ऊना: कोरोना की वजह से एक माह में 4 स्वस्थ व्यक्तियों की मौत हुई है. यह बात उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने कही है. डीसी ने कहा कि लोग कोरोना को हल्के में ले रहे हैं और टेस्ट कराने में देरी कर रहे हैं, जिसकी वजह से स्वस्थ व्यक्तियों की भी मृत्यु हो रही है. एकाएक व्यक्ति में ऑक्सीजन का स्तर नीचे आ जाता है, जो उसकी मृत्यु का कारण बन रहा है.
उन्होंने कहा कि नजदीकी स्वास्थ्य संस्थानों में कोरोना टेस्ट की सुविधा निशुल्क उपलब्ध है तथा टेस्ट कराने से संक्रमण का समय पर पता चल सकता है, जिससे कोरोना संक्रमित व्यक्ति को सही समय पर सही इलाज मिल पाता है.
जिलाधीश राघव शर्मा ने कहा कि जिला ऊना में कोरोना के इलाज के लिए उचित प्रबंध हैं और अधिकतर कोरोना मरीजों का इलाज परिवार के साथ होम आइसोलेशन में ही हो रहा है, बशर्ते कि होम आइसोलेशन के मुताबिक सरकार द्वारा निर्धारित मापदंड पूरे हों. उन्होंने कहा कि ठंड में कोरोना का प्रकोप बढ़ने की आशंका है और स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में एडवाइजरी भी जारी की है. उन्होंने कहा कि जब तक कोरोना की वैक्सीन नहीं आती, तब तक मास्क को ही दवाई समझें और स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किए जा रहे दिशा-निर्देशों का पालन करें.
निजी चिकित्सक स्वास्थ्य विभाग को दें जानकारी
उपायुक्त ने कहा कि निजी चिकित्सकों को भी फ्लू जैसे लक्षणों वाले मरीजों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग के साथ साझा करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना का संक्रमण ठीक होने के बाद व्यक्ति के लिए पीजीआई चंडीगढ़ में एक केंद्र खोला गया है.
उन्होंने कहा कि जिला ऊना में कोरोना के मरीजों का पता लगाने के लिए 25 नवंबर से 27 दिसंबर तक एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान छेड़ा जाएगा. डीसी ने कहा कि विभिन्न आयोजनों में लोगों के एकत्र होने की अधिकतम संख्या को कम कर दिया गया है.
उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रकार के सामाजिक, शैक्षणिक, खेल गतिविधियों, मनोरंजन, सांस्कृतिक, धार्मिक, राजनीतिक तथा अन्य सामूहिक गतिविधियों के आयोजनों के लिए बंद स्थलों पर हॉल की क्षमता के 50 प्रतिशत तथा अधिकतम 100 लोगों के एकत्र होने की अनुमति होगी.
आयोजन स्थल पर फेस मास्क पहने रहना, सामाजिक दूरी बनाए रखना, हैंड वॉश व सैनिटाइजर का प्रयोग और थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था अनिवार्य तौर पर सुनिश्चित करनी होगी. उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों की पूर्व में जानकारी देना आयोजक का दायित्व होगा और पुलिस विभाग को इस पर नजर रखने के आदेश दिए गए हैं.
डीसी ने बताया कि ऐसे आयोजनों में यदि सामुदायिक रसोई, धाम या पेशेवर कैटरिंग की आवश्यकता हो, तो प्रबंधक एवं कैटरिंग स्टाफ का आयोजन से 96 घंटे पूर्व कोविड-19 की जांच हेतु रेपिड एंटीजन टेस्ट करवाना अनिवार्य है.