती सुनिश्चित हो पायेगी.
ये भी पढ़ें: ऊना में स्कूटी और ट्रक की जोरदार भिड़ंत, स्कूटी सवार व्यक्ति की मौके पर मौत