ऊना: कोरोना संकट का हवाला देकर विधानसभा का शीतकालीन सत्र स्थगित करने के फैसले पर नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश भाजपा सरकार ने पूरे हिमाचल को आग में झोंक दिया है और अब वह अपनी जवाबदेही से बचने के लिए बहाने बना रही है.
शीतकालीन सत्र पर घमासान
विधानसभा सत्र टालने के फैसले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह सरकार अब तक की सबसे पिटी हुई सरकार है. उन्होंने कहा कि सत्र टालने को लेकर कोरोना नियमों का हवाला दिया जा रहा है लेकिन विधानसभा में कानून बनते हैं और कोरोना को लेकर सरकार की वहां जवाबदेही तय होती है.
जयराम सरकार पर गंभीर आरोप
उन्होंने कहा कि प्रदेश भाजपा सरकार ने पूरे हिमाचल को आग में झोंक दिया है और अब वह अपनी जवाबदेही से बचने के लिए बहाने बना रही है. विस सत्र टालने के फैसले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह सरकार अब तक की सबसे पिटी हुई सरकार है। उन्होंने कहा कि सत्र टालने को लेकर कोरोना नियमों का हवाला दिया जा रहा है लेकिन विधानसभा में कानून बनते हैं और कोरोना को लेकर सरकार की वहां जवाबदेही तय होती है.
रैलियां हो सकती हैं तो सत्र क्यों नहीं: अग्निहोत्री
उन्होंने कहा कि विधानसभा संवैधानिक जरूरत नहीं है तो और क्या है? कोरोना काल में जब रैलियां हो सकती हैं, चुनाव हो सकते हैं और मुख्यमंत्री जम्मू-कश्मीर में चुनावी रैलियों में वोट मांग सकते हैं तो कोरोना काल में सत्र क्यों नहीं हो सकता था? उन्होंने कहा कि विभिन्न सर्वे में कोविड-19 को लेकर हिमाचल बुरी तरह से पिछड़ गया है.
हिमाचल में कोरोना बेलगाम
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि एक सर्वे में देश के पहले 19 राज्यों की लिस्ट में पहले 8 राज्यों में हिमाचल प्रदेश शामिल हैं जो कि प्रदेश सरकार की कोरोना नियंत्रण व्यवस्था को जाहिर करता है. प्रदेश सरकार अब हिम सुरक्षा योजना शुरू करने का दम भर रही है. पूरे प्रदेश को कोरोना की आग में झोंक कर अब योजनाएं शुरू करने की प्रदेश भाजपा सरकार को याद कैसे आ गई. उन्होंने कहा कि कोरोना प्रदेश में बेलगाम हो चुका है और लगातार करने की चपेट में लोग आ रहे हैं. मौत का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है लेकिन प्रदेश सरकार इस पर कुछ भी करने में नाकाम साबित हो रही है.
ये भी पढ़ें: विधानसभा का शीतकालीन सत्र न करने का निर्णय उचित एवं सामयिक: धूमल