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मंत्री वीरेंद्र कंवर ने ऊना में कामधेनु गोशाला का किया निरीक्षण

ग्रामीण विकास व पशुपालन मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने दिव्य ज्योति जागृति संस्थान, नूरमहल जालंधर द्वारा संचालित की जा रही कामधेनु गौशाला का दौरा कर वहां की व्यवस्थाओं की जांच की. उन्होंने बताया कि इस गौशाला में लगभग 900 विभिन्न प्रजातियों के गोवंश का संरक्षण व संवर्धन किया जा रहा है, जिनमें मुख्य तौर पर साहिवाल, हरियाणवी, राठी व गीर शामिल हैं.

virender kanwar
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Published : Aug 30, 2020, 10:47 PM IST

ऊना: ग्रामीण विकास व पशुपालन मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने दिव्य ज्योति जागृति संस्थान, नूरमहल जालंधर द्वारा संचालित की जा रही कामधेनु गौशाला का दौरा कर वहां की व्यवस्थाओं की जांच की.

इस अवसर पर पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि कामधेनु गोशाला का निरीक्षण स्वयं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा भी किया गया है. उन्होंने बताया कि इस गोशाला में लगभग 900 विभिन्न प्रजातियों के गोवंश का संरक्षण व संवर्धन किया जा रहा है, जिनमें मुख्य तौर पर साहिवाल, हरियाणवी, राठी व गीर शामिल हैं.

उन्होंने बताया कामधेनु गोशाला भारत की अग्रणी गोशाला है, जहां सीमन केन्द्र भी है और इसके माध्यम से प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में भी योगदान दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि यहां भारत के विभिन्न क्षेत्रों से फलदार पौधे लाकर एक मधुवाटिका भी बनाई गई है.

मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने इस गोशाला द्वारा गो सरंक्षण एवं संवर्धन के लिए किए जा रह प्रयासों को सराहा और कहा कि हिमाचल प्रदेश में भी गौशाओं को इसी तर्ज पर विकसित किया जाएगा और इसके लिए संस्था का सहयोग भी लिया जाएगा.

इस अवसर पर गोसेवा आयोग के सदस्य कृष्ण पाल शर्मा, कामधेनु के मुखिया स्वामी चिन्मयानंद, स्वामी मनेश्वरानंद, स्वामी सजनानंद व मीना कंवर भी उपस्थित रहे.

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ऊना: ग्रामीण विकास व पशुपालन मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने दिव्य ज्योति जागृति संस्थान, नूरमहल जालंधर द्वारा संचालित की जा रही कामधेनु गौशाला का दौरा कर वहां की व्यवस्थाओं की जांच की.

इस अवसर पर पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि कामधेनु गोशाला का निरीक्षण स्वयं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा भी किया गया है. उन्होंने बताया कि इस गोशाला में लगभग 900 विभिन्न प्रजातियों के गोवंश का संरक्षण व संवर्धन किया जा रहा है, जिनमें मुख्य तौर पर साहिवाल, हरियाणवी, राठी व गीर शामिल हैं.

उन्होंने बताया कामधेनु गोशाला भारत की अग्रणी गोशाला है, जहां सीमन केन्द्र भी है और इसके माध्यम से प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में भी योगदान दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि यहां भारत के विभिन्न क्षेत्रों से फलदार पौधे लाकर एक मधुवाटिका भी बनाई गई है.

मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने इस गोशाला द्वारा गो सरंक्षण एवं संवर्धन के लिए किए जा रह प्रयासों को सराहा और कहा कि हिमाचल प्रदेश में भी गौशाओं को इसी तर्ज पर विकसित किया जाएगा और इसके लिए संस्था का सहयोग भी लिया जाएगा.

इस अवसर पर गोसेवा आयोग के सदस्य कृष्ण पाल शर्मा, कामधेनु के मुखिया स्वामी चिन्मयानंद, स्वामी मनेश्वरानंद, स्वामी सजनानंद व मीना कंवर भी उपस्थित रहे.

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