ऊना: हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के बसोली में शुक्रवार को पुलिस ने नकली दवाओं का एक बड़े गोदाम का पर्दाफाश किया है. दरअसल, पुलिस की छापेमारी से ठीक पहले इन दवाओं को जलाने का भी प्रयास किया गया, जिसके चलते लाखों की संख्या में टैबलेट्स जले हुए भी बरामद किए गए हैं. बता दें कि नकली और प्रतिबंधित दवाओं के मामले के मास्टरमाइंड द्वारा बसोली और चताड़ा रोड पर खरीदी गई एक प्रॉपर्टी में बनाए गए सेप्टिक टैंक में से दवाओं को रैप करने वाले पेपर रोल भी बड़ी मात्रा में बरामद किए गए. इन दवाओं का निर्माण यहां हो रहा था या कहीं और इसको लेकर भी पुलिस द्वारा जांच शुरू कर दी गई है.
प्रतिबंधित दवाओं के कारोबारी को लेकर पुलिस द्वारा साझा की गई सूचना के अनुसार वह उत्तर प्रदेश का निवासी है और करीब 25 साल से इसी जगह पर रह रहा था. कई साल पहले यह यहां पर निजी मेडिकल प्रैक्टिशनर के तौर पर भी काम करता रहा, जबकि उसके बाद उसने एक निजी स्कूल भी खोल लिया. पुलिस अब इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के ड्रग इंस्पेक्टर के साथ मिलकर जांच में आगे बढ़ा रही है और यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि क्या इन दवाओं का मैन्युफैक्चरिंग इसी जगह पर होता था या किसी अन्य स्थान पर.
फिलहाल पुलिस द्वारा यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि इन दवाइयां का निर्माण आखिर कहां किया जा रहा था. हालांकि अभी तक इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड व्यक्ति पुलिस के हाथ नहीं लगा है, उसकी धर पकड़ के लिए भी अभियान तेज कर दिया गया है. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार भाटिया ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि पुलिस इस मामले की विस्तृत जांच में जुटी है पुलिस द्वारा बरामद की गई सभी दवाइयां कब्जे में ली गई है, जिन्हें फॉरेंसिक लैब जांच के लिए भेजा जाएगा इसके साथ-साथ जली हुई दवाइयों को भी कब्जे में लेकर जांच की जा रही है.
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