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ऊना में दवाई की दुकानों को आवंटित किए जाने के मामले को लेकर जिला केमिस्ट एसोसिएशन ने खोला मोर्चा

सरकारी अस्पताल ऊना में दवाई की दुकानों को आवंटित किए जाने के मामले को लेकर जिला केमिस्ट एसोसिएशन ने मोर्चा खोल दिया है. एसोसिएशन का आरोप है कि दुकान को आवंटित करने में विभाग ने सारे नियम कादों को ताक पर रख दिया गया है.

Government Hospital Una
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Published : Oct 17, 2020, 8:43 PM IST

Updated : Oct 18, 2020, 1:06 PM IST

ऊना: सरकारी अस्पताल ऊना में दवाई की दुकानों को आवंटित किए जाने के मामले को लेकर जिला केमिस्ट एसोसिएशन ने मोर्चा खोल दिया है. एसोसिएशन का आरोप है कि दुकान को आवंटित करने में विभाग ने सारे नियम कायदों को ताक पर रख दिया गया है.

जिला केमिस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि मिलीभगत के कारण दुकान को मात्र 9800 रुपये प्रति महीने की दर से आवंटित कर दिया गया, जबकि इस दुकान के लिए पहले एक लाख रुपये में देने की बात हुई थी. वहीं, अस्पताल प्रशासन ने नियमों के तहत दुकानों को आवंटित किए जाने की बात कही है.

वीडियो.

जिला केमिस्ट एसोसिएशन प्रधान मुनीश चड्ढा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पहले से ही दवाइयों की दो सरकारी दुकानें अस्पताल के अंदर मौजूद हैं. इसके बावजूद एक नई दवाइयों की दुकान अस्पताल के प्रांगण में देने की क्या जरुरत थी, जबकि उसके तीस मीटर पर दवाई की दस निजी दुकानें पहले से चल रही हैं. किस कारण से अस्पताल के प्रांगण में एक निजी दुकान को खोलने की आवश्कता विभाग को पड़ गई है.

मुनीश चड्ढा ने बताया कि 2017 में यहीं दुकान एक लाख रुपए किराए पर जा रही थी, लेकिन 2020 में वही दुकान 9800 रुपये दे दी गई है. जिससे न केवल सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है बल्कि अस्पताल के सामने चल रही दवाइयों कि दुकानों पर भी विपरीत असर पड़ेगा.

वीडियो.

जिला केमिस्ट एसोसिएशन प्रधान ने आरोप लगाया कि सबकुछ एक कमरे में बैठकर नियमों की परवाह किए बगैर फाइनल कर दिया गया है. एसोसिएशन ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि इस आवंटन की उचित जांच करवाई जाए और इसका आवंटन रद्द किया जाए. अगर हमारी मांग को नहीं सुना गया तो हमें मजबूरन धरना प्रदर्शन करना पड़ेगा.

वहीं, जब इस मामले पर अस्पताल प्रबंधन से बात की गई तो उन्होंने दुकानों को नियमों के तहत ही आवंटित किए जाने और सरकारी कायदे से ही काम को किये जाने की बात कही है.

पढ़ें: ABVP ने HPU में कुलपति की रोकी गाड़ी, पुलिस और छात्रों के बीच धक्कामुक्की

ऊना: सरकारी अस्पताल ऊना में दवाई की दुकानों को आवंटित किए जाने के मामले को लेकर जिला केमिस्ट एसोसिएशन ने मोर्चा खोल दिया है. एसोसिएशन का आरोप है कि दुकान को आवंटित करने में विभाग ने सारे नियम कायदों को ताक पर रख दिया गया है.

जिला केमिस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि मिलीभगत के कारण दुकान को मात्र 9800 रुपये प्रति महीने की दर से आवंटित कर दिया गया, जबकि इस दुकान के लिए पहले एक लाख रुपये में देने की बात हुई थी. वहीं, अस्पताल प्रशासन ने नियमों के तहत दुकानों को आवंटित किए जाने की बात कही है.

वीडियो.

जिला केमिस्ट एसोसिएशन प्रधान मुनीश चड्ढा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पहले से ही दवाइयों की दो सरकारी दुकानें अस्पताल के अंदर मौजूद हैं. इसके बावजूद एक नई दवाइयों की दुकान अस्पताल के प्रांगण में देने की क्या जरुरत थी, जबकि उसके तीस मीटर पर दवाई की दस निजी दुकानें पहले से चल रही हैं. किस कारण से अस्पताल के प्रांगण में एक निजी दुकान को खोलने की आवश्कता विभाग को पड़ गई है.

मुनीश चड्ढा ने बताया कि 2017 में यहीं दुकान एक लाख रुपए किराए पर जा रही थी, लेकिन 2020 में वही दुकान 9800 रुपये दे दी गई है. जिससे न केवल सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है बल्कि अस्पताल के सामने चल रही दवाइयों कि दुकानों पर भी विपरीत असर पड़ेगा.

वीडियो.

जिला केमिस्ट एसोसिएशन प्रधान ने आरोप लगाया कि सबकुछ एक कमरे में बैठकर नियमों की परवाह किए बगैर फाइनल कर दिया गया है. एसोसिएशन ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि इस आवंटन की उचित जांच करवाई जाए और इसका आवंटन रद्द किया जाए. अगर हमारी मांग को नहीं सुना गया तो हमें मजबूरन धरना प्रदर्शन करना पड़ेगा.

वहीं, जब इस मामले पर अस्पताल प्रबंधन से बात की गई तो उन्होंने दुकानों को नियमों के तहत ही आवंटित किए जाने और सरकारी कायदे से ही काम को किये जाने की बात कही है.

पढ़ें: ABVP ने HPU में कुलपति की रोकी गाड़ी, पुलिस और छात्रों के बीच धक्कामुक्की

Last Updated : Oct 18, 2020, 1:06 PM IST
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