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ऊना में किसान मेले का आयोजन, कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को जल संचय और संरक्षण के दिए टिप्स

कृषि वैज्ञानिकों ने मेले में पहुंचे किसानों को पानी के महत्व बताते हुए जल संचय और जल संरक्षण के टिप्स दिए. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सत्ती ने कहा कि लोगों को जागरूक करने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न विभागों के माध्यम से कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं

ऊना में किसान मेले का आयोजन, कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को जल संचय और संरक्षण के दिए टिप्स
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Published : Sep 4, 2019, 9:01 AM IST

ऊना: कृषि विज्ञान केंद्र में जल शक्ति अभियान के तहत किसान मेले का आयोजन किया गया. जिसमें भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सत्ती ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की. वहीं, कृषि वैज्ञानिकों ने मेले में पहुंचे किसानों को पानी के महत्व बताते हुए जल संचय और जल संरक्षण के टिप्स दिए.

बता दें कि ऊना जिला देश के उन 255 जिलों में शुमार है जहां पर भूमिगत जल का स्तर लगातार गिर रहा है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार जिला में एक दशक में भू-जल स्तर लगभग 2 मीटर नीचे गया है, जो कि चिंता का विषय है. ऊना में भूमि में मौजूद पानी से 148 प्रतिशत अधिक पानी का इस्तेमाल पीने और सिंचाई के लिए हो रहा है. किसान मेले के दौरान किसानों को कृषि की आधुनिक तकनीकों, उत्पादों से सम्बंधित जानकारी भी दी गई.

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ऊना जिला को इस समस्या से बाहर निकालने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार के साथ-साथ विभिन्न विभाग व संस्थाएं प्रयासरत है. इसी कड़ी के तहत कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा जल शक्ति अभियान को लेकर ऊना में किसान मेले का आयोजन किया गया.

वहीं चौधरी सरवन कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के अनुसंधान विभाग के निदेशक वीके वत्स ने किसानों को कम पानी का प्रयोग कर उन्नत खेती के बारे में बताया और खेतों के माध्यम से भूमि में पानी को रिचार्ज करने की जानकारी भी दी.

ये भी पढ़ें: कैसे पढ़े और कैसे बढ़ें: आजादी के सात दशक बाद भी खतरनाक नाले की लहरों को चीरते हुए स्कूल पहुंचे हैं बच्चे

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सत्ती ने कहा कि देश में पानी की समस्या से निपटने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने जलशक्ति अभियान का आगाज किया है. सत्ती ने कहा कि भू-जल स्तर लगातार गिर रहा है जिसकी चपेट में जिला ऊना भी आया है. उन्होंने कहा कि लोगों को जागरूक करने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न विभागों के माध्यम से कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, ताकि इस समस्या से निपटा जा सके.

ऊना: कृषि विज्ञान केंद्र में जल शक्ति अभियान के तहत किसान मेले का आयोजन किया गया. जिसमें भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सत्ती ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की. वहीं, कृषि वैज्ञानिकों ने मेले में पहुंचे किसानों को पानी के महत्व बताते हुए जल संचय और जल संरक्षण के टिप्स दिए.

बता दें कि ऊना जिला देश के उन 255 जिलों में शुमार है जहां पर भूमिगत जल का स्तर लगातार गिर रहा है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार जिला में एक दशक में भू-जल स्तर लगभग 2 मीटर नीचे गया है, जो कि चिंता का विषय है. ऊना में भूमि में मौजूद पानी से 148 प्रतिशत अधिक पानी का इस्तेमाल पीने और सिंचाई के लिए हो रहा है. किसान मेले के दौरान किसानों को कृषि की आधुनिक तकनीकों, उत्पादों से सम्बंधित जानकारी भी दी गई.

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ऊना जिला को इस समस्या से बाहर निकालने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार के साथ-साथ विभिन्न विभाग व संस्थाएं प्रयासरत है. इसी कड़ी के तहत कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा जल शक्ति अभियान को लेकर ऊना में किसान मेले का आयोजन किया गया.

वहीं चौधरी सरवन कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के अनुसंधान विभाग के निदेशक वीके वत्स ने किसानों को कम पानी का प्रयोग कर उन्नत खेती के बारे में बताया और खेतों के माध्यम से भूमि में पानी को रिचार्ज करने की जानकारी भी दी.

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भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सत्ती ने कहा कि देश में पानी की समस्या से निपटने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने जलशक्ति अभियान का आगाज किया है. सत्ती ने कहा कि भू-जल स्तर लगातार गिर रहा है जिसकी चपेट में जिला ऊना भी आया है. उन्होंने कहा कि लोगों को जागरूक करने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न विभागों के माध्यम से कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, ताकि इस समस्या से निपटा जा सके.

Intro:स्लग -- कृषि विज्ञान केंद्र में लगा जलशक्ति अभियान के तहत किसान मेला, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सत्ती बतौर मुख्यातिथि हुए शामिल, कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को जल संचय और संरक्षण के दिए टिप्स, ऊना जिला में भू-जल स्तर में दर्ज की गई है गिरावट।Body: एंकर -- ऊना के कृषि विज्ञान केंद्र में जल शक्ति अभियान के तहत किसान मेले का आयोजन किया गया। जिसमें भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सत्ती ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की और मेले का आगाज किया। वहीँ कृषि वैज्ञानिकों ने मेले में पहुंचे किसानों को पानी की महत्ता बताते हुए जल संचय और जल संरक्षण के टिप्स दिए। जिला ऊना में भू-जल स्तर लगातार गिर रहा है जिसके चलते केंद्र सरकार द्वारा जिला ऊना को उन 255 जिलों में शामिल किया है जहाँ लगातार जल स्तर में गिरावट आ रही है। किसान मेले के दौरान किसानों को कृषि की आधुनिक तकनीकों, उत्पादों और उर्वरकों से सम्बंधित जानकारी भी दी गई।

वी ओ 1-- ऊना जिला के रामपुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में जल शक्ति अभियान के तहत किसान मेले का आयोजन किया गया। आपको बता दे कि ऊना जिला देश के उन 255 जिलों में शुमार है जहाँ पर भूमिगत जल का स्तर लगाता गिर रहा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार ऊना जिला में एक दशक में भू-जल स्तर लगभग 2 मीटर नीचे गया है, जो कि चिंता का विषय है। ऊना में भूमि में मौजूद पानी से 148 प्रतिशत अधिक पानी का इस्तेमाल पीने और सिंचाई के लिए हो रहा है। ऊना जिला को इस समस्या से बाहर निकालने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार के साथ-साथ विभिन्न विभाग व संस्थाएं प्रयासरत है। इसी कड़ी के तहत कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा जल शक्ति अभियान को लेकर ही ऊना में किसान मेले का आयोजन किया गया। किसान मेले का शुभारंभ भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने किया वहीँ कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को कृषि की आधुनिक तकनीकों, उत्पादों और उर्वरकों से सम्बंधित जानकारी देने के साथ ही जल संचय और जल संरक्षण के टिप्स भी दिए।


बाइट -- वीके वत्स (निदेशक अनुसंधान, कृषि विश्व विद्यालय पालमपुर)
KISAN MELA 3
वहीं चौधरी सरवन कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के अनुसंधान विभाग के निदेशक वीके वत्स ने किसानों को कम पानी का प्रयोग कर उन्नत खेती के बारे बताया वहीँ खेतों के माध्यम से भूमि में पानी को रिचार्ज करने की जानकारी भी दी।

बाइट-- सतपाल सिंह सत्ती (प्रदेशाध्यक्ष, भाजपा)
KISAN MELA 4

वहीँ भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सत्ती ने कहा कि देश में पानी की समस्या से निपटने के पीएम नरेंद्र मोदी ने जलशक्ति अभियान का आगाज किया है। सत्ती ने कहा कि अगर पीने के पानी की समस्या पेश आ रही है तो सिंचाई के लिए जल कहाँ से मिलेगा। सत्ती ने कहा कि पहले देश में तालाब और कुँओं में पानी होता था जिससे पानी के प्रयोग के साथ साथ भूमि में पानी रिचार्ज भी होता रहता था । लेकिन अब सस्ते दामों पर घर-घर में पानी पहुँच गया है। जिस कारण उसका दुरूपयोग भी शुरू हो गया है और इसी के कारण पानी की किल्लत आना शुरू हो गई है। सत्ती ने कहा कि भू-जल स्तर लगातार गिर रहा है जिसकी चपेट में जिला ऊना भी आया है। सत्ती ने कहा कि लोगो को जागरूक करने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न विभागों के माध्यम से कई कार्यक्रम चलाये जा रहे है, ताकि इस समस्या से निपटा जा सके। Conclusion:
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